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    Fatty Liver से करना है अपना बचाव, तो रोजमर्रा की लाइफ में करें ये छोटे-छोटे बदलाव

    लिवर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा होना फैटी लिवर कहलाता है। ओवरवेट और डायबिटिक लोगों में यह ज्यादा पाया जाता है। एक्सपर्ट का मानना है कि अगर कुकिंग में कम से कम ऑयल का इस्तेमाल किया जाए तो इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

    By Nikarika Pandey Edited By: Harshita Saxena Updated: Thu, 22 May 2025 06:47 PM (IST)
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    लाइफस्टाइल में बदलाव से फैटी लिवर में करें सुधार (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में हर साल 1 करोड़ के करीब फैटी लिवर के मरीज सामने आते हैं। आमतौर पर यह डायबिटिक और मोटे लोगों में पाया जाता है। वैसे तो फैटी लिवर के कोई लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन यह सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

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    अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर आप इस समस्या में सुधार कर सकते हैं और इससे बचे रह सकते हैं। इस बारे में और विस्तार से बता रहे हैं वैदिक एक्यूप्रेशर एंड नैचुरोपैथी एक्सपर्ट डॉ. योगेश शर्मा (आयुर्वेदिक जनरल फिजिशियन)।

    लिवर का क्या काम है?

    यह हमारे शरीर का मुख्य ऑर्गन है, जो शरीर में खाना पचाने, एनर्जी को स्टोर करने और वेस्ट मटेरियल को बाहर निकालने में मदद करता है। एक हेल्दी लिवर में बहुत कम मात्रा में या फिर बिलकुल भी फैट नहीं होता। अगर आप बहुत ज्यादा शराब पीते हैं या आपकी डाइट बहुत अनहेल्दी है, तो बहुत ज्यादा मात्रा में बनने वाला फैट आपके लिवर सेल्स में स्टोर हो जाता है और वो फैटी हो जाता है।

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    ये होते हैं लक्षण

    वैसे तो फैटी लिवर के कोई लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन कुछ लोगों में इस तरह के लक्षण दिख सकते हैं:

    • थकान या बीमार महसूस होना
    • पेट के दाएं हिस्से में ऊपर की ओर दर्द होना

    स्टेज 1 और स्टेज 2 का क्या मतलब है

    स्टेज 1 या ग्रेड 1 फैटी लिवर, नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज की शुरुआती स्टेज है। इससे पता चलता है कि लिवर में उसके वजन की तुलना में 5-10% फैट जमा है। लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर इसे रीवर्स भी किया जा सकता है। स्टेज 2 फैटी लिवर का मतलब है लिवर में ज्यादा फैट का जमा होना, यानी उसके वजन के लगभग 34-60% तक। इस स्टेज पर आकर कुछ लोगों को थोड़े बहुत लक्षण महसूस होने लगते हैं।

    घी या ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करें

    वैसे तो फैटी लिवर में ऑयल न लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन चिकनाहट के लिए कुछ इस्तेमाल करना ही है तो छौंके के लिए आप गाय के घी का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप अच्छी क्वालिटी का ऑलिव ऑयल भी कुकिंग में यूज कर सकते हैं, लेकिन मात्रा का ध्यान रखें। आजकल ऑयल्स में काफी ज्यादा मिलावट देखने को मिल रही है, ऐसे में जरूरत से ज्यादा ऑयल का इस्तेमाल लिवर को डैमेज कर सकता है।

    फिजिकल वर्क कम होने से बढ़ी है मुश्किलें

    एक तरफ लोग ऑयली फूड खा रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ उतना फिजिकल वर्क नहीं कर रहे । ऐसे में जो भी एक्स्ट्रा फैट है, वो बर्न नहीं हो पाता और लिवर में इकट्ठा होता जाता है। यही फैटी लिवर का कारण बनता है।

    इन चीजों में भी है ऑयल

    हमारे शरीर में सिर्फ उतना ही ऑयल नहीं जा रहा, जो हम कुकिंग में या खाने में इस्तेमाल करते हैं। ड्राई नजर आने वाली चीजों में भी ऑयल का इस्तेमाल होता है, जैसे रोजाना खाए जाने वाले बिस्किट या नमकीन। यही ऑयल लिवर में जमा होता है और खराब ऑयल कोलेस्ट्रॉल या पथरी में बदल जाता है।

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