अमेरिका में तेजी से फैल रहा COVID-19 का नया वेरिएंट, पढ़ें कितना है खतरनाक और कैसे करें बचाव
कोरोना वायरस बार-बार नए रूप लेकर सामने आता रहता है। इस बीच अब अमेरिका में एक नया वेरिएंट ‘स्ट्रेटस’ (Stratus COVID-19 Variant) तेजी से फैल रहा है। बता दें यह वेरिएंट ओमिक्रॉन फैमिली से जुड़ा है और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह दो अलग-अलग कोविड वेरिएंट्स के मिलकर बना हुआ रूप है यानी यह एक रिकॉम्बिनेंट वेरिएंट है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आप जानते हैं कि COVID-19 का एक नया वेरिएंट इन दिनों अमेरिका में तेजी से फैल रहा है (New COVID Variant USA)? जी हां, यह पढ़कर चिंता होना स्वाभाविक है, खासकर उन लोगों के लिए जो सोचते हैं कि अब कोरोना वायरस खत्म हो चुका है।
हालांकि, घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम आपको इस नए वेरिएंट (Stratus) के बारे में वो सब कुछ बताएंगे जो आपको जानना चाहिए। यह वेरिएंट कैसे बना है, इसके लक्षण क्या हैं और सबसे जरूरी बात- इससे खुद को कैसे सुरक्षित रखा जाए। आइए, इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं ऐसी सभी जरूरी बातों के बारे में।
कैसे बना यह नया वेरिएंट?
स्ट्रेटस वेरिएंट दो सब-वेरिएंट्स LF.7 और LP.8.1.2 के मिलन से बना है। जब कोई व्यक्ति एक ही समय पर दो अलग-अलग कोविड वेरिएंट्स से संक्रमित होता है, तो वायरस के जीन एक-दूसरे में मिल जाते हैं और एक नया वेरिएंट जन्म लेता है। यही वजह है कि स्ट्रेटस की संरचना पहले से मौजूद वेरिएंट्स से अलग है।
अमेरिका में बढ़ रहे मामले
अमेरिका के कई राज्यों में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं और इसका बड़ा कारण यही स्ट्रेटस वेरिएंट माना जा रहा है। वेस्टवॉटर यानी सीवेज के पानी की जांच से पता चला है कि कई जगहों पर इस वेरिएंट की मात्रा बहुत ज्यादा पाई गई है। फिलहाल, पूरे देश में संक्रमण का स्तर “मध्यम” बताया जा रहा है, लेकिन कुछ राज्यों में हालात गंभीर हैं।
कितना खतरनाक है यह वेरिएंट?
अभी तक वैज्ञानिकों को यह प्रमाण नहीं मिला है कि स्ट्रेटस पिछले वेरिएंट्स से ज्यादा गंभीर बीमारी फैलाता है। ज्यादातर लोगों में यह हल्की बीमारी का कारण बन रहा है। हालांकि, इसकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह तेजी से फैलता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता से कुछ हद तक बच निकलता है। यानी पहले से वैक्सीनेटेड या संक्रमित व्यक्ति भी इसकी चपेट में आ सकता है।
क्या हो सकते हैं लक्षण?
स्ट्रेटस वेरिएंट के लक्षण ज्यादातर ओमिक्रॉन जैसे ही हैं-
- गले में खराश या दर्द
- खांसी और जकड़न
- हल्का बुखार
- थकान और शरीर में दर्द
- आवाज़ बैठना या भारी लगना
- कभी-कभी पेट संबंधी परेशानी जैसे जी मिचलाना, उल्टी या दस्त
ये लक्षण अक्सर फ्लू या मौसमी एलर्जी जैसे लग सकते हैं, इसलिए जांच करवाना जरूरी है।
किन लोगों को है ज्यादा खतरा?
स्वस्थ लोगों में यह वैरिएंट आमतौर पर हल्का असर दिखाता है। लेकिन बुजुर्गों, पहले से बीमार व्यक्तियों और कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए यह ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।
वैक्सीन है बेहद जरूरी
अच्छी बात यह है कि अभी तक की रिपोर्ट्स बताती हैं कि मौजूदा वैक्सीन गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से सुरक्षा देती हैं। इसलिए वैक्सीन लगवाना और बूस्टर डोज लेना बेहद जरूरी है।
कैसे करें बचाव?
- टीकाकरण कराएं: वैक्सीन और बूस्टर डोज अभी भी सबसे बड़ा सुरक्षा कवच हैं।
- लक्षण दिखें तो टेस्ट कराएं और आइसोलेट रहें: इससे संक्रमण का फैलाव कम होगा।
- मास्क का इस्तेमाल करें: भीड़भाड़ और बंद जगहों पर N95 या KN95 मास्क बेहतर सुरक्षा देते हैं।
- हाथों की सफाई रखें और वेंटिलेशन का ध्यान दें।
- बुज़ुर्ग और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोग तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- स्वास्थ्य एजेंसियों की गाइडलाइन पर नजर रखें: समय-समय पर नए सुझाव दिए जा सकते हैं।
स्ट्रेटस वैरिएंट फिलहाल अमेरिका में कोविड का प्रमुख कारण बन गया है। हालांकि यह ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं फैला रहा, लेकिन इसकी तेजी से फैलने की क्षमता और इम्युनिटी से बच निकलने की ताकत इसे खास बनाती है। ऐसे में सतर्क रहना, समय पर टेस्ट कराना, मास्क लगाना और वैक्सीन लेना ही सुरक्षित रहने का सबसे बेहतर तरीका है।
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