नीम ही नहीं, ये 5 पेड़ के दातून भी दांतों को बनाते हैं मजबूत; मिलते हैं और भी कई फायदे
भारत में प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल हमेशा से होता आया है। पुराने समय में लोग दातून का उपयोग करते थे जिससे दांत मजबूत और चमकदार बनते थे। नीम अमरूद बबूल अर्जुन और जामुन के पेड़ों की दातून मुंह की बदबू दूर करने बैक्टीरिया को खत्म करने और मसूड़ों को मजबूत बनाने में मदद करती हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारे यहां भारत में लोग प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। आपने देखा होगा कि पुराने जमाने के लोग ब्रश नहीं करते थे, बल्कि वे दातून का इस्तेमाल करते थे। इससे उनके दांत भी मजबूत बनते थे और उसकी चमक भी बढ़ती थी। उस दौरान ब्रश और पेस्ट नहीं हुआ करते थे, तब लोग पेड़ों की टहनियों से दांत साफ करते थे। ये तरीका सस्ता होने के साथ-साथ आसान भी था। है, बल्कि दांतों और मसूड़ों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। आज भी कई लोग रोज सुबह दातून करना पसंद करते हैं, क्योंकि इससे मुंह की सफाई अच्छे से होती है और दांत मजबूत बनते हैं।
आमतौर पर लोग नीम के पेड़ से दातून बनाते हैं। लेकिन आपको बता दें कि नीम के अलावा भी ऐसे कई पेड़ हैं जिनकी टहनियों से दातून की जाती हैं। इन पेड़ों की दातून में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो मुंह की बदबू दूर करते हैं। साथ ही बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं। अगर आप अपनी ओरल हेल्थ काे नेचुरली बेहतर बनाना चाहते हैं तो दातून बिना साइड इफेक्ट वाला ऑप्शन है।
आज का हमारा लेख भी इसी विषय पर है। हम आपको दांतों को लंबे समय तक हेल्दी और मजबूत रखने के लिए कुछ दातून के बारे में बताने जा रहे हैं। इससे आपको कई फायदे देखने को मिलेंगे। आइए उनके बारे में जानते हैं विस्तार से-
नीम का दातून
नीम के पेड़ का दातून सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। नीम की छाल से बना दातून मसूड़ों की सूजन, पायरिया (खून निकलना), दांतों में कीड़े लगना जैसे समस्याओं से निजात दिलाता है। गर्भवती महिलाओं को तो नीम का दातून जरूर करना चाहिए।
अमरूद का दातून
नीम के अलावा अमरूद का दातून भी ओरल हेल्थ के लिए फायदेमंद है। ये भी आपके दांतों को मजबूत बनाने के साथ-साथ उन्हें चमकदार बनाएगा। आपको बता दें कि दातून करने से दांतों की अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है। इसके अलावा ये मसूड़ों को भी हेल्दी रखता है।
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बबूल का दातून
बबूल के पेड़ का दातून करने से भी ओरल हेल्थ अच्छी रहती है। ये मसूड़ों को मजबूत बनाता है। पायरिया के समस्या से भी निजात दिलाता है। अगर आपके दांत कमजोर हैं तो भी आप बबूल का दातून यूज कर सकते हैं।
अर्जुन का दातून
इस पेड़ के पत्ते और छाल हमेशा से औषधी के रूप में इस्तेमाल हाेते आ रहे हैं। अर्जुन के दातून का इस्तेमाल करने से दांत मजबूत होते हैं। साथ ही कई बीमारियों का खतरा भी कम होता है।
जामुन का दातून
आपको बता दें कि शुगर को कंट्रोल करने के लिए जामुन के पेड़ की लकड़ियों से दातून करना ज्यादा फायदेमंद रहता है। नीम के पेड़ की लकड़ी और जामुन के पेड़ की लकड़ी दोनों एक समान ही फायदा पहुंचाती हैं। इससे दांतों को भी मजबूती मिलती है।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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