इन 4 चीजों से घर पर तैयार करें आयुर्वेदिक वजाइनल वॉश, इन्फेक्शन और UTI से बचने का आसान तरीका
महिलाओं के लिए अपनी सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है, खासकर वजाइनल हेल्थ का। वजाइना में इन्फेक्शन, खुलजी और जलन जैसी समस्याओं के लिए बाजार में मिलने व ...और पढ़ें

घर पर बनाएं आयुर्वेदिक वजाइनल वॉश (Picture Credit- AI Generated)
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लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। महिलाओं के लिए अपनी सेहत का ख्याल बेहद जरूरी होता है। अक्सर कामकाज या अन्य जिम्मेदारियों के चलते महिलाएं अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं, जिससे आगे चलकर उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को अक्सर कई तरह की समस्याएं परेशान करती हैं। इन्हीं में से एक वजाइना से जुड़ी दिक्कतें, जिसे आमतौर पर अनदेखा किया जाता है।
हालांकि, अपनी वजाइनल हेल्थ का ध्यान रखना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। अक्सर कई वजहों से महिलाओं को वजाइना में इन्फेक्शन, खुलजी और जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसके लिए बाजार में मिलने वाले वजाइनल वॉश का इस्तेमाल हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इनमें हार्श केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे घर पर आयुर्वेदिक वजाइनल वॉश बनाने का तरीका, जिसे खुद न्यूट्रिशनिस्ट श्वेता शाह ने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है।
वजाइनल वॉश बनाने की सामग्री
- नीम की पत्तियां- 1 चम्मच
- तुलसी की पत्तियां- 1 चम्मच
- हल्दी- 1 चम्मच
- जीरा- 1 चम्मच
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बनाने का तरीका
आयुर्वेदिक वजाइनल वॉश बनाने के लिए सबसे पहले एक बर्तन में 2 कप पानी लें। अब इसे तब तक उबालें, जब तक पानी घटकर एक कप न हो जाए।
कैसे करें इस्तेमाल
- इस पानी का इस्तेमाल सिर्फ बाहरी या ऊपरी सतह पर करें।
- ध्यान रखें कि दिन में एक बार से ज्यादा इसका इस्तेमाल न करें।
- इसका इस्तेमाल सावधानी और हल्के हाथ से करें।
वजाइनल वॉश के फायदे
- वजाइना में होने वाली खुजली और दुर्गंध कम करने में मददगार
- वजाइना की जलन को शांत करता है
- हेल्दी पीएच बनाए रखने में मदद करता है
इन बातों का रखें ध्यान
- यह पानी सिर्फ बाहरी इस्तेमाल के लिए हैं। इसका इंटरनल उपयोग न करें।
- प्रेग्नेंसी या पीरियड्स के दौरान इसका इस्तेमाल न करें।
क्यों जरूरी है वजाइनल हेल्थ?
- सही हाइजीन और ध्यान रखने से आप यीस्ट इन्फेक्शन, बैक्टीरियल वेजिनोसिस और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन जैसी आम लेकिन दर्दनाक समस्याओं से बचा जा सकता है।
- वजाइना का अपना एक नेचुरल एसिडिक वातावरण होता है। ऐसे में पीएच लेवल बिगड़ने से हानिकारक बैक्टीरिया पनपने लगते हैं और खुजली या दुर्गंध की समस्या हो जाती है। इसलिए वजाइनल हेल्थ का ध्यान रखने से सही पीएच बनाए रखने में मदद मिलती है।
- वजाइनल हेल्थ सीधे गर्भाशय और फेलोपियन ट्यूब से जुड़ा होता है। किसी भी इन्फेक्शन के फैलने से भविष्य में प्रेग्नेसी में समस्या आ सकती है।
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