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    सर्वाइकल कैंसर छीन सकता है महिलाओं की जिंदगी; समय रहते कर लें इन लक्षणों की पहचान

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 07:25 PM (IST)

    सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है। वैक्सीन उपलब्ध होने के बावजूद हर साल कई महिलाएं इससे जान गंवाती हैं। शुरुआती स्टेज में इसके लक्षण मुश्किल से पता चलते हैं। ऐसे में समय रहते इसके लक्षणों की पहचान करना जरूरी है। आइए जानते हैं इसके कुछ लक्षण और बचाव के तरीके।

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    सर्वाइकल कैंसर कारण, लक्षण और बचाव के तरीके (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कैंसर पूरी दुनिया में काल बनकर छाया हुआ है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो किसी को भी अपना शिकार बना सकती है और देरी से पता चलने पर अक्सर जानलेवा भी साबित हो सकती है। कैंसर के कई प्रकार होते हैं, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में होने की वजह से उन्हीं के नाम से जाने जाते हैं। वहीं, कुछ कैंसर ऐसे भी होते हैं, जो सिर्फ महिलाओं या सिर्फ पुरुषों को प्रभावित करते हैं।

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    सर्वाइकल कैंसर इन्हीं में से एक है, जो दुनियाभर में कई महिलाओं के लिए एक खतरनाक बीमारी के रूप में उभरा है। WHO के मुताबिक यह महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है। हैरानी की बात यह है कि इस बीमारी से बचने के लिए वैक्सीन भी मौजूद है, लेकिन बावजूद इसके हर साल कई महिलाएं इसकी वजह से जान गवां देती हैं। ऐसे में इससे बचाव के लिए इसके प्रमुख कारणों को जानना जरूरी है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे फैक्टर्स, जो बनते हैं सर्वाइकल कैंसर का कारण-

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    सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

    क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती स्टेज में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते और इनका पता लगाना मुश्किल होता है। सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षणों को विकसित होने में समय लग सकता है। स्टेज I सर्वाइकल कैंसर के लक्षण और संकेत निम्नलिखित हो सकते हैं:

    • वजाइना से पानी जैसा या खून का डिस्चार्ज होना, जो हैवी हो सकता है और इसमें दुर्गंध आ सकती है।
    • सेक्स के बाद, पीरियड्स के बीच या मेनोपॉज के बाद वजाइना से ब्लीडिंग होना।
    • सेक्स के दौरान दर्द (डिस्पेरुनिया)

    अगर कैंसर आस-पास के टिश्यू या अंगों में फैल गया है, तो लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:

    • यूरिन करने में कठिनाई या दर्द, कभी-कभी खून भी आना।
    • मल त्याग करते समय दस्त, दर्द या मलाशय से ब्लीडिंग।
    • थकान, वजन और भूख में कमी
    • पीठ में हल्का दर्द या पैरों में सूजन।
    • पेल्विक/पेट में दर्द।

    सर्वाइकल कैंसर का रिस्क फैक्टर

    • धूम्रपान, तंबाकू और शराब कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। इसलिए इससे बचें क्योंकि ये शरीर की इम्युमिटी को कमजोर करते हैं और इन्फेक्शन के प्रति सेंसिटिव बनाते हैं।
    • प्रोसेस्ड फ्रोजन फूड्स सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं और इस कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। इसलिए कैंसर का खतरा कम करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर हेल्दी डाइट लें।
    • जरूरत से ज्यादा वजन भी कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं। इसलिए हेल्दी वेट बनाए रखने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज करें। फिजिकली एक्टिव रहने से मोटापे को कम करने में मदद मिलती है, जो कई बीमारियों का कारण बनता है।
    • कैंसर से बचने के लिए अपनी पर्सनल हाइजीन का भी ध्यान रखें। खासकर पीरियड्स के दौरान
    • विशेष रूप से मासिक धर्म के दौरान अपने जेनिटल्स की अच्छी स्वच्छता बनाए रखें। खराब हाइजीन इन्फेक्शन का कारण बन सकती है, जिसका अगर इलाज न किया जाए तो यह पुराना हो सकता है और महिला के रिप्रोडक्टिव सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
    • अनसेफ सेक्स सर्वाइकल कैंसर का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर है। असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने की वजह से HPV (मानव पेपिलोमा वायरस) ट्रांसमिट हो सकता है, जो महिलाओं के सर्विक्स को प्रभावित करता है, जो समय के साथ सर्वाइकल कैंसर में बदल जाता है।
    • कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स भी सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकती हैं। दरअसल, यह पिल्स में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के सिंथेटिक संस्करणों से बनी होती हैं। शरीर में इस हार्मोन की ज्यादा मात्रा कैंसर सेल्स के विकास में मदद करते हैं।

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