आवाज के भी होते हैं रंग! अच्छी नींद के लिए कौन सा कलर है बेस्ट? जानें इस अनोखी थेरेपी के बारे
आवाज के कई रंग होते हैं और यह अच्छी नींद के लिए असरदार मानी जाती है। आवाज हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। यह नींद की गुणवत्ता क ...और पढ़ें

अच्छी नींद के लिए आवाज के रंग: जानिए कैसे करते हैं असर (Picture Credit- AI Generated)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारे आस-पास कई तरह की आवाजें या शोर सुनाई देता है, चाहे वो ट्रैफिक में गाड़ियों की आवाज हो, पत्तों की सरसराहट या तेज गानों की आवाज। लेकिन क्या आपको पता है आवाजों को अलग-अलग रंगों में बांटा गया है? इन सभी रंगों का इस्तेमाल भी अलग-अलग चीजों के संदर्भ में किया जाता है।
आवाज के रंगों को लेकर काफी गहन रिसर्च की जा रही है। ये रिसर्च रिपोर्ट बताती हैं कि व्हाइट नॉइज सुकून देने वाली होती हैं और ऐसी आवाजें शोर को कम कर बेहतर नींद लाने में मदद कर सकती हैं। इसके अलावा भी नॉइज के कई रंग होते हैं पिंक, ब्राउन, ब्लू, वॉयलेट। इन रंगों को भी बेहतर नींद लाने में असरदार माना जाता है। आइए, रंगों की इस पहेली को समझते हैं और जानते हैं कि कैसे आवाज के ये रंग हमारी सेहत को फायदा पहुंचाते हैं।
व्हाइट नॉइज
इसे ब्रॉडबैंड नॉइज के नाम से जाना जाता है। इसमें कई तरह की साउंड फ्रीक्वेंसी मिलकर एक शांत-सी ध्वनि तैयार करती है। कई बार यह तेज और हाई-पिच वाला साउंड भी हो सकता है जैसे पंखे, एअर कंडीशनर या फिर वैक्यूम क्लीनर की आवाज। व्हाइट नॉइज के ये हैं फायदे:
- नींद बेहतर होती है
- बच्चों में रोना कम हो जाता है
- एडीएचडी के लक्षण कम हो जाते हैं
पिंक नॉइज
यह ध्यान भटकाने वाली आवाजों से फिल्टर होकर आती है, जैसे लोगों की बातचीत या कारों का गुजरना। इसे बैकब्राउंड या परिवेश की आवाज भी कहते हैं। इस तरह की आवाजें आपको बेहतर नींद लाने में मदद कर सकती हैं। इस साउंड की पिच व्हाइट नॉइज की तुलना में काफी कम होती है।
लगातार होने वाली बारिश, पत्तों के सरसराने की आवाज या समंदर के लहरों की आवाज पिंक नॉइज की कैटेगरी में आती है। इसकी वजह से आपको ज्यादा सुकूनभरी, कम फ्रीक्वेंसी वाली आवाजें सुनने को मिलती हैं।
ब्राउन नॉइज
इसे रेड नॉइज भी कहते हैं। जब इसमें फ्रीक्वेंसी ऊपर जाती है तो आवाज का स्तर या डेसिबल कम हो जाता है। तेज बारिश या फिर शावर में तेज प्रेशर के साथ आने वाली पानी की आवाजें इस कैटेगरी में आती हैं। कुछ स्लीप एप्स में भी ब्राउन नॉइज का इस्तेमाल किया जाता है।
कई स्टडीज में यह बात सामने आई है कि कानों में घंटी बजने या रिंगिंग को कम करने में ब्राउन नॉइज काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। लेकिन नींद पर ब्राउन नॉइज का क्या प्रभाव पड़ता है इस पर अभी भी रिसर्च जारी है।
इन रंगों का भी पड़ता है प्रभाव
- ब्लू नॉइज: यह पिंक और व्हाइट नॉइज की तुलना में ज्यादा तीखी होती है। जैसे वॉटर स्प्रे करने पर आने वाली आवाज।
- वॉयलेट नॉइज: यह ब्राउन नॉइज के उलट है। इसे आमतौर पर टिनिटस का इलाज करने में इस्तेमाल किया जाता है। टिनिटस में एक या दोनों कान में रिंगिंग जैसी आवाज आती है।
- ग्रे नॉइज: यह व्हाइट नॉइज की तरह ही होती है, लेकिन ज्यादा बैलेंस रूप में होती है।

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