हमारी लापरवाही की देन है लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां, डॉक्टर ने बताया कैसे रखें अपना ख्याल
आजकल हर उम्र के लोग जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों से परेशान हैं। आयुर्वेद के अनुसार दिनचर्या अपनाने से इनसे बचा जा सकता है। बच्चों को बचपन से ही सही आदतें डालनी चाहिए और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना चाहिए। मोटापे और शुगर को नियंत्रित करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय अपनाने चाहिए। रात को जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना, व्यायाम करना और पर्याप्त नींद लेना जरूरी है।
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लाइफस्टाइल की बीमारियों से कैसे बचें: डॉक्टर के सुझाव (Picture Credit- Freepik)
ब्रह्मानंद मिश्र, नई दिल्ली। आजकल युवा, बच्चे, बुजुर्ग हर आयु वर्ग के लोग जीवनशैली से होने वाली परेशानियों से जूझ रहे हैं। यहां तक कि कार्डियक अरेस्ट और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां भी कम उम्र में हो रही हैं। अगर हम आयुर्वेद नियमों पर आधारित दिनचर्या अपनाएं, तो इनकी गिरफ्त में आने से बच सकते हैं। जो गांवों में पले बढ़े हैं उनकी दिनचर्या, रहन-सहन, खानपान अपेक्षाकृत अभी भी बेहतर है।
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद के डायरेक्टर डॉ.प्रदीप प्रजापति ने बताया कि हमारी कौन-सी आदतें बन रही है बीमारी की वजह और कैसे कर सकते हैं इनसे अपना बचाव-
बच्चों के प्रति बढ़ानी होगी जिम्मेदारी
आजकल हेलीकाप्टर पेरेंटिंग हो गई है। बच्चे को एसी के कमरे बिठा दिया जाता है और सारी व्यवस्था वहीं पर कर दी जाती है। उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए क्या आवश्यक है, इस बात पर लोगों का ध्यान ही नहीं है। जब बचपन से ही जीवनशैली खराब या अव्यवस्थित हो जाएगी, तो आगे चलकर समस्या और बीमारियां स्वाभाविक ही हैं। वे भारतीय जीवनशैली और परंपराओं से दूर होते जा रहे हैं। उन्हें सेहतमंद रखना है तो सही आदत बचपन से ही डालनी होगी।
मानसिक सेहत को देना होगा बढ़ावा
हमें बच्चों को यह समझाना होगा कि एक घंटे से ज्यादा मोबाइल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसी आदतों से ऑटिज्म की समस्या अब ज्यादा देखने में आ रही है। बच्चों को घर से निकाल कर बाहर खेलने के लिए भेजना चाहिए। वे नई चीजें सीखते और अनुभव करते हैं। इसी तरह बच्चों को आयुष आहार के लिए प्रेरित करना चाहिए। पारंपरिक भारतीय भोजन उनके शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए आवश्यक है। वे इसका स्वाद और महत्व समझेंगे, तो स्वस्थ भी रहना सीख जाएंगे। वे प्रिजर्वेटिव और केमिकल युक्त भोजन कर रहे हैं। जब आहार शुद्ध होगा, तभी सेहत सही रहेगी।
मोटापा, शुगर मैनेज करें
जिन लोगों को जीवनशैली से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं हैं, उन लोगों को आयुर्वेदिक समाधान की तरफ जरूर देखना चाहिए। आयुर्वेदिक उपायों से आप समस्या को बढ़ने से रोक सकते हैं। बीते 25 वर्षों से अनुभव यही है कि जिन लोगों ने सेहत को लेकर जागरूकता बरती है, उन्हें गंभीर समस्याएं नहीं होती हैं। ये बीमारियां नहीं हैं, बल्कि ये मेटाबालिक डिसऑर्डर हैं। इनसे बचने का उपाय यही है कि जितना पचा पाएं उतना ही भोजन करें। यह क्षमता विकसित कर लेते हैं, तो आप मोटापा, डायबिटीज जैसी परेशानियों से बचे रहेंगे।
जीवनशैली में लाएं सुधार
- रात में 10 बजे तक सोने और सुबह छह बजे से पहले उठने का प्रयास करें।
- सुबह थोड़ी देरी से उठ रहे हैं तो भी हल्की कसरत, व्यायाम या फिर टहलने का प्रयास अवश्य करें।
- सात घंटे की नींद अवश्य पूरी करें। इतना भी हम करने लगें तो शरीर में सकारात्मक परिवर्तन दिखने लगेगा।
- शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिला, तो आक्सीडेंट्स को शरीर न्यूट्रिलाइज नहीं कर पाएगा।
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