COVID-19 JN-1 : घबराएं नहीं, वायरल बुखार की तरह है कोरोना वायरस का नया वैरिएंट जेएन-1
COVID-19 JN-1 कोरोनारोधी वैक्सीन इस वैरिएंट से लड़ने में पूरी तरह सक्षम है। देश के लोगों में अभी पर्याप्त इम्यूनिटी है। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन लापरवाही न बरतें। यदि आप सर्दी-खांसी और बुखार से ग्रसित हैं तो कार्यालय या भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। मास्क का इस्तेमाल करें।

जागरण संवाददाता, लखनऊ : कोरोना वायरस सिंगापुर सहित एशिया के कई देशों में फिर से लौट आया है। इसकाे स्वीकार करना होगा कि कोविड वायरस समय-समय पर अपना रूप बदलकर हमारे बीच आता रहेगा। नए वैरिएंट जेएन-1 से सैकड़ों लोग संक्रमित हो रहे हैं। भारत में अब तक इसके 250 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
केजीएमयू के संक्रामक रोग विशेषज्ञ प्रो. डी. हिमांशु ने गुरुवार को जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में बताया कि यह एक वायरल बुखार की तरह है, जो प्रत्येक छह माह या एक वर्ष में खुद के होने का अहसास कराएगा। जेएन-1 पुराना वैरिएंट है, जिसने 2023 में अमेरिका और यूरोप में बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित किया था, लेकिन गंभीर परिणाम न के बराबर सामने आए थे। अब यह एशिया में पांव पसार रहा है। सिंगापुर, थाईलैंड, हांगकांग और चीन में कोविड के नए वैरिएंट के रोगियों के आंकड़े तो बढ़ रहे हैं, लेकिन इसका असर बिल्कुल वायरल बुखार की तरह है।
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के खतरनाक हाेने पर प्रो. डी. हिमांशु ने बताया कि कोरोना वायरस समय के साथ अपना रंग बदलता है और बदलता रहेगा। अब यह हमारे बीच हमेशा रहेगा। अमेरिका और यूरोप के आंकड़े बताते हैं कि यह सामान्य संक्रमण है, जिसमें व्यक्ति को सर्दी-खांसी और वायरल के लक्षण होंगे। संक्रमित को ठीक होने में पांच-छह दिन लगेंगे, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
कोरोना के नए वैरिएंट जेएन-1 के लक्षण
- जेएन-1 वैरिएंट में लक्षण 'हल्के से मध्यम' होते हैं
- सूखी खांसी
- गले में खराश
- बुखार
- नाक बहना या बंद होना
- सिरदर्द
- थकान या कमजोरी
- स्वाद या गंध का चला जाना
- डायरिया
- यह परेशानी पांच-छह दिनों तक बनी रह सकती है
कोरोनारोधी वैक्सीन लड़ने में पूरी तरह सक्षम
कोरोनारोधी वैक्सीन इस वैरिएंट से लड़ने में पूरी तरह सक्षम है। देश के लोगों में अभी पर्याप्त इम्यूनिटी है। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन लापरवाही न बरतें। यदि आप सर्दी-खांसी और बुखार से ग्रसित हैं तो कार्यालय या भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें। मास्क का इस्तेमाल करें। बार-बार साबुन से हाथ धुलें। रोजाना रात में नमक और गुनगुना पानी से गरारा करें और भाप जरूर लें। योग-एक्सरसाइज करें। पौष्टिक भोजन लें और मौसमी फल-हरी सब्जियां खाएं, जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी।कोरोनारोधी वैक्सीन का असर होगा या नहीं
भारत में पहली काेराेना संक्रमण की पहली लहर मार्च 2020 से फरवरी 2021 तक रही। मार्च 2021 से मई 2021 तक दूसरी लहर सबसे खतरनाक रही, जिसमें डेल्टा वैरिएंट ने बड़ी संख्या में लोगों की जान ली थी। इसके बाद ओमिक्रान वैरिएंट में भी कई तरह के बदलाव हुए और यह समय-समय पर बदल रहा है। भारत में लगाई गईं दोनों वैक्सीन बेहद असरदार हैं। यही वजह है कि नए वैरिएंट अपने यहां लोगों को गंभीर नहीं कर पाएंगे, क्योंकि वैक्सीन का अभी भी अच्छा असर है। नया वैरिएंट पहले के मुकाबले हल्का है। वैसे भी अपने देश के लोगों की इम्युनिटी अमेरिका, इंग्लैंड, समेत अन्य देंशों से बेहतर मानी जाती है।
नए वेरिएंट से किसे ज्यादा खतरा है और इससे बचाव
यह वैरिएंट खतरनाक नहीं है, इसलिए कोई चिंता की बात नहीं है। हमें यह मान लेना चाहिए कि कोविड अब एक सामान्य संक्रामक रोग की तरह हमेशा रहेगा। हालांकि, बुजुर्गों और किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को अधिक सतर्कता बरतना होगा। बार-बार हाथ धोना, मास्क पहनना और भीड़ से बचना जरूरी है।
गर्मी में ऐसी हो डाइट तो मजबूत होगी इम्यूनिटी
गर्मी में सबसे ज्यादा जरूरी है कि खुद को हाईड्रेट रखें। दिनभर में 10-12 गिलास पानी पीएं। आम, तरबूज, खरबूजा, लीची, आंवला, नींबू जैसे मौसमी फल खाएं, जो विटामिन सी और एंटीआक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। स्ट्राबेरी, संतरा, चेरी, ब्लैकबेरी जैसे खट्टे फल खाएं। खीरा, ककड़ी और हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करें। दही, अंडे, मशरूम, डेयरी उत्पाद, बादाम, और अखरोट विटामिन डी और ई के सबसे अच्छे स्त्रोत हैं। इसके अलावा योग, एक्सरसाइज से शरीर को पर्याप्त आक्सीजन मिलती है और मानसिक तनाव कम होता है, जो इम्युनिटी के लिए फायदेमंद है।
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