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    कभी सोचा है ठंड लगने पर क्यों छूटती है कंपकपी? कम ही लोग जानते हैं इसके पीछे का साइंस

    Updated: Tue, 24 Dec 2024 04:19 PM (IST)

    सर्दी लगने पर जब हम कांपते हैं तो ऐसा लगता है कि मानो शरीर में छोटे-छोटे ड्रम बज रहे हों लेकिन असल में जब हमारे शरीर का तापमान कम होने लगता है तो हमारा ब्रेन एक संकेत भेजता है जिससे हमारी मांसपेशियां तेजी से सिकुड़ने और फैलने लगती हैं। इसी प्रक्रिया को हम कंपकपी (Shivering) कहते हैं। आइए आज आपको बताएं इसके पीछे छिपा पूरा साइंस (Why Do We Shiver)।

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    ठंड लगने पर शरीर क्यों कांपता है, जानिए इसके पीछे का विज्ञान (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Why Do We Shiver: कभी आपने गौर किया है कि जब हमें ठंड लगती है तो हमारा शरीर क्यों कांपने लगता है? यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे हम सभी सर्दियों के मौसम में जरूर गुजरते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे का साइंस कितना (Shivering Science) दिलचस्प है? दरअसल, जब हम ठंडे वातावरण में होते हैं या बीमार होते हैं, तो हमारा शरीर अपने इंटरनल टेंपरेचर को बनाए रखने के लिए स्ट्रगल करता है। हमारी बॉडी एक तय तापमान पर सबसे अच्छा काम करती है और जब यह तापमान कम होने लगता है, तो शरीर इसे बढ़ाने के लिए कई तरीके अपनाता है। इनमें से एक तरीका है कंपकपी। आइए, विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।

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    कंपकपी क्यों होती है?

    कंपकपी दरअसल हमारी बॉडी का एक ऑटोमेटिक रिस्पांस है। जब हमारा शरीर ठंड महसूस करता है, तो ब्रेन एक संदेश भेजता है जो मांसपेशियों को तेजी से सिकोड़ने और फैलाने का कारण बनता है। यह तेजी से होने वाला कॉन्ट्रैक्शन और फैलाव ही कंपकपी के रूप में महसूस होता है।

    आप जानते ही होंगे कि शरीर एक खास तापमान पर काम करता है। ये तापमान लगभग 37 डिग्री सेल्सियस या 98.6 डिग्री फारेनहाइट होता है। चाहे बाहर की गर्मी हो या सर्दी, हमारा शरीर इस तापमान को बनाए रखने की पूरी कोशिश करता है, लेकिन जब हमारे शरीर का तापमान इस सामान्य स्तर से ऊपर चला जाता है, तो हम बुखार महसूस करते हैं। बुखार का मतलब है कि हमारा शरीर किसी बीमारी से लड़ रहा है।

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    कंपकपी से कैसे पैदा होती है गर्मी?

    • मसल्स की एक्टिविटी: जब हमारी मसल्स तेजी से सिकुड़ती और फैलती हैं, तो यह एक फिजिकल एक्टिविटी की तरह होता है इसलिए इस दौरान एनर्जी का इस्तेमाल होता है जिससे शरीर में गर्मी पैदा होती है। यह गर्मी हमारी बॉडी के टेंपरेचर को बढ़ाने में मदद करती है।
    • ब्लड का फ्लो: कंपकपी के दौरान ब्लड का फ्लो भी बढ़ जाता है। जब ब्लड हमारे शरीर के अलग-अलग अंगों में तेजी से बहता है, तो यह बॉडी के कोर को गर्म रखने में मदद करता है।
    • एनर्जी का इस्तेमाल: कंपकपी के दौरान हमारा शरीर ज्यादा एनर्जी का यूज करता है। यह एनर्जी हमारे शरीर में मौजूद फैट के बर्न होने पर मिलती है।

    बॉडी का डिफेंस मैकेनिज्म

    कंपकपी को हम एक डिफेंस मैकेनिज्म के तौर पर भी देख सकते हैं। यह हमारे शरीर को ठंड से बचाने का एक नेचुरल तरीका है। जब हम ठंडे वातावरण में होते हैं, तो कंपकपी हमारे शरीर को गर्म रखने में मदद करती है और हाइपोथर्मिया होने से रोकती है। हाइपोथर्मिया एक ऐसी सिचुएशन है जिसमें शरीर का तापमान बहुत कम हो जाता है और कई मामलों में यह जानलेवा भी हो सकता है।

    कब होती है चिंता की बात?

    कंपकपी एक नॉर्मल प्रोसेस है, लेकिन कुछ मामलों में यह एक गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती है। अगर आपको लगातार कंपकपी आ रही है और इसके साथ ही आपको बुखार, ठंड लगना या अन्य कोई लक्षण भी महसूस हो रहे हैं, तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है।

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