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    Cancer के इलाज में छूट जाता है खाना-पीना? जानें इसकी वजह; साइड इफेक्ट्स से निपटने के लिए करें ये काम

    कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसके इलाज में खानपान संबंधी कई चुनौतियां आती हैं। इलाज के दौरान भूख न लगना स्वाद में बदलाव उल्टी और पाचन संबंधी समस्याएं होना तो आम बात हैं। ये समस्याएं इलाज के दौरान देखने को म‍िलती हैं। अगर खानपान पर न ध्‍यान दि‍या जाए तो द‍िक्‍कतें और भी ज्‍यादा बढ़ सकती हैं।

    By Vrinda Srivastava Edited By: Vrinda Srivastava Updated: Mon, 25 Aug 2025 06:58 PM (IST)
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    क‍ितना दर्दनाक होता है कैंसर का इलाज (Image Credit- Freepik)

     लाइफस्‍टाइल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। कैंसर एक गंभीर बीमारी है। ये बीमारी होने पर आपको लंबे समय तक इलाज कराने की जरूरत पड़ती है। अगर समय रहते इस बीमारी की पहचान हो जाए तो इसका इलाज आसान हाे सकता है। लेक‍िन क्‍या आपने कभी नोट‍िस क‍िया है क‍ि कैंसर का इलाज करा रहे लोगों के खानपान में काफी बदलाव आ जाता है। उन्‍हें कुछ भी खाने की इच्‍छा नहीं होती है।

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    आख‍िर ऐसा क्यों होता है? आपको बता दें क‍ि खाना हमारे शरीर की जरूरत है। लेक‍िन अगर आप इस समस्‍या से जूझ रहे हैं तो आपको हमारा ये लेख जरूर पढ़ना चाह‍िए। हम आपको व‍िस्‍तार से जानकारी देने जा रहे हैं।

    कैंसर और खानपान की चुनौती

    कैंसर और उसका इलाज खाने की आदतों पर बुरा असर डालता है। इलाज के दौरान भूख न लगना, स्वाद बदल जाना, उल्टी, मितली और डाइजेशन से जुड़ी द‍िक्‍कतें होने लगती हैं। इन कारणों से मरीज ठीक से खाना नहीं खा पाते, जिससे वजन कम होना, कमजोरी और एनर्जी की कमी हो सकती है। हेल्‍दी डाइट लेने से इम्‍युन‍िटी मजबूत होती है। इससे इलाज का दर्द सहने में मदद म‍िलती है।

    क्यों कैंसर खाने पर असर डालता?

    अगर कैंसर मुंह, गले या पेट और आंतों में हुआ है तो इससे खाने को न‍िगलने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं दूसरी ओर कीमोथेरेपी से उल्‍टी, मतली और मुंह का स्‍वाद बदल जाता है। जबक‍ि रेड‍िथेरेपी से मुंह का ड्राई होना, दर्द या फि‍र लूज मोशन की द‍िक्‍कत हाेती है। ज‍िससे खाने की इच्छा नहीं होती। इसके अलावा शारीरिक और मानसिक थकान से खाना बनाने या खाने की इच्छा भी कम हो जाती है।

    क्‍यों होती हैं समस्याएं?

    नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेड‍िस‍िन में छपी एक स्‍टडी बताती है क‍ि कीमोथेरेपी और रेड‍ियोथेरेपी कराने से अक्सर भूख कम लगना, स्वाद बदलना और डाइजेशन से जुड़ी द‍िक्‍कतें सामने आती हैं। इससे कुपोषण की समस्‍या भी हो सकती है।

    भूख कम लगना

    मरीज को जल्दी पेट भरने जैसा महसूस हो सकता है। खाने की इच्‍छा नहीं होती। इससे वजन कम होना और कमजोरी की समस्‍या आम हो जाती है। दिन में 3 बार खाना लेना चाह‍िए। कोश‍िश करें क‍ि एनर्जी से भरे स्नैक्स जैसे स्मूदी, नट बटर को जरूर डाइट में शाम‍िल करें।

    स्वाद में बदलाव

    इलाज से मुंह का स्वाद फीका लग सकता है। तेज खुशबूदार वाली चीजें उल्टी का कारण बन सकती हैं। ठंडी चीजें जैसे दही, सलाद या सैंडविच खा सकते हैं। हल्के स्वाद के लिए हर्ब्स या नींबू का इस्तेमाल करें।

    उल्टी और अपच

    कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी से अक्सर ये दिक्कतें होती हैं। इससे डिहाइड्रेशन भी हो सकता है। हल्का और सादा खाना खाएं, जैसे टोस्ट या चावल। अदरक की चाय पी सकते हैं। वहीं ऑयली फूड्स से बचना चाह‍िए।

    डाइजेशन की द‍िक्‍कत

    कब्‍ज, लूज मोशन या पेट फूलने की द‍िक्‍कतें भी होती हैं। ऐसा इसल‍िए क्‍योंक‍ि दवाइयों और फ‍िज‍िकल एक्‍ट‍िव‍िटी न के बराबर होने से होता है। इससे बचने के ल‍िए पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं। कब्ज होने पर हल्का फाइबर (जैसे ओट्स) लें और दस्त होने पर लो-फाइबर खाना (जैसे चावल, केला) खाएं।

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    Source-

    • https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25664980/#:~:text