नींद न आने पर हर बार Melatonin लेना कितना सही? डॉक्टर ने बताया शरीर पर क्या पड़ेगा असर
आजकल नींद न आने की समस्या बेहद आम हो गई है। भागदौड़ भरी जिंदगी, तनाव, और अनियमित दिनचर्या ने लोगों की नींद छीन ली है। ऐसे में, बहुत से लोग मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स को आसान समाधान मान लेते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आप इन्हें लंबे समय तक लेते रहें, तो शरीर पर इसका क्या असर (Melatonin Side Effects) पड़ सकता है?

Melatonin: कहीं आपकी सेहत के लिए 'जहर' तो नहीं बन रही नींद की गोली? (Image Source: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Melatonin हार्मोन आजकल नींद न आने की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए एक आम समाधान बन गया है। बाजार में यह गोलियों या गमीज के रूप में आसानी से उपलब्ध है और कई लोग इसे डॉक्टर की सलाह के बिना ही नियमित रूप से लेने लगे हैं। हालांकि, सवाल यह है कि क्या हर रात मेलाटोनिन लेना सुरक्षित है? आइए जानते हैं इस बारे में इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुरनजीत चटर्जी की क्या राय है।

शरीर की घड़ी पर असर
हमारा शरीर एक प्राकृतिक 'घड़ी' पर काम करता है, जिसे सर्केडियन रिदम कहते हैं। यह ताल हमें बताती है कि कब जागना है और कब सोना है।
जब आप हर रात बाहर से मेलैटोनिन लेते हैं, तो आपका ब्रेन धीरे-धीरे खुद का मेलैटोनिन बनाना कम कर सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उसे लगता है कि 'काम तो सप्लीमेंट कर रहा है।'
इसका नतीजा यह होता है कि:
- आपको बिना सप्लीमेंट लिए नींद आने में मुश्किल होने लगती है।
- आपकी प्राकृतिक नींद की ताल (Natural Sleep Rhythm) गड़बड़ा सकती है।

लंबे समय तक इस्तेमाल के नुकसान
कुछ लोग जब मेलैटोनिन का इस्तेमाल लंबे समय तक करते हैं, तो उन्हें कुछ असुविधाएं महसूस हो सकती हैं:
- अजीब सपने: कुछ लोगों को बहुत विचित्र सपने आने की शिकायत होती है।
- सुस्ती या थकान: जागने के बाद भी आलस या भारीपन महसूस हो सकता है।
- हार्मोन का असंतुलन: लंबे समय तक इस्तेमाल से शरीर के हार्मोन में असंतुलन पैदा होने की भी संभावना रहती है।
डॉक्टर की सलाह
डॉक्टर सुरनजीत चटर्जी यही सलाह देते हैं कि मेलैटोनिन का यूज सिर्फ एक अस्थायी सहारे के तौर पर किया जाना चाहिए, न कि रोज की आदत के रूप में।
- याद रखें: मेलैटोनिन लेने से ज्यादा जरूरी है अपनी नींद की आदतों को सुधारना।
- अच्छी नींद के लिए ये तीन चीजें सबसे ज्यादा मायने रखती हैं:
- समय पर सोना: रोज रात को एक ही समय पर बिस्तर पर जाएं।
- स्क्रीन से दूरी: सोने से पहले मोबाइल, लैपटॉप या टीवी से दूर रहें।
- स्ट्रेस मैनेजमेंट: अपने तनाव को नियंत्रित करने के तरीके खोजें।
अगर आपको Chronic Insomnia है या नींद की कोई गंभीर समस्या है, तो खुद से लंबे समय तक मेलैटोनिन लेते रहने के बजाय, डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा है।

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