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    आपकी थाली में रखें ये फूड्स बन रहे डायबिटीज की वजह, ICMR ने स्टडी में किया खुलासा

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 06:52 PM (IST)

    आईसीएमआर की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय थाली में कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। अध्ययन में पाया गया कि भारतीय भोजन में कार्बोहाइड्रेट 62% तक होते हैं, जबकि प्रोटीन और हेल्दी फैट कम होते हैं। यह असंतुलन डायबिटीज और मोटापे के बढ़ते मामलों से जुड़ा है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

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    ICMR स्टडी: आपकी थाली बन रही है डायबिटीज का कारण (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय थाली कई मायनों में पोषण से भरपूर मानी जाती है, लेकिन हाल ही में सामने आई इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) की एक रिपोर्ट में एक नई बात सामने आई है। इस नई रिपोर्ट में यह पता चला कि आापकी खाने की थाली भारत में बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं में योगदान दे रही है।

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    नेचर मेडिसिन में प्रकाशित इस शोध में पाया गया है कि औसत इंडियन डाइट में कार्बोहाइड्रेट ज्यादा पाया जाता है, जो डेली कैलोरी का 62% है, जबकि प्रोटीन और हेल्दी फैट चिंताजनक रूप से कम हैं। अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि यह असंतुलन देश भर में डायबिटीज, प्रीडायबिटीज और मोटापे के बढ़ते मामलों से सीधे जुड़ा है। आइए जानते हैं इस स्टडी के बारे में विस्तार से- 

    क्या कहती है स्टडी?

    स्टडी में पता चला कि इंडियन डाइट में लगभग 62% डेली कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से आती है, जो ग्लोबली काफी ज्यादा है। इनमें से ज्यादातर कार्बोहाइड्रेट सफेद चावल, पिसे हुए अनाज और एक्स्ट्रा चीनी से आते हैं।

    देश के अलग-अलग हिस्सों की बात करें, तो दक्षिण, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सफेद चावल सबसे ज्यादा प्रमुख है। वहीं, उत्तर और मध्य भारत में गेहूं सबसे आगे है। बाजरा सिर्फ कुछ राज्यों जैसे कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र में लोगों की डाइट का हिस्सा है।

    सेहत के लिए कैसे हानिकारक इंडियन डाइट

    हाई कार्बोहाइड्रेट डाइट लेने से टाइप 2 डायबिटीज, प्रीडायबिटीज और पेट के मोटापे के खतरा 15-30% जुड़ा हुआ है। साथ ही स्टडी में यह भी पता चला कि कुल फैट इनटेक तय सीमा के अंदर ही है, लेकिन सेचुरेटेड फैट का इनटेक सुरक्षित स्तर से ज्यादा है और हेल्दी फैट जैसे ओमेगा-3 का इनटेक बहुत कम हैं। 

    वहीं, 21 राज्यों और यूनियन टेरीटरी में लोग एडेड शुगर से तय सीमा से 5% ज्यादा कैलोरी ले रहे हैं। साथ ही लोगों में प्रोटीन की कमी भी देखने को मिल रही है, क्योंकि लोग सुझाई गई सीमा (15%) से कम सिर्फ 12% प्रोटीन इनटेक कर रहे हैं।

    ऐसे में डाइट को हेल्दी और बैलेंस्ड

    ICMR की इस रिपोर्ट से यह साफ है कि हमें अपने खानपान में बदलाव करने की जरूरत है। ऐसे में अपनी डाइट को हेल्दी और बैलेंस्ड बनाने के लिए आप नीचे दिए फूड्स इसमें शामिल कर सकते हैं। 

    • मेवे और बीज- बादाम, अखरोट, अलसी और चिया के बीज प्रोटीन और हेल्दी फैट देते हैं।
    • ग्रीक योगर्ट या दही- गट हेल्थ के लिए प्रोटीन और प्रोबायोटिक्स अच्छा ऑप्शन है।
    • दालें और फलियां- मसूर, छोले, राजमा और मूंग दाल बेहतरीन प्लांट प्रोटीन हैं।
    • पनीर- कैसिइन प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर; संतुलित डाइट के लिए सब्जियों के साथ इस खा सकते हैं।
    • अंडे- प्रोटीन का एक संपूर्ण स्रोत जो बहुमुखी और किफायती है।
    • सोया और टोफू- प्रोटीन से भरपूर और कार्बोहाइड्रेट में कम, वेजिटेरियन्स के लिए एक बेहतरीन ऑप्शन है।
    • मछली- प्रोटीन और ओमेगा-3 के लिए विशेष रूप से सैल्मन और मैकेरल को डाइट में शमिल करें।
    • लीन चिकन या टर्की-  फ्राइड चिकन की बजाय ग्रिल्ड चिकन या स्टीम्ड चिकन चुनें।

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    Source:

    Nature Medicine