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    30 से कम उम्र के पुरुषों में बढ़ रहे हैं प्रोस्टेट कैंसर के मामले, क्या है इसकी वजह और शुरुआती लक्षण

    Updated: Tue, 23 Sep 2025 12:09 PM (IST)

    पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के मामलों को पहले सिर्फ बजुर्गों से जोड़कर देखा जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब 30 साल से कम उम्र के पुरुषों (Prostate Cancer in Men Under 30) में भी प्रोस्टेट के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में सही इलाज और बचाव के लिए प्रोस्टेट कैंसर के कारण और शुरुआती लक्षणों के बारे में जानना जरूरी है।

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    प्रोस्टेट कैंसर के इन लक्षणों से रहें सावधान (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। प्रोस्टेट कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसे आमतौर पर 50 से ज्यादा उम्र के पुरुषों से जोड़कर देखा जाता है। लेकिन कुछ नई स्टडीज कुछ और ही दावा कर रही हैं। दरअसल, अब यह समस्या 30 या उससे कम उम्र के पुरुषों (Prostate Cancer Under 30) में भी देखने को मिल रही है।

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    यह काफी गंभीर समस्या है, क्योंकि कम उम्र में हुआ प्रोस्टेट कैंसर ज्यादा अग्रेसिव होता है और जान बचाने की संभावना भी कम हो जाती है। इसलिए इसके कारणों और लक्षणों (Prostate Cancer Symptoms) को समझना जरूरी है, ताकि वक्त रहते इसकी पहचान की जा सके। आइए जानें क्यों अब प्रोस्टेट कैंसर कम उम्र के पुरुषों को भी अपना शिकार बना रहा है और इसके शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं।

    क्यों बढ़ रहे हैं प्रोस्टेट कैंसर के मामले?

    युवा उम्र में प्रोस्टेट कैंसर के बढ़ने के पीछे किसी एक कारण को जिम्मेदार ठहराना मुश्किल है, बल्कि यह लाइफस्टाइल और पर्यावरण से जुड़े कई फैक्टर्स का मिला-जुला परिणाम है-

    • जेनेटिक्स- सबसे बड़ा कारण जेनेटिक्स माना जा रहा है। अगर परिवार में पिता या भाई को प्रोस्टेट कैंसर रहा है, तो इसके होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। कुछ खास जीन म्यूटेशन भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
    • खराब लाइफस्टाइल- मोटापा, प्रोसेस्ड और जंक फूड ज्यादा मात्रा में खाना, रेड मीट खाना और फिजिकल एक्टिविटी की कमी शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस और सूजन पैदा कर सकती है, जो कैंसर के विकास को बढ़ावा देती है।
    • पर्यावरण से जुड़े फैक्टर्स- कीटनाशक, हैवी मेटल्स और कुछ केमिकल्स भी खतरा बढ़ाते हैं। इनके कारण टॉक्सिन्स शरीर में जमा होकर सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
    • स्मोकिंग और शराब पीना- तंबाकू और शराब के भी कैंसर के रिस्क को काफी बढ़ा देते हैं
    • बेहतर डायग्नोस्टिक तकनीक- एक अहम पहलू यह भी है कि अब पहले की तुलना में कैंसर का पता लगाने की तकनीकें ज्यादा बेहतर हो गई हैं और लोग भी जागरूक हो रहे हैं। इस वजह से पहले भी अब ज्यादा मामलों का पता चल पा रहा है।

    प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं?

    बार-बार पेशाब आना, विशेषकर रात के समय- अगर बिना पेशाब करने की इच्छा बार-बार हो, तो यह चिंता का विषय है।

    • यूरिन पास करने में कठिनाई- पेशाब शुरू करने में परेशानी, पेशाब की धार कमजोर होना या बीच-बीच में टूटना।
    • यूरिन में खून आना- यह एक गंभीर चेतावनी है और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है।
    • पेल्विक एरिया में दर्द या जकड़न- प्रोस्टेट के आस-पास के हिस्से में लगातार दर्द या बेचैनी महसूस होना।
    • स्पर्म में खून आना- यह भी प्रोस्टेट कैंसर का एक अहम लक्षण हो सकता है।
    • हड्डियों में दर्द- अगर कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल गया है, तो उस स्थिति में पीठ या कूल्हों में दर्द हो सकता है।

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