Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    चुपचाप आपकी सेहत को न‍िगल रहा है Plastic Pollution, जान‍िए शरीर में कैसे कर रहा एंट्री

    Updated: Mon, 16 Jun 2025 03:20 PM (IST)

    प्लास्टिक का इस्‍तेमाल करना हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है पर यह स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए हानिकारक है। प्लास्टिक प्रदूषण से वातावरण में कचरा जमा होता है जो माइक्रोप्लास्टिक में बदलकर हमारे भोजन और पानी में प्रवेश कर जाता है। इससे आपको स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी कई द‍िक्‍कतें हो सकती हैं।

    Hero Image
    Plastic Pollution से ब‍िगड़ रही आपकी सेहत।

    लाइफस्टाइल डेस्‍क, नई द‍िल्‍ली। हमारी लाइफ में प्‍लास्‍ट‍िक का इस्‍तेमाल कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। इसके इस्‍तेमाल ने हमारी लाइफ को आसान बना द‍िया है। सब्‍जी लानी हो तो हम पॉलीथीन में आसानी से कैरी कर लेते हैं। हालांक‍ि ये हमारी रोजमर्रा के कामों के ल‍िए ज‍ि‍तनी सुवि‍धाजनक होती है, उससे कहीं ज्‍यादा हेल्‍थ और पर्यावरण काे नुकसान पहुंचाती है। दरअसल, हम चारों ओर से प्‍लास्‍ट‍िक से घ‍िरे हुए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पानी की बोतल से लेकर खाने की पैकिंग तक, हर जगह प्‍लास्‍ट‍िक का इस्‍तेमाल हो रहा है। लेक‍िन क्‍या आपको मालूम है क‍ि यही प्‍लास्‍ट‍िक हमारी सेहत के ल‍िए जहर बनता जा रहा है? Plastic Pollution का मतलब है वातावरण में प्लास्टिक कचरे का जमा होना। इन्‍हें पूरी तरह से नष्‍ट करना आसान नहीं है। ये छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटकर माइक्रोप्लास्टिक में बदल जाते हैं। अब ये हमारे खाने, पीने और सांस लेने की चीजों तक में शामिल हो चुका है।

    अब आपके मन में सवाल आ रहे होंगे क‍ि जब ये हमारे शरीर में प्रवेश कर रहा है तो हमारी से सेहत पर इसका क्‍या असर है ? हम आपको Plastic Pollution से सेहत को होने वाले नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से-

    हार्मोन में गड़बड़ी

    आपको बता दें क‍ि प्लास्टिक में बीपीए और थैलेट्स जैसे केमिकल्‍स मौजूद होते हैं। इससे महिलाओं और पुरुषों दोनों में हार्मोन असंतुलन हो सकता है। इसका सीधा असर प्रजनन क्षमता और मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है।

    कैंसर का र‍िस्‍क

    प्लास्टिक में मौजूद Chemicals कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं। लंबे समय तक प्‍लास्‍ट‍िक में पैक्‍ड खाना खाने से ब्रेस्‍ट, ल‍िवर और प्रोस्‍टेट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

    सांस से जुड़ी द‍िक्‍कतें

    प्‍लास्‍ट‍िक को जलाने पर उठने वाले धुएं से जहरीली गैस (डाइऑक्सिन और फ्यूरान) न‍िकलती है। जब हम सांस लेते हैं तो ये जहरीली गैस हमारे अंदर आ जाती है। इससे फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचता है। इस कारण अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां का खतरा बढ़ सकता है।

    यह भी पढ़ें: पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं आपकी ये आदतें

    दिमाग पर असर

    इसमें मौजूद केम‍िकल्‍स दिमागी विकास पर बुरा असर डालते हैं। बच्चों और गर्भ में पल रहे शिशुओं पर खासकर इसका बुरा असर पड़ता है। इससे याददाश्त कमजोर होने की समस्या हो सकती है।

    कमजोर हो जाती है इम्‍युन‍िटी

    प्लास्टिक से निकलने वाले जहरीले तत्व इम्‍युन‍िटी को कमजोर कर सकते हैं। इससे इन्‍फेक्‍शन का खतरा ज्‍यादा बढ़ जाता है। ऐसे में आप बार-बार बीमार पड़ने लगते हैं।

    लि‍वर और किडनी पर बुरा असर

    शरीर से व‍िषैले पदार्थों को न‍िकालने का काम लि‍वर और किडनी करते हैं। हालांक‍ि लगातार प्लास्टिक के संपर्क में रहने से इन अंगों पर भी बुरा असर पड़ता है।

    य‍ह भी पढ़ें: कॉकरोच ने नाक में कर रखा है दम, तो आजमाएं 5 घरेलू नुस्‍खे; घर से दुम दबाकर भाग जाएंगे सारे त‍िलचट्टे