एक्सपर्ट्स ने बताया स्वस्थ जीवन का मंत्र, गैजेट्स से दूरी, प्रकृति और 'माइंडफुल ईटिंग' से बनाएं नजदीकी
नववर्ष ऐसा अवसर है जब आप सेहत की बेहतरी का संकल्प लेते हैं। हालांकि हमारी आदतों की जड़ें इतनी गहरी होती हैं कि दिनचर्या में नए बदलाव आसान नहीं होते। ऐ ...और पढ़ें
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प्रकृति के आएं करीब और फोन से बनाएं दूरी (Picture Courtesy: AI Generated)
सीमा झा / सुमन अग्रवाल, नई दिल्ली। डॉ. हंसा जी योगेंद्र (योग विशेषज्ञ, निदेशक, द योग संस्थान, मुंबई) कहती हैं कि तकनीक से दूर जुड़े प्रकृति से। प्रकृति से दूर हुए तो अस्वस्थ होते गए। इसलिए आने वाले वर्ष में संकल्प लें कि मोबाइल, गैजेट से दूर, प्रकृति के निकट आएं। संगीत सुनें, आराम करें और तनाव को कहें अलविदा।
हमें समझना होगा कि योग केवल सांस क्रिया या कुछ आसन- व्यायाम ही नहीं है। यह आपकी दिनचर्या को व्यवस्थित करने के लिए है। इन दिनों नींद एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है।
नींद अच्छी नहीं होने का अर्थ है हार्मोन असंतुलन। इससे वजन बढ़ने का जोखिम रहता है। वजन बढ़ना यानी कई वजन बढ़ना यानी कई सारी बीमारियों को आमंत्रण। यह समझें कि हमारे जीवन में समस्या क्यों बढ़ने लगी है। योग यहीं मदद करता है। यह आपको बताता है कि बस हमें जागरूक रहना है। स्वयं के प्रति समझ बढ़ानी है। शरीर की जो कमियां है उन्हें दूर करना है। इसमें तन ही नहीं मन की शक्ति भी शामिल है।
मेरा मानना है कि लोग मोबाइल व गैजेट आदि पर इतना निर्भर हो गए हैं कि जागरूकता कम होती जा रही है। लोग आज योग व ध्यान को बस रूटीन समझ रहे हैं। सुबह उठते ही मोबाइल उठाना और रात देर तक इसकी गिरफ्त में रहना बड़ा नुकसान कर रहा है। हमारी सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित हो रही है । हम असहिष्णु हो रहे हैं। बच्चों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसमें बदलाव करना है, आपके नए साल के प्रमुख संकल्प में यही होना चाहिए।
दैनिक जीवन में इनका रहे ध्यान
- प्लास्टिक से दूरी बनाने का संकल्प लें। कांच व मिट्टी के मटके का प्रयोग करें। स्टील के बर्तन का प्रयोग करें। नान-स्टिक से दूरी बनाएं।
- योगासान हो या प्राणायाम, आप सुबह बिस्तर पर भी कर सकते हैं। खाली पेट या भोजन के दो घंटे बाद भी योगासन कर सकते हैं।
- शरीर को निष्क्रिय न रखें और मन अशांत न रहे। तनाव लेना है या नहीं, यह एक चुनाव है। मन को शांत व हल्का रखने का प्रयास करें।
- अगर आसपास प्रदूषण है तो इससे बचाव के लिए जलनेति या नमक वाले पानी से गरारे अच्छा उपाय है।
- पेट के उभरने को लेकर परेशान न हों । मांसपेशियां लचीली और शक्तिपूर्ण रहे इसके लिए आप लेटकर पैरों को ऊपर ले जा सकते हैं। लेटे-लेटे भद्रासन कर सकते हैं आदि ।
- रीढ़ को लचीला बनाए रखने के लिए आगे झुककर हाथों से जमीन को स्पर्श करें, पीछे और बाएं - दाएं झुकने का अभ्यास करें। कोणासन, ताड़ासन (ऊपर खींचते हुए), वक्रासन (ट्विस्ट करना) और सर्वांगासन जैसे आसन आपको स्वस्थ रखने में सहायक होंगे।
डॉ. शिखा शर्मा (साइंटिफिक मेंटर, रैनफोर्ट वेलनेस) हर दिन को ‘हेल्दी’ बनाने की सलाह देती हैं। भागदौड़ भरी इस जिंदगी में हर साल हम सेहतमंद रहने का संकल्प लेते हैं, लेकिन उसे पूरा करने में पीछे रह जाते हैं। हमें पूरे साल के लिए नहीं बल्कि हर दिन के लिए संकल्प लेना चाहिए भोजन में कुछ अच्छी चीजों को जोड़ेंगे और कुछ अस्वस्थ चीजों को हटाएंगे, तो सेहतमंद बने रहेंगे।
कच्चे खाने पर हो फोकस
आपकी थाली में आधा खाना पका और आधा कच्चा होना चाहिए। शुरुआत सुबह सब्जियों के जूस से कर सकते हैं। सर्दियों में गाजर, चुकंदर, आंवले का जूस फायदेमंद होता है। कच्ची सब्जियों में एंजाइम भरपूर मात्रा में होते हैं जो आंतों को स्वस्थ रखते हैं।
पर्याप्त मात्रा में लें प्रोटीन
शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन के कई सारे विकल्प होते हैं। आप चाहें तो हरी सब्जियां, अंकुरित दालें और बीजों से पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन प्राप्त कर सकते हैं। बच्चे, बूढ़े और युवाओं के लिए प्रतिदिन प्रोटीन की विशिष्ट मात्रा आवश्यक है।
हाइड्रेशन है जरूरी
दिन में कम से कम दो लीटर पानी पीने का प्रयास करना चाहिए। आप चाहें तो बीच बीच में खुद को रिमाइंडर दे सकते हैं। पानी की सही मात्रा से मांसपेशियों में दर्द नहीं होगा, आक्सीजन और रक्त संचार बेहतर होगा।
औषधियां लें
शरीर में पोषक तत्व की कमी पूरी करने के लिए लोग केमिकल सप्लीमेंट्स पर ज्यादा भरोसा करते हैं, लेकिन नए साल से खुद को संकल्प दें कि आप अश्वगंधा, एलोवेरा, शतावरी और ब्राह्मी जैसी प्राकृतिक औषधियों को भोजन में शामिल करेंगे।
क्या ना करें
- गलत फूड कांबिनेशन स्वास्थ्य बिगाड़ देता है। रात में दूध और दही एक साथ नहीं लेना चाहिए। अनाज के साथ दूध और दूध के साथ फल का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
- रात में भारी खाना खाने से परहेज करें। दूध, चावल या तला भोजन हजम होने में वक्त लेता है।
- आप कब, कितना और क्या खा रहे हैं, इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है। कुल मिलाकर माइंडफुल इटिंग ही हेल्दी रहने का मंत्र है।
- खाने का समय तय करें, चबा-चबा कर खाएं और भोजन में हेल्दी चीजों को ही शामिल करें।

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