हार्मोनल चेंज का नतीजा तो नहीं स्किन पर नजर आ रहे ये बदलाव, लक्षण जानकर आज ही शुरू करें सही देखभाल
महिलाओं के जीवन में हॉर्मोनल बदलाव स्किन पर असर डालते हैं। टीनएज में एक्ने तैलीय त्वचा और पसीने की समस्या होती है। पीरियड्स के दौरान हॉर्मोनल बदलाव से मुंहासे होते हैं। ऐसे में समय रहते इसकी पहचान करना जरूरी है ताकि सही स्किन केयर रूटीन से त्वचा को हेल्दी और यंग रखा जा सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। उम्र के हर पड़ाव पर महिलाओं का सामना हॉर्मोनल बदलावों से होता है और उसका सीधा असर स्किन पर नजर आता है। भले ही यह एक नेचुरल प्रक्रिया है, लेकिन इसकी वजह से ज्यादा ऑयल बनना, स्किन टोन में बदलाव, सेंसिटिविटी जैसे लक्षण उभरकर सामने नजर आने लगते हैं। ऐसे में इन चेंजेस को समझकर उसके अनुसार स्किन केयर करने से लंबे समय तक स्किन हेल्दी और यंग बनी रह सकती है।
टीनएज में क्या होता है स्किन पर असर
इस उम्र में प्यूबर्टी आने से कई सारे हॉर्मोनल बदलाव होते हैं। सबसे बड़ी समस्या होती है एक्ने की। साथ ही पसीना और शरीर से बदबू आने की समस्या भी बढ़ जाती है। जिन हिस्सों में हॉर्मोन ज्यादा एक्टिव होता है, वहां की स्किन का रंग डार्क होने लगता है। अंडरऑर्म्स और प्यूबिक हिस्से में बालों की ग्रोथ होने लगती है। ये बदलाव भले ही सामान्य हों लेकिन टीनएजर्स के आत्मविश्वास पर नेगेटिव प्रभाव डाल सकता है।
टीन्स ऐसे रखें अपनी स्किन का ख्याल
- किसी सौम्य क्लींजर से दिन में कम से कम दो बार चेहरा साफ करें।
- ऑयल फ्री क्लींजर का इस्तेमाल करें।
- भले ही ही स्किन ऑयली हो लेकिन उसे भी मॉइश्चराइज करने की जरूरत होती है।
- मुंहासों को फोड़ने से बचें, इससे चेहरे पर दाग बन जाते हैं।
पीरियड के दौरान भी नजर आते हैं इस तरह के बदलाव
इस दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन का स्तर बदलता रहता है। पीरियड शुरू होने से पहले हॉर्मोन्स में बदलाव की वजह से चेहरा ज्यादा ऑयली हो जाता है, पोर्स बंद हो जाते हैं और मुंहासे नजर आने लगते हैं, खासकर टुड्ढी या चिन के आस-पास।
इस दौरान ऐसा हो आपका स्किन केयर रूटीन
- पीरियड से पहले: एक्ने से बचाव के लिए किसी जेंटल एक्सफोलिएट का इस्तेमाल करें।
- पीरियड के दौरान: ठंडक और नमी देने वाले प्रोडक्ट्स लगाएं।
- उसके बाद: स्किन की चमक बढ़ाने वाली चीजें जैसे विटामिन सी युक्त प्रोडक्ट या लाइट मॉइश्चराइज यूज करें।
पेरिमेनोपॉज और मेनोपॉज में कैसा हो स्किनकेयर
उम्र बढ़ने के साथ एस्ट्रोजन का स्तर कम होना शुरू हो जाता है। 40 की उम्र के बाद ये बदलाव तेजी से होने लगते हैं और मेनोपॉज तक जारी रहते हैं। इस दौरान स्किन पहले से ज्यादा पतली, रूखी और सेंसिटिव हो जाती है। इसलिए इन बातों का ध्यान जरूर रखें-
- हायलूरोनिक एसिड या सेरामाइड्स युक्त मॉइश्चराइजर लगाएं।
- कोलेजन बढ़ाने और बारीक रेखाएं कम करने के लिए रेटिनॉल को स्किनकेयर में शामिल करें।
- हर दिन सनस्क्रीन लगाना ना भूलें।
- ऐसे क्लींजर का इस्तेमाल करें, जिससे आपकी त्वचा ड्राई ना हो।
- स्किन को अंदर से हेल्दी और ग्लोइंग रखने के लिए डाइट और हाइड्रेशन का पूरा-पूरा ध्यान रखें।
इस तरह फायदेमंद होते हैं ये तत्व
- नियासिनमाइड: चेहरे की रेडनेस कम करने और ऑयल कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
- हायलूरोनिक एसिड: यह त्वचा को हाइड्रेट करता है और ताजगी लाता है।
- रेटिनॉल: बारीक रेखाओं और एक्ने को दूर करने में असरदार होता है।
- विटामिन सी: चेहरे की रंगत बढ़ाने और टेक्सचर एकसमान करने का काम करता है।
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