क्या भारत में लौट रही है COVID-19 की लहर? नए JN.1 Variant के 2 लक्षण बदल रहे हैं बीमारी का पैटर्न
भारत समेत कई देशों में एक बार फिर से COVID-19 मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। WHO के मुताबिक अभी घबराने की जरूरत तो नहीं है लेकिन कोराना के नए Variant JN.1 से सतर्क रहना बेहद जरूरी है क्योंकि इसमें 2 अलग तरह के लक्षण देखे जा रहे हैं। आइए जानें कि ये नया वेरिएंट क्या है और कैसे इससे बचाव किया जा सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में एक बार फिर COVID-19 के मामलों में थोड़ी बढ़ोतरी देखी जा रही है और इसकी बड़ी वजह नया JN.1 Variant है। बता दें, यह ओमिक्रॉन का ही एक सब-वेरिएंट है, जो तेजी से फैलने की क्षमता रखता है। जी हां, कोविड-19 अभी गया नहीं है, बस उसने अपना रूप बदला है। इसका नया वेरिएंट कुछ ऐसे लक्षण (JN.1 Variant Symptoms) दिखा रहा है, जो अबतक पिछले स्ट्रेन्स से बिल्कुल अलग हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
क्या है JN.1 वेरिएंट?
JN.1 असल में Omicron वेरिएंट का ही एक सबवेरिएंट है, जो BA.2.86 यानी Pirola से विकसित हुआ है। इसकी पहचान सबसे पहले 2023 में लक्सेमबर्ग में हुई थी और धीरे-धीरे यह दुनिया के कई हिस्सों में फैल गया, जिसमें अब भारत भी शामिल है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसमें कुछ खास बदलाव (Mutations) हुए हैं, जिसकी वजह से यह वेरिएंट पहले की तुलना में लोगों में जल्दी फैलता है। हालांकि, राहत की बात यह है कि अब तक इसके कारण किसी गंभीर बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है।
JN.1 के आम लक्षण
इस वेरिएंट के ज्यादातर लक्षण Omicron जैसे ही हैं।
- हल्का बुखार या ठंड लगना
- सूखी खांसी
- गले में खराश
- थकान
- सिर दर्द
- नाक बहना या बंद होना
- मांसपेशियों में दर्द
- सांस लेने में परेशानी (गंभीर मामलों में)
ये लक्षण आमतौर पर संक्रमण के 2 से 14 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं और अधिकतर मामलों में लोग घर पर ही ठीक हो जाते हैं।
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ये 2 लक्षण बना रहे हैं JN.1 अलग
इस नए JN.1 वेरिएंट में भी ज्यादातर लक्षण पुराने वेरिएंट्स जैसे ही हैं, लेकिन इसमें 2 ऐसे लक्षण भी पाए जा रहे हैं जो अब तक कम ही देखे गए थे। आइए जानें।
लगातार बना रहने वाला हल्का बुखार
पहले के वेरिएंट्स में तेज बुखार, पसीना आना और ठंड लगना आम बात थी, लेकिन JN.1 में अक्सर कम ग्रेड का बुखार देखा जा रहा है, यानी शरीर का तापमान 99.6°F से 100.5°F के बीच बना रहता है, लेकिन इसके साथ न ठंड लगती है, न पसीना आता है। यह बुखार कई दिनों तक बना रह सकता है और लोग इसे थकान या सामान्य कमजोरी समझ कर नजरअंदाज कर सकते हैं। यह लक्षण इस बात का संकेत है कि शरीर वायरस से लड़ रहा है, लेकिन पहले जैसा स्टॉन्ग रिएक्शन नहीं दे रहा।
पाचन से जुड़ी समस्याएं
JN.1 में एक और बड़ा लक्षण देखने को मिला है जो है- पेट से जुड़ी परेशानियां। मरीजों को भूख न लगना, जी-मचलाना आना, पेट में गड़बड़ी या दस्त की शिकायत हो रही है। बता दें, पहले के कोविड वेरिएंट्स में ये लक्षण आमतौर पर दिखाई नहीं देते थे, लेकिन इस बार ये ज्यादा लोगों को प्रभावित कर रहे हैं।
क्यों नजर आ रहे हैं ये नए लक्षण?
JN.1 वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में हुए जेनेटिक बदलाव इसकी वजह माने जा रहे हैं। यह वायरस को ह्यूमन सेल्स से जल्दी चिपकने में मदद करता है, जिससे यह ज्यादा फैलता है। हालांकि, इन बदलावों से बीमारी की गंभीरता नहीं बढ़ी है, बल्कि इसके लक्षणों का स्वरूप थोड़ा अलग हो गया है।
ऐसे लक्षण दिखने पर क्या करें?
अगर आपको हल्का लेकिन लगातार बना रहने वाला बुखार है या भूख न लगना, पेट खराब होना जैसे लक्षण हैं, तो नीचे दी गई बातों का ध्यान रखें।
- कोविड का टेस्ट करवाएं, खासकर अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हों या ट्रिप से लौटे हों।
- खुद को आइसोलेट करें ताकि दूसरों को इन्फेक्शन न फैले।
- भरपूर पानी पीएं और आराम करें।
- सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- वैक्सीन और बूस्टर डोज जरूर लें, क्योंकि यह गंभीर संक्रमण से सुरक्षा का सबसे असरदार तरीका है।
भारत में कहां-कहां मिले हैं नए वेरिएंट्स?
- NB.1.8.1: सबसे पहले तमिलनाडु में अप्रैल 2025 में पाया गया।
- LF.7: मई 2025 में गुजरात में चार मामले सामने आए।
इसके अलावा केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, दिल्ली और पूर्वोत्तर के राज्यों में भी कोविड के मामले सामने आए हैं। केरल में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं।
सावधानी ही सुरक्षा है
JN.1 गंभीर बीमारी नहीं फैला रहा, लेकिन इसकी तेजी से फैलने की क्षमता चिंता का कारण है। इसलिए सावधानी बेहद जरूरी है।
- बार-बार हाथ धोते रहें
- भीड़-भाड़ वाले या बंद जगहों में मास्क पहनें
- बीमार लोगों से दूरी बनाए रखें
- सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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