सिर्फ स्ट्रीट फूड से नहीं होता Hepatitis A! ये 5 कारण भी हैं जिम्मेदार, वक्त रहते हो जाएं सावधान
क्या आपको लगता है कि Hepatitis A सिर्फ गंदा खाना या दूषित पानी पीने से होता है? अगर हां तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। दरअसल डॉक्टर का मानना है कि हेपेटाइटिस A के पीछे कुछ और भी कारण हो सकते हैं जिनके बारे में जानना बहुत जरूरी है। अगर आप इन बातों को नजरअंदाज करते हैं तो यह इन्फेक्शन कभी भी आपको अपनी चपेट में ले सकती है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। “मेरा बच्चा तो सिर्फ घर का खाना खाता है, फिर उसे पीलिया कैसे हो गया?” या “वो तो सिर्फ दो साल की है, इतनी कम उम्र में कैसे बीमार हो सकती है?” ऐसे सवाल अक्सर माता-पिता के मन में आते हैं, लेकिन सच यह है कि हेपेटाइटिस A किसी भी बच्चे को प्रभावित कर सकता है, चाहे वो बाहर का खाना खाता हो या नहीं।
बता दें, बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता है। छोटे बच्चे खेल-खेल में हर चीज को छूते और मुंह में डालते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है। यही कारण है कि इस बीमारी से बचाव के लिए सिर्फ साफ पानी या घर का बना खाना काफी नहीं है।
आइए, डॉ. रघुराम मल्लैया (सीनियर डायरेक्टर नियोनेटोलॉजी, फोर्टिस ला फेम जीके, दिल्ली) से जानते हैं कि क्यों हर माता-पिता को अपने बच्चे को Hepatitis A से बचाने के लिए सतर्क रहना चाहिए।
1) बच्चों में सबसे आम लिवर इन्फेक्शन्स में से एक
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, भारत में छह साल की उम्र तक 90% से अधिक बच्चों को हेपेटाइटिस A वायरस का सामना करना पड़ता है। यह वायरस सीधे लीवर को प्रभावित करता है।
लक्षणों में आंख या त्वचा का पीला पड़ना, भूख न लगना, कमजोरी, बुखार और पेट में दर्द शामिल हैं। छोटे बच्चों में ये लक्षण अक्सर बहुत हल्के दिखाई देते हैं, जिससे बीमारी समय पर पकड़ में नहीं आती।
इसलिए डॉक्टर और इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) सलाह देते हैं कि बच्चों को 1 से 2 साल की उम्र में हेपेटाइटिस A का टीका जरूर लगवाना चाहिए।
2) नर्सरी और प्ले-स्कूल में तेजी से फैलता है
हेपेटाइटिस A संक्रमित पानी और खाने से फैलता है। यह वायरस सतहों पर कई हफ्तों तक जीवित रह सकता है। छोटे बच्चे जब साथ खेलते हैं, खिलौने साझा करते हैं या हाथ धोना भूल जाते हैं, तब संक्रमण बहुत आसानी से एक से दूसरे तक पहुंचता है।
यही कारण है कि जैसे ही बच्चा नर्सरी या प्ले-स्कूल जाने लगे, उसे सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण और घर पर हाइजीन से जुड़ी आदतें बेहद जरूरी हो जाती हैं।
3) ठीक होने में समय लगता है
हेपेटाइटिस A का कोई खास इलाज नहीं है। शरीर को खुद ही वायरस से लड़कर ठीक होना पड़ता है, जिसमें कई हफ्ते लग सकते हैं। इस दौरान बच्चा थकान, भूख की कमी और उल्टी जैसी तकलीफों से गुजर सकता है।
माता-पिता को भी बच्चे की देखभाल के लिए काम से छुट्टी लेनी पड़ सकती है, जिससे घर और दिनचर्या दोनों प्रभावित होते हैं। इसलिए बीमारी झेलने से बेहतर है कि पहले ही उससे बचाव किया जाए।
4) कुछ बच्चों में कॉम्प्लिकेशन हो सकते हैं
ज्यादातर बच्चे आराम और पौष्टिक डाइट से पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, लेकिन लगभग 10 से 15% मामलों में लक्षण बार-बार लौट सकते हैं और बीमारी छह महीने तक खिंच सकती है। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले बच्चों में इसका असर और लंबा चल सकता है।
5) चुपचाप फैलता रहता है वायरस
कई माता-पिता सोचते हैं कि अगर घर में साफ पानी और ताजा खाना मिलता है तो खतरा कम है, लेकिन हेपेटाइटिस A अक्सर बिना लक्षण दिखाए भी फैल सकता है।
अध्ययनों के अनुसार, भारत में पांच साल की उम्र तक लगभग 80% बच्चों को हेपेटाइटिस A का इन्फेक्शन हो चुका होता है। इसका मतलब है कि यह वायरस बहुत तेजी से और बड़े स्तर पर समुदाय में फैलता है।
ऐसे में, टीकाकरण न सिर्फ आपके बच्चे को सुरक्षित रखता है, बल्कि पूरे समाज में वायरस के फैलने को भी कम करता है।
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