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    मीठे की क्रेविंग के पीछे छिपा है दिमाग का कनेक्शन! जानें कैसे Sugar Craving के कहर से खुद को बचाएं

    By Niharika PandeyEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Tue, 28 Oct 2025 07:31 PM (IST)

    शुगर की क्रेविंग अक्सर ब्लड ग्लूकोज के स्तर में होने वाले असंतुलन के कारण होती है। हालांकि, स्ट्रेस, दवाइयां, हॉर्मोन्स में असंतुलन और कुछ बीमारियां भी इस क्रेविंग की वजह हो सकती है। इससे बचने के लिए अपनी समस्या के बारे में अलर्ट होना, एक्टिव रहना, हेल्दी फैट्स लेना फायदेमंद साबित हो सकता है।

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    मीठे की लत के कारण और लक्षण (Picture Credit- AI Generated)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बार-बार खाने की क्रेविंग खासकर मीठा खाने की क्रेविंग कई लोगों को होती है। वैसे तो लगभग हर किसी को ऐसा अनुभव होता है लेकिन ऐसा बार-बार और लगातार होना समस्या का कारण हो सकता है। आइए जानते हैं शुगर क्रेविंग के पीछे के कारणों और इस आदत को कम करने के तरीकों के बारे में।

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    जरूरत से ज्यादा शुगर

    शक्कर खाने में कोई बुराई नहीं, खासकर जब उसका स्रोत फल, शहद या मेपल सिरप हो। ये मिठास के नेचुरल सोर्स होते हैं और यह बॉडी के लिए जरूरी भी है। लेकिन फैक्ट्री में तैयार होने वाले पैकेटबंद शुगरी आयटम आपकी सेहत के लिए हेल्दी नहीं होते। अमेरिकन डाइटरी गाइडलाइन हर दिन कुल कैलोरी में एडेड शुगर की मात्रा 10 प्रतिशत कम रखने की सलाह देती है। ज्यादा शक्कर लेने से समय के साथ इस तरह की समस्याएं हो सकती हैं:-

    • याददश्त कम हो जाना और डिमेंशिया
    • वजन बढ़ना और मोटापा
    • फैटी लिवर डिजीज
    • हार्ट डिजीज
    • डायबिटीज
    • एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसे मूड डिसऑर्डर
    • पोषक तत्वों की कमी

    क्रेविंग का ब्रेन से क्या है कनेक्शन

    इस कनेक्शन का ये मतलब नहीं है कि आप हमेशा ही खाने के बारे में सोचते रहते हैं। साल 2011 में हुई स्टडी में शोधकर्ताओं ने पाया था कि जब दिमाग का फ्रंट वाला हिस्सा एक्टिवेट होता है तो फूड की क्रेविंग कम हो जाती है, खासकर मीठे या कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजों की। वहीं आपकी मेमोरी और लर्निंग के लिए जिम्मेदार माने जाने वाले ब्रेन के हिस्से हिप्पोकैम्पस के स्ट्रेस, डिप्रेशन, ट्रॉमा, डायबिटीज या खानपान की बुरी आदतों की वजह से डैमेज होने से खाने की आदतों में भी भारी उलटफेर हो जाता है।

    ऐसे काबू में रखें अपनी क्रेविंग

    • कोई भी मील छोड़ें नहीं। हर तीन से चार घंटे में खाएं, ताकि आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहे। इससे शुगर की क्रेविंग कंट्रोल में रहेगी। यदि आप हर दिन दो या तीन बड़े मील ले लेते हैं तो उसके बीच के समय में स्नैक भी लें।
    •  आपका शरीर शुगर और कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजें जल्दी पचा लेता है। ऐसे में भोजन में थोड़ा प्रोटीन और हेल्दी फैट्स शामिल करना न भूलें। इससे खाना धीरे-धीरे पचेगा और आपको क्रेविंग नहीं होगी। प्रोटीन में आप लीन मीट, अंडे, मछली जैसी चीजें ले सकते हैं, वहीं हेल्दी फैट्स में नट्स या एवोकाडो एक अच्छा विकल्प है।
    • आउटडोर एक्सरसाइज या एक्टिविटी करने से भी आपको शुगर जैसा ही बूस्ट मिलता है। इतना ही नहीं इस तरह आप शुगर के बुरे प्रभावों को भी दूर कर सकते हैं।
    • खाने में ज्यादा प्रोसेस्ड फूड्स, प्रोजन फूड्स लेने की बजाय कॉम्प्लैक्स कार्बोहाइड्रेट लें, जैसे ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज।
    •  शुगर की क्रेविंग को कम करने के लिए अपनी आदतों में बदलाव करें जैसे घर में मीठी चीजें स्टॉक न करें, खाने के तुरंत बाद कुल्ला करना न भूलें।

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