Heart Arrhythmia: धड़कन स्किप होना प्यार का नहीं, हार्ट एरिथमिया का कारण हो सकता है, जानें इससे बचाव के तरीके
दिल की धड़कन का स्किप होना आपने फिल्मों और कहानियों में सुना होगा लेकिन यह सिर्फ कहानियों में ही अच्छा लगता है। अगर ऐसा असल जिंदगी में आपके साथ होने लगे तो यह हार्ट एरिथमिया के कारण हो सकता है। इसकी वजह से आपको अचानक से ऐसा लग सकता है जैसे दिल में फड़फड़ाहट सी हो रही है। जानें क्या है हार्ट एरिथमिया की कंडिशन लक्षण और बचाव के तरीके।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Heart Arrhythmia: आपने फिल्मों में या कहानियों में ऐसे लम्हों के बारे में कई बार देखा या पढ़ा होगा जब किसी कि दिल की धड़कने रुक गई हों। काल्पनिक दुनिया में दिल की धड़कनों का रुक जाने का संबंध हेल्थ इशूज से नहीं बल्कि प्यार या डर से होता है। जबकि असल जिंदगी में दिल की धड़कने अगर स्किप होती हैं, तो इस स्थिति में सावधान हो जाने की जरूरत होती है।
आपको लग सकता है कि यह कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन यह हार्ट एरिथमिया के कारण हो सकता है। इसमें अचानक से आपके दिल की धड़कनें असमान्य हो सकती हैं। यह थोड़ी देर में खुद ही ठीक भी हो सकती हैं, लेकिन यह किसी गंभीर समस्या की ओर संकेत भी करता है। इसलिए इस बारे में जानकारी होना जरूरी है। आइए जानते हैं क्या होता है हार्ट एरिथमिया, क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव।
यह भी पढ़ें: 2050 तक हो सकती है Stroke के कारण 10 मिलियन मौतें, जानें क्या है बचाव के तरीके
क्या है हार्ट एरिथमिया?
हार्ट एरिथमिया उस स्ठिति को कहते हैं, जब आपके दिल के इलेक्ट्रिक सिग्नल, जो आपकी धड़कनों को कंट्रोल करते हैं, उनमें कोई दिक्कत आती है और वे ठीक से काम नहीं करते। इसका कारण यह हो सकता है कि आपके दिल के किसी हिस्से में या ब्लड पम्प करने में समस्या हो रही है। जिसकी वजह से दिल की धड़कनें असमान्य तरीके से धड़कने लगती हैं और धड़कनें या तो बहुत तेज हो जाती हैं या धीमी हो जाती हैं।
हालांकि, कई स्थितियों में सामान्य तौर पर दिल की धड़कने तेज हो जाती हैं जैसे एक्सरसाइज या रनिंग। यह कोई चिंता की बात नहीं होती है। इस स्थिति से कभी-कभी कोई हानि नहीं होती, लेकिन कभी-कभी इससे जानलेवा समस्या भी हो सकती है। इसलिए सावधान रहना जरूरी है।
क्या है इसके लक्षण?
- दिल के ऊपरी हिस्से का के तेजी से धड़कना
- धड़कन तेज होना
- धड़कन धीमी होना
- छाती में तकलीफ
- सांस लेने में दिक्कत
- कमजोरी या थकावट
- चक्कर आना
- एंग्जायटी
- अचानक पसीना आना
- घबराहट होना
- बेहोशी होना
- धुंधला दिखना
क्या है रिस्क फैक्टर?
- डायबिटीज
- हाइपरटेंशन यानी हाई बीपी
- स्लीप एपनिया
- शराब और तंबाकू का सेवन
- दिल की दूसरी बीमारियां
- फेफड़ों की बीमारी
- मोटापा
- थायरॉइड की समस्या
- वायु प्रदूषण
- उम्र (बुढ़ापा)
- अधिक कैफीन का सेवन
कैसे करें बचाव?
हेल्दी खाना खाएं- अपनी डाइट में अधिक नमक और फैट वाली चीजों को कम करें। ताजे फल, सब्जियां, होल ग्रेन्स इन्हें अपनी डाइट में शामिल करें।
स्मोकिंग और ड्रिंकिंग न करें- तंबाकू का सेवन न करें। यह दिल और फेफड़ों से जुड़ी समस्याओं को बढ़ाता है। ऐसे ही शराब भी आपकी सेहत के लिए हानिकारक होती है।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करें- कोलेस्ट्रॉल के कारण दिल में बलॉकेज की समस्या हो सकती है। इसलिए ऐसा खाना खाएं, जिससे कोलेस्ट्रॉल कम रहे।
एक्सरसाइज करें- एक्सरसाइज आपके दिल को स्वस्थ रखने में मदद करती है। इसके साथ ही यह वजन को भी कम करता है और कोलेस्ट्रॉल भी कम करता है।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करें- अधिक ब्लड प्रेशर से दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं और आपकी आर्टरीज पर भी असर पड़ता है। इसलिए ब्लड प्रेशर मैनेज करें।
यह भी पढ़ें: वायु प्रदूषण से बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, जानें किन लोगों में है ज्यादा जोखिम
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
Picture Courtesy: Freepik