क्या सचमुच आंतों में चिपक जाता है मैदा? एक्सपर्ट से जानें इस दावे की सच्चाई
आपने अक्सर सुना होगा कि मैदा सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक होता है क्योंकि यह आपकी आंतों में जाकर चिपक जाता है। जी हां अगर आप भी ऐसा मानते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है क्योंकि यहां हम इस दावे की सच्चाई (Does Maida Stick to Intestines) से आपको रूबरू कराने जा रहे हैं। यहां आप एक्सपर्ट से जान पाएंगे कि इस बात में कितनी सच्चाई छिपी है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Does Maida Stick to Intestines: क्या आपने कभी सुना है कि मैदा आंतों में चिपक जाता है? आइए इस आम धारणा की पड़ताल करते हैं और जानते हैं कि आखिर सच्चाई क्या है! बीते कुछ सालों में लोगों ने अपनी सेहत के प्रति जागरूकता बढ़ाई है और हेल्दी खान-पान की ओर रुख किया है, लेकिन इसी बीच कुछ फूड आइटम्स से जुड़े कई मिथक (Is Maida Really Bad for You) भी फैल गए हैं। माना कि मैदा में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है, जो पाचन में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि मैदा आंतों में चिपक जाता है? आइए एक्सपर्ट से जानते हैं।
क्या मैदा आंतों में चिपक जाता है?
न्यूट्रिशनिस्ट अंबिका दत्त ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने मैदा को लेकर एक आम भ्रम दूर किया है। उन्होंने बताया कि मैदा पेट या आंतों में नहीं चिपकता। चूंकि हम मैदा को कच्चा नहीं खाते हैं, बल्कि पकाकर खाते हैं, इसलिए यह हमारे पाचन तंत्र में आसानी से टूटकर सरल कार्बोहाइड्रेट के रूप में अब्जॉर्ब हो जाता है। भले ही इसे कच्चा खाया जाए, तब भी यह पाचन प्रक्रिया से गुजरकर ही शरीर में जाएगा।
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क्या डाइजेशन के लिए ठीक है मैदा?
न्यूट्रिशनिस्ट अंबिका दत्त के मुताबिक, यह दावा कि मैदा आंतों की परत से चिपक जाता है, वैज्ञानिक तौर पर सही नहीं है। हालांकि, मैदा में फाइबर की कमी होती है। ज्यादा मात्रा में मैदा खाने से पाचन संबंधी समस्याएं जैसे अपच और कब्ज हो सकती हैं।
- फाइबर की कमी: मैदा में फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है। फाइबर हमारे पाचन तंत्र के लिए बहुत जरूरी होता है। यह पाचन को दुरुस्त रखता है और कब्ज जैसी समस्याओं से बचाता है। इसलिए ज्यादा मैदा खाने से फाइबर की कमी हो सकती है, जिससे कब्ज, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- हाई कैलोरी: मैदा में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, लेकिन इसमें अन्य पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स बहुत कम होते हैं। इसलिए मैदा को हाई कैलोरी कहा जाता है। ज्यादा मात्रा में मैदा खाने से वजन बढ़ सकता है और मोटापे का खतरा बढ़ सकता है।
- ब्लड शुगर लेवल: मैदा में मौजूद कार्बोहाइड्रेट बहुत जल्दी पच जाते हैं, जिससे ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है।
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