कैंसर लौट आने पर शरीर में नजर आते हैं ये लक्षण, वक्त रहते पहचान करके बचाई जा सकती है जान
कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो इलाज के बाद भी फिर से वापस लौट सकती है। इसे कैंसर रिलैप्स कहा जाता है। शरीर में कुछ कैंसर सेल्स रह जाने की वजह से यह दोबारा आ जाता है जो काफी खतरनाक है। कैंसर रिलैप्स होने पर शरीर कुछ संकेत (Cancer Relapse Signs) देता है जिनकी मदद से इसका जल्दी पता लगाया जा सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। कैंसर का इलाज पूरा होने के बाद भी मरीजों को रिलैप्स यानी कैंसर वापस आने की चिंता बनी रहती है। कैंसर रिलैप्स तब होता है जब इलाज के बाद भी कुछ कैंसर सेल्स शरीर में बच जात हैं और फिर से बढ़ने लगते हैं। कैंसर रिलैप्स होने पर शरीर में कुछ लक्षण (Signs of Cancer Relapse) दिखाई देने शुरू हो जाते हैं।
इन लक्षणों को मामूली समझकर इग्नोर करना जानलेवा साबित हो सकता है, क्योंकि अक्सर रिलैप्स हुआ कैंसर ज्यादा घातक होता है। इसलिए कैंसर से उबर चुके मरीजों को अपने स्वास्थ्य के लिए ज्यादा सतर्क रहना चाहिए और कुछ लक्षणों (Cancer Relapse Symptoms) पर ध्यान देना चाहिए। आइए जानें क्या हैं वे लक्षण।
क्यों रिलैप्स होता है कैंसर?
इस बारे में शर्मिन यकीन ने एक वीडियो शेयर करके बताया कि कैंसर रिलैप्स होने का सबसे आम कारण है कि इलाज के दौरान कुछ कैंसर सेल्स शरीर में बच गए हों या छिप गए हों। ये सेल्स इलाज के बाद कुछ समय तक छिपे रहते हैं, लेकिन जैसे ही इन्हें अनुकूल वातावरण मिलता है, ये फिर से एक्टिव हो जाते हैं। रिलैप्स कैंसर ज्यादा खतरनाक हो सकता है, क्योंकि कैंसर सेल्स इलाज के दौरान कुछ हद तक म्यूटेट हो चुके होते हैं, जिसके कारण ये और गंभीर रूप ले सकते हैं।
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कैंसर रिलैप्स होने के लक्षण कैसे होते हैं?
कैंसर रिलैप्स के लक्षण शुरुआती कैंसर के समान हो सकते हैं, लेकिन कभी-कभी ये अन्य सामान्य बीमारियों से भी मिलते-जुलते होते हैं।
पुराने लक्षणों का वापस आना
- अगर आपको कैंसर के शुरुआती लक्षण जैसे गांठ, दर्द या त्वचा में बदलाव दोबारा दिखाई दें, तो इसे नजरअंदाज न करें।
- उदाहरण के लिए, ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों को नई गांठ दिख सकती है, या स्किन कैंसर वालों को त्वचा पर नए धब्बे दिख सकते हैं।
लगातार दर्द
- शरीर के किसी भी हिस्से में लंबे समय तक रहने वाला दर्द, खासकर जहां पहले कैंसर था, रिलैप्स का संकेत हो सकता है।
- हड्डी के कैंसर में दर्द बना रह सकता है, जबकि ब्रेन ट्यूमर में सिरदर्द की शिकायत हो सकती है।
खांसी या सांस लेने में तकलीफ
- लंबे समय तक खांसी, खासकर अगर उसमें खून आए, तो यह फेफड़ों के कैंसर के रिलैप्स का संकेत हो सकता है।
- सांस लेने में दिक्कत भी चिंता का कारण है।
वजन का अचानक घटना
- बिना किसी कोशिश के वजन का तेजी से कम होना कैंसर का एक सामान्य लक्षण है। यदि आपका वजन बिना कारण घट रहा है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
असामान्य ब्लीडिंग या चोट के निशान
- यूरिन या मल में खून आना, पीरियड्स के अलावा वजाइना से ब्लीडिंग, या बिना वजह चोट के निशान पड़ना ल्यूकेमिया या अन्य कैंसर के संकेत हो सकते हैं।
बुखार या थकान
- लंबे समय तक बुखार रहना, जो दवाओं से ठीक न हो, शरीर में इन्फेक्शन या कैंसर रिलैप्स की वजह से हो सकता है।
- बहुत ज्यादा थकान, जो आराम करने पर भी दूर न हो, भी चिंता का कारण है।
पाचन संबंधी समस्याएं
- लगातार मतली, उल्टी, या निगलने में परेशानी, पेट या गले के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
क्या करें यदि ये लक्षण दिखें?
इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर घबराएं नहीं, क्योंकि ये अन्य बीमारियों के भी संकेत हो सकते हैं। लेकिन तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और जरूरी टेस्ट करवाएं। साथ ही, नियमित फॉलो-अप अपॉइंटमेंट्स लें ताकि कैंसर रिलैप्स का पता शुरुआत में ही लगाया जा सके।
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Source:
Cleveland Clinic: https://my.clevelandclinic.org/health/articles/24872-cancer-recurrence
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