अगर आप भी इन 5 लोगों में से हैं, तो भूलकर भी न खाएं तुलसी के पत्ते; सेहत पर पड़ता है उल्टा असर
भारतीय घरों में तुलसी को सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि आयुर्वेदिक लिहाज से भी बेहद खास मानते हैं। कहा जाता है कि ये पत्ते इम्युनिटी बढ़ाते हैं पाचन दुरुस्त रखते हैं और सर्दी-खांसी से राहत दिलाने में भी रामबाण का काम करते हैं लेकिन क्या आपको मालूम है कि कुछ लोगों के लिए यह नुकसानदायक भी साबित हो सकते हैं? जी हां आइए विस्तार से जानते हैं (Side Effects Of Basil)।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Side Effects Of Basil: भारतीय घरों में तुलसी का पौधा बहुत खास माना जाता है। ऐसा कहते हैं कि हर सुबह खाली पेट तुलसी के पत्ते खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ये पत्ते बीमारियों से लड़ने के लिए शरीर की ताकत बढ़ाते हैं, डाइजेशन को बेहतर बनाते हैं और सिर्फ इतना ही नहीं, सर्दी-खांसी में भी सेहत को काफी राहत पहुंचाते हैं।
ऐसे में, क्या आपको पता है कि कुछ लोगों के लिए तुलसी के पत्ते फायदे की जगह नुकसानदायक भी हो सकते हैं? हां, यह सच है! हर चीज हर किसी के शरीर के लिए ठीक नहीं होती। आयुर्वेद के हिसाब से कुछ खास हालात और बीमारियों में तुलसी के पत्ते खाने से फायदा नहीं, बल्कि नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं (Who Should Not Eat Basil)।

प्रेग्नेंट महिलाएं
प्रेग्नेंट महिलाओं को तुलसी के पत्ते खाने की सलाह अक्सर नहीं दी जाती। तुलसी में पाए जाने वाले यूजोल (Eugenol) नामक तत्व की ज्यादा मात्रा गर्भाशय को संकुचित कर सकती है, जिससे गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है। खासतौर से पहले 3 महीने में तुलसी से दूरी बनाना बेहतर होता है, जब बच्चे की ग्रोथ शुरुआती स्टेज में होती है।
खून पतला करने वाली दवाइयां ले रहे लोग
अगर आप ब्लड थिनर (खून पतला करने वाली) दवाइयां जैसे वॉरफरिन या एस्पिरिन ले रहे हैं, तो तुलसी के पत्ते आपके लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। तुलसी का प्राकृतिक असर भी खून को पतला करने वाला होता है और दवाइयों के साथ मिलकर ये असर बहुत तेज हो सकता है, जिससे शरीर में अचानक ब्लीडिंग या चोट के बाद खून बहने का खतरा बढ़ सकता है।
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लो ब्लड शुगर के मरीज
तुलसी के पत्तों का सेवन ब्लड शुगर को नेचुरली कम करने में मदद करता है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को हाइपोग्लाइसीमिया यानी पहले से ही शुगर लो रहने की शिकायत है, तो तुलसी के पत्ते उनका शुगर लेवल और गिरा सकते हैं। नतीजा- चक्कर आना, कमजोरी, थकान और बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए डायबिटीज के मरीज तुलसी का सेवन डॉक्टर की सलाह के मुताबिक ही करें।
थायरॉइड की समस्या से जूझ रहे लोग
तुलसी का सेवन थायरॉइड हार्मोन के लेवल को प्रभावित कर सकता है, खासकर हाइपरथायरॉइडिज्म से पीड़ित लोगों में। कुछ स्टडीज में पाया गया है कि तुलसी की कुछ प्रजातियां थायरॉइड हार्मोन की एक्टिविटी को बढ़ा सकती हैं, जिससे दवाओं का असर कम या ज्यादा हो सकता है। इसलिए थायरॉइड के मरीजों को तुलसी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
हाल ही में सर्जरी करवाने वाले लोग
अगर आपने हाल ही में कोई सर्जरी करवाई है या करवाने जा रहे हैं, तो तुलसी के पत्ते खाने से बचें। तुलसी का प्राकृतिक असर खून को पतला करने वाला होता है, जिससे सर्जरी के बाद रिकवरी में दिक्कतें आ सकती हैं। यह घाव भरने के प्रोसेस को धीमा कर सकता है और ब्लीडिंग का खतरा बढ़ा सकता है।
तो क्या हर कोई तुलसी नहीं खा सकता?
बिलकुल नहीं। तुलसी अपने आप में एक बेहद उपयोगी और औषधीय पौधा है, लेकिन हर व्यक्ति का शरीर और सेहत अलग होती है। आयुर्वेद कहता है कि "जो दवा किसी के लिए अमृत है, वो किसी दूसरे के लिए जहर भी बन सकती है।"
इसलिए जरूरी है कि अगर आप ऊपर बताए गए किसी भी ग्रुप में आते हैं, तो तुलसी के पत्तों का सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेदाचार्य से सलाह जरूर लें।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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