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    कभी तेज तो कभी धीमी हो जाती हैं द‍िल की धड़कनें? Arrhythmia के हो सकते हैं लक्षण; जानें बचाव के तरीके

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 12:02 PM (IST)

    आजकल की खराब लाइफस्‍टाइल के कारण दिल से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। उन्‍हीं में से एरिथमिया भी ए‍क है। ये दिल की धड़कन की समस्या है जिसमें धड़कनें तेज धीमी या अनियमित हो जाती हैं। कुछ मामलों में यह मामूली होती है लेकिन कुछ में गंभीर भी हो सकती है। इससे बचाव के ल‍िए लक्षणों को जानना जरूरी है।

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    क्‍या हैं Arrhythmia के लक्षण? (Image Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज कल की भागदाैड़ भरी ज‍िंदगी में लोग कई तरह की बीमार‍ियों की चपेट में आ रहे हैं। इसके पीछे गलत खानपान और हमारी अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल ही ज‍िम्‍मेदार हैं। इनमें दिल से जुड़ी बीमारियां भी शामिल हैं। द‍िल का काम हमारे पूरे शरीर में खून, ऑक्‍सीजन और पोषक तत्‍वों को पहुंचाना होता है। लेकिन कभी-कभी दिल की धड़कनें बहुत तेज, बहुत धीमी या फिर गड़बड़ हो जाती है। इसे Arrhythmia कहते हैं।

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    आमतौर पर ये समस्‍या होने पर कोई खास लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन कुछ लोगों को सीने में घबराहट, चक्कर आना, थकान या बेहोशी जैसी समस्‍याएं हो सकती हैं। कुछ एरेथमिया मामूली होती हैं और इलाज की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन कुछ गंभीर भी हो सकते हैं। इससे दिल से जुड़ी द‍िक्‍कतें बढ़ने का खतरा पैदा हो जाता है।

    ऐसे में इस बीमारी के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके को जानना बहुत ही ज्‍यादा जरूरी है। आज का हमारा लेख भी इसी व‍िषय पर है। हम आपको इस लेख में Arrhythmia के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से -

    क्‍या है Arrhythmia?

    क्‍लीवलैंड क्‍लीन‍िक के मुताब‍िक, Arrhythmia को Dysrhythmia भी कहा जाता है। ये दिल की धड़कन से जुड़ी एक समस्या है, जिसमें कभी-कभार धड़कनें बहुत तेज, बहुत धीमी या अनियमित हो जाती हैं। ऐसा तब होता है जब ल के किसी हिस्से में या ब्‍लड सर्कुलेशन में कोई गड़बड़ी हो जाती है। दिल का सही तरीके से धड़कना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यही पूरे शरीर में खून के जरिए ऑक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व पहुंचाने का काम करता है।

    कितनी गंभीर हो सकती है ये द‍िक्‍कत?

    कुछ Arrhythmia तो नॉर्मल होती हैं और किसी इलाज की जरूरत नहीं पड़ती। जबक‍ि कुछ मामलों में ये कार्डियक अरेस्ट का कारण भी बन सकती है। आमतौर पर ये तीन तरह की होती हैं -

    • Supraventricular Arrhythmias: ये दिल के ऊपरी हिस्से में शुरू होती है।
    • Ventricular arrhythmias: ये दिल के वेंट्रिकल्स में शुरू होती है।
    • Bradyarrhythmias and junctional rhythms: ये समस्‍या तब होती हैं जब दिल में इलेक्ट्रिक सिग्नल सिस्टम में गड़बड़ी हो जाती है।

    यह भी पढ़ें: धड़कन स्किप होना प्यार का नहीं, हार्ट एरिथमिया का कारण हो सकता है, जानें इससे बचाव के तरीके

    क्‍या हैं इसके लक्षण

    • दिल की धड़कनाें का अचानक से तेज होना
    • द‍िल की धड़कनों में गड़बड़ी होना
    • चक्कर आना या सिर घूमना
    • बेहोशी छाना
    • सांस फूलना
    • सीने में दर्द या भारीपन महसूस होना
    • थकावट या कमजोरी महसूस होना

    इसके कारण भी जानें

    • हार्ट की धमनियों में ब्‍लॉकेज
    • दिल के tissues में जलन या नुकसान होना
    • हाई ब्लड प्रेशर
    • दिल की मांसपेशियों में बदलाव होना
    • हार्ट वाल्व में गड़बड़ी होना
    • शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन होना

    किन्‍हें होता है ज्‍यादा खतरा?

    • सिगरेट और शराब पीने वालों को
    • बहुत ज्यादा चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक पीने वालों को
    • सर्दी-जुकाम की दवा या हर्बल सप्लीमेंट्स लेने पर
    • हाई ब्लड प्रेशर
    • मोटापा
    • डायबिटीज या हाई ब्लड शुगर के मरीजों को
    • नींद न पूरी होने पर

    बचाव कैसे करें?

    • सिगरेट छोड़ दें
    • शराब का सेवन कम करें
    • कैफीन सीमित मात्रा में लें
    • बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा या हर्बल सप्लीमेंट न लें
    • ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर कंट्रोल में रखें
    • वजन मेंटेन करें
    • स्‍लीप एपनिया का इलाज कराएं
    • रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें
    • नमक और चीनी सीम‍ित मात्रा में लें
    • तनाव न लें
    • अच्छी नींद लें

    यह भी पढ़ें: अचानक नहीं आता Cardiac Arrest, शरीर देता है ये संकेत; एक्‍सपर्ट से जानें बचाव के तरीके

    Source- Cleveland Clinic

    • https://my.clevelandclinic.org/health/diseases/16749-arrhythmia