क्या डेंगू में सच में फायदेमंद है बकरी का दूध या बिगाड़ सकता है हालत, यहां दूर करें कन्फ्यूजन
बरसात में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच यह मिथक फैला हुआ है कि बकरी का दूध प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करता है। लेकिन एक ताजा स्टडी में यह बात गलत साबित हुई है। स्टडी के अनुसार बकरी का दूध प्लेटलेट्स नहीं बढ़ाता है बल्कि कच्चा दूध पीने से बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो सकता है जिससे डेंगू से ठीक होना मुश्किल हो सकता है। आइए जानते हैं विस्तार से।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बरसात के मौसम में अक्सर मच्छरों का आतंक बढ़ जाता है और इसकी वजह से मच्छरों से होने वाली बीमारियां भी बढ़ जाती है। डेंगू इन्हीं में से एक है, जिसके मामले इन दिनों नोएडा में तेजी से बढ़ रहे हैं। यह एक ऐसी बीमारी है, जिससे पीड़ित व्यक्ति के खून में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है और ऐसे में कम होती प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने के लिए लोग अक्सर बकरी के दूध का सहारा लेते हैं।
डेंगू के कारण कम हुए प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए बकरी के दूध का इस्तेमाल एक ट्रेडिशनल इलाज है, जिसपर कई लोग लंबे समय से भरोसा करते आ रहे हैं। यह एक आम मिथ है कि कम हुए प्लेटलेट्स को बढ़ाने करने के लिए बकरी का दूध असरदार साबित होता है, लेकिन हाल ही में इस मिथ का सच सामने आया है। एक ताजा स्टडी में यह पता चला है कि बकरी का दूध प्लेटलेट्स नहीं बढ़ाता है। आइए आपको बताते हैं इस स्टडी के बारे में विस्तार से-
क्या कहती हैं स्टडी?
क्लिनिकल केस रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक स्टडी में यह पता चला कि बकरी का दूध प्लेटलेट्स नहीं बढ़ाता है। इसके विपरीत, कच्चा या बिना पाश्चुरीकृत बकरी का दूध पीने से मरीज ब्रुसेलोसिस के संपर्क में आ सकते हैं, जो ब्रुसेला मेलिटेंसिस के कारण होने वाला एक गंभीर बैल्टीरियल इन्फेक्शन है। विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि इससे डेंगू से ठीक होना मुश्किल हो सकता है, जिससे लंबे समय तक बुखार और अन्य स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं।
डेंगू में बकरी के दूध का असर
यह ताजा स्टडी उस पुरानी अवधारणा को गलत साबित करती है, जो यह बताती है कि बकरी का दूध प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाकर डेंगू के मरीजों की मदद कर सकता है। स्टडी में शामिल एक्सपर्ट्स इस बात पर जोर देते हैं कि इस दावे का समर्थन करने वाला कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। प्लेटलेट्स लेवल में होना वाला कोई भी सुधार आमतौर पर मरीज के शरीर की नेचुकल रिकवरी होती है। यह बकरी का दूध पीने का सीधा असर नहीं है। भले ही बकरी का दूध कैलोरी और सेलेनियम का अच्छा सोर्स है, लेकिन इससे प्लेटलेट्स को बढ़ाने में कोई मदद नहीं मिलती है।
हानिकारक हो सकता है बकरी का दूध
बकरी का दूध प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करे या न करे, लेकिन इससे सेहत को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। दरअसल, कच्चा या बिना पाश्चुरीकृत बकरी के दूध में ब्रुसेला बैक्टीरिया हो सकता है, जो आमतौर पर बकरियों में पाए जाने वाले जूनोटिक पैथोजन है। ऐसे में दूषित दूध पीने से ब्रुसेलोसिस हो सकता है, जो एक गंभीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन होता है।
इस बारे में अध्ययन में भी बताया गया कि डेंगू के एक मरीज को प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए बकरी का दूध पीने के बाद ब्रुसेलोसिस हो गया। इसके वजह से पहले से मौजूद डेंगू के लक्षण और भी जटिल हो गए और बुखार लंबे समय तक बना रहा। ऐसे में साइंटिस्ट चेतावनी देते हैं कि डेंगू के दौरान बकरी का दूध पानी खतरनाक हो सकता है, खासकर अगर दूध कच्चा हो तो। यह धारणा कि बकरी का दूध प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ा सकता है, अवैज्ञानिक है और ऐसा करने से व्यक्ति की हालत और भी खराब हो सकती है।
प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए करें ये काम
- पानी या इलेक्ट्रोलाइट सॉल्युशन से हाइड्रेटेड रहें।
- मेडिकल टेस्ट के जरिए नियमित से प्लेटलेट्स की संख्या की निगरानी करें।
- संतुलित आहार लें और बहुत ज्यादा थकान से बचें।
- सिर्फ डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं ही लें।
- कोई भी घरेलू उपचार आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
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