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    Shefali Jariwala ले रही थीं Anti-Ageing Treatment! क्या ये भी बन सकता है कार्डियक अरेस्ट की वजह

    कुछ दिनों पहले एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की अचानक कार्डियक अरेस्ट (Shefali Jariwala Cardiac Arrest) से मौत हो गई। एक रिपोर्ट में पता चला कि शेफाली एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट और पिल्स ले रही थीं। इसके बाद लोगों में सवाल उठने लगे कि क्या जवां दिखने की चाह दिल पर भारी पड़ रही है? आइए डॉक्टर से जानें क्या एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट भी कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है।

    By Swati Sharma Edited By: Swati Sharma Updated: Tue, 01 Jul 2025 09:28 AM (IST)
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    क्या एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट बन सकता है कार्डियक अरेस्ट का कारण? (Picture Courtesy: Instagram/Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में एक्ट्रेस Shefali Jariwala की अचानक मौत हो गई। इसकी वजह थी कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest)। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेफाली फास्टिंग कर रही थीं और उन्हें ड्रग रिएक्शन हुआ। वो एंटी-एजिंग पिल्स (Anti‑ageing Treatment) और ग्लूटाथियोन (Glutathione Injection) जैसे स्किन ट्रीटमेंट्स भी ले रही थीं।

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    आजकल एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट का चलन तेजी से बढ़ रहा है। लोग जवां दिखने और लंबे समय तक स्वस्थ रहने के लिए तरह-तरह के उपचार अपना रहे हैं, जैसे हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT), स्टेम सेल थेरेपी, इंट्रावेनस विटामिन ड्रिप्स और कॉस्मेटिक सर्जरी और न जाने क्या-क्या। कई लोग तो इंटरनेट से देखकर खुद ही अपना एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट शुरू कर देते हैं। इतना तक कि लोगों ने खुद से ग्लूटाथियोन के वाइल्स भी इंजेक्ट करने शुरू कर दिए हैं। लेकिन खूबसूरत और जवां दिखने की इस रेस में हम ये सवाल करना भूल गए हैं कि एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट हमारी बॉडी को अंदर से कैसे प्रभावित कर रही है।

    शेफाली जरीवाला की मौत इस सवाल को उठाती है क्या एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट के कारण भी कार्डियक अरेस्ट आ सकता है? इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने डॉ. गजिंदर कुमार गोयल (प्रोग्राम क्लिनिकल डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, फरीदाबाद) से बात की। आइए जानें इस बारे में उन्होंने क्या बताया।\

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    क्या एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट बन सकता है कार्डियक अरेस्ट का कारण?

    डॉ. गोयल ने बताया कि हालांकि ये ट्रीटमेंट जवां स्किन का वादा करते हैं, लेकिन इनसे दिल को गंभीर नुकसान हो सकता है। खासकर अगर ये ट्रीटमेंट बिना किसी डॉक्टर की निगरानी के किए जाएं।

    हार्मोन थेरेपी और दिल का खतरा

    एंटी-एजिंग के लिए टेस्टोस्टेरोन और ग्रोथ हार्मोन थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। ये हार्मोन मांसपेशियों को मजबूत करने और एनर्जी लेवल बढ़ाने में मदद करते हैं, लेकिन इनके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।

    • ब्लड प्रेशर बढ़ना- टेस्टोस्टेरोन शरीर में सोडियम और पानी को रोक सकता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है।
    • कोलेस्ट्रॉल लेवल पर असर- यह HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) कम कर सकता है और LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) बढ़ा सकता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है
    • ब्लड क्लॉटिंग- कुछ हार्मोन थेरेपी खून को गाढ़ा कर सकती है, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है

    इसलिए, बिना डॉक्टर की सलाह के हार्मोन थेरेपी लेना खतरनाक हो सकता है।

    IV विटामिन ड्रिप्स और इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस

    एंटी-एजिंग के लिए विटामिन और मिनरल्स की हाई-डोज ड्रिप्स दी जाती हैं। हालांकि, अगर इनकी मात्रा ज्यादा हो जाए, तो यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस पैदा कर सकती है।

    • पोटैशियम और मैग्नीशियम का इम्बैलेंस- शरीर में पोटैशियम की ज्यादा मात्रा (हाइपरकलेमिया) या कमी (हाइपोकलेमिया) दोनों ही हार्ट रिदम को डिस्टर्ब कर सकते हैं, जिससे अचानक कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।
    • कैल्शियम ओवरलोड- ज्यादा कैल्शियम दिल की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है।

    इसीलिए, IV ड्रिप्स हमेशा किसी डॉक्टर की निगरानी में मेडिकल सेटअप में ही लेनी चाहिए।

    कॉस्मेटिक सर्जरी और कार्डियक स्ट्रेस

    फेस लिफ्ट, लिपोसक्शन, या बॉडी कॉन्टूरिंग जैसी प्रक्रियाओं में एनेस्थीसिया का इस्तेमाल होता है। अगर मरीज को पहले से ही दिल की बीमारी हो या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो, तो एनेस्थीसिया का दिल पर एक्स्ट्रा दबाव पड़ सकता है।

    • फ्लूइड शिफ्ट- लिपोसक्शन के दौरान शरीर में फ्लूएड का इम्बैलेंस हो सकता है, जिससे हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।
    • अनडायग्नोज्ड हार्ट कंडीशन- कई लोगों को पता नहीं होता कि उन्हें दिल से जुड़ी समस्याएं हैं। ऐसे में बिना जांच के सर्जरी कराना जोखिम भरा हो सकता है।

    डॉक्टर की सलाह

    • डॉक्टर से सलाह लें- किसी भी एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट से पहले कार्डियोलॉजिस्ट और डर्मेटोलॉजिस्ट से कंसल्ट करें।
    • हार्ट चेकअप कराएं- ECG, इकोकार्डियोग्राफी और ब्लड टेस्ट से दिल की सेहत जांचें।
    • नकली क्लीनिक्स से बचें- केवल लाइसेंस्ड मेडिकल सेंटर्स पर ही ट्रीटमेंट लें।

    एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन अगर इन्हें गलत तरीके से या बिना डॉक्टरी सलाह के लिया जाए, तो ये दिल के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। इसलिए, जवां दिखने की चाह में अपने दिल की सेहत को नजरअंदाज न करें।

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