प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने के लिए अपनाएं ये 6 टिप्स, लापरवाही के कारण हो सकती है शुगर की बीमारी
डायबिटीज से पहले वाली स्टेज को प्रीडायबिटीज कहा जाता है। इस कंडीशन में शुगर लेवल नॉर्मल से ज्यादा होता है, लेकिन इतना भी नहीं कि इसे डायबिटीज कहा जा सके। इसलिए इसी स्टेज में अगर सावधान हो जाया जाए, तो प्रीडायबिटीज (Prediabetes) को रिवर्स करके डायबिटीज से बचा जा सकता है।

क्या प्रीडायबिटीज को कर सकते हैं रिवर्स? (Picture Courtesy: Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। प्रीडायबिटीज एक ऐसी कंडीशन है जब ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से ज्यादा होता है, लेकिन इतना भी नहीं कि उसे टाइप 2 डायबिटीज का नाम दिया जाए। हालांकि, अच्छी बात यह है कि प्रीडायबिटीज को रिवर्स (How to Reverse Prediabetes) किया जा सकता है।
इसलिए अगर प्रीडायबिटीज स्टेज पर व्यक्ति कुछ सावधानियां बरतनी शुरू कर दें, तो शुगर की बीमारी से बचने में काफी मदद मिल सकती है। आइए जानें ऐसे ही 6 असरदार टिप्स (Tips to Reverse Prediabetes), जो प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
वजन घटाएं
अगर आपका वजन ज्यादा है, तो थोड़ा सा वजन कम करने से भी आपकी सेहत पर गहरा असर पड़ सकता है। शरीर के वजन का सिर्फ 7% हिस्सा घटाने से टाइप 2 डायबिटीज के होने का खतरा 58% तक कम हो जाता है। वजन कम होने से शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होता है, जिससे ब्लड शुगर कंट्रोल रहती है। वजन घटाने के लिए हेल्दी डाइट और नियमित एक्सरसाइज को अपने रूटीन में शामिल करें।
नियमित एक्सरसाइज
रोज एक्सरसाइज करने से ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। जब आप फिजिकली एक्टिव होते हैं, तो आपकी मांसपेशियों को एनर्जी के लिए ग्लूकोज का इस्तेमाल करने की जरूरत पड़ती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर कम होता है। मीडियम इंटेंसिटी की एक्सरसाइज के एक सेशन से भी ग्लूकोज का इस्तेमाल 40% तक बढ़ सकता है। सप्ताह में पांच दिन एक्सरसाइज करने का गोल सेट करें।
डाइट में बदलाव
खान-पान में बदलाव लाकर प्रीडायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। अपनी डाइट से आर्टिफिशियल शुगर और सिंपल कार्बोहाइड्रेट (जैसे मैदा, चावल) को हटाकर उनकी जगह पर कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट (जैसे साबुत अनाज, दालें) और हरी सब्जियों को शामिल करें। फाइबर से भरपूर फूड्स ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार साबित होते हैं। अपने डॉक्टर या डाइटीशियन से सलाह लेकर एक डाइट प्लान बनाएं।
स्लीप डिसऑर्डर्स का इलाज
नींद की कमी या स्लीप एप्निया जैसे डिसऑर्डर भी ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित कर सकते हैं। खराब नींद के कारण तनाव बढ़ता है और हार्मोन्स इंबैलेंस होते हैं, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या पैदा हो सकती है। अगर आपको नींद से जुड़ी कोई समस्या है, तो डॉक्टर से सलाह लें और इलाज कराएं। रोजाना 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना भी फायदेमंद साबित होगा।
कोलेस्ट्रॉल और बीपी मैनेज करें
प्रीडायबिटीज के साथ-साथ अगर आपको हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर या कोई अन्य समस्या है, तो उन्हें मैनेज करना भी जरूरी है। इन कंडीशन्स के कारण भी डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए नियमित जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं और लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर इन समस्याओं पर काबू पाएं।
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