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    क्या एक छोटी-सी 'लव बाइट' या Hickey भी ले सकती है आपकी जान? डॉक्टर से जानें कैसे है खतरनाक

    Updated: Tue, 03 Jun 2025 02:17 PM (IST)

    प्यार और रोमांस के इजहार में लव बाइट या Hickey का चलन आजकल आम हो गया है। गर्दन पर बने ये लाल या बैंगनी निशान भले ही आपको अट्रैक्टिव लगते हों लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक छोटी-सी लव बाइट भी आपकी जान की दुश्मन बन सकती है? आइए शारदा हॉस्पिटल में इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. श्रेय श्रीवास्तव से इस बारे में जानते हैं।

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    एक 'लव बाइट' या Hickey क्या सचमुच बन सकती है जान का खतरा? (Image Source: X)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि प्यार के इजहार में बना एक छोटा-सा निशान, जिसे लोग Love Bite या Hickey कहते हैं, आपकी जान का दुश्मन बन सकता है? यह पढ़कर शायद आपको भी हैरानी हो, मगर हकीकत (Hickey Side Effects) से मुंह मोड़ने में जरा भी समझदारी की बात नहीं है।

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    दरअसल, मेडिकल साइंस ने ऐसे कुछ बेहद चौंकाने वाले मामले (Love Bite Danger) दर्ज किए हैं, जहां एक छोटी-सी हिकी ने जिंदगी छीन ली। ऐसे में आइए, इस कन्फ्यूजन को दूर करते हैं और डॉक्टर की मदद से जानते हैं कि क्या सचमुच 'हिक्की' जानलेवा भी साबित हो सकती है (Hickey Health Risks) या नहीं।

    क्या होती है 'लव बाइट' या 'हिक्की'?

    सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि हिक्की है क्या। दरअसल, जब कोई व्यक्ति किसी की स्किन को जोर से चूसता या काटता है, तो उस जगह की Blood Vessels फट जाती हैं। इससे खून त्वचा के नीचे जमा हो जाता है और उस जगह पर एक लाल या बैंगनी रंग का निशान बन जाता है। यह मूल रूप से एक छोटा-सा नील (Bruise) होता है।

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    कैसे एक हिक्की बन सकती है जानलेवा?

    डॉ. श्रेय श्रीवास्तव बताते हैं कि ज्यादातर मामलों में हिक्की सिर्फ एक अस्थायी निशान होता है, जो कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में यह देखा गया है कि हिक्की से बनी खून की गांठ (क्लॉट) अगर ब्लड फ्लो के साथ ब्रेन या दिल तक पहुंच जाए, तो स्ट्रोक या हार्ट अटैक भी हो सकता है। बता दें, हमारी गर्दन में कैरोटिड धमनी (Carotid Artery) होती है, जो ब्रेन तक ब्लड पहुंचाती है, लेकिन अगर हिक्की इतनी जोर से दी गई हो कि इस धमनी के अंदर की दीवारों को नुकसान पहुंच जाए, तो वहां खून का थक्का बन सकता है।

    यह खून का थक्का मस्तिष्क में जाकर स्ट्रोक (Stroke) का कारण बन सकता है। स्ट्रोक होने पर व्यक्ति के शरीर का एक हिस्सा लकवाग्रस्त हो सकता है, बोलने में दिक्कत आ सकती है या सबसे गंभीर स्थिति में उसकी जान भी जा सकती है। 2010 में न्यूजीलैंड में एक 17 वर्षीय लड़के की हिकी के कारण स्ट्रोक से मौत का मामला सामने आया था, जहां गर्दन पर बने खून के थक्के ने उसकी जान ले ली थी।

    इसके अलावा, अगर हिक्की के दौरान स्किन कट जाए या वहां घाव हो जाए, तो बैक्टीरिया खून के रास्ते शरीर में आसानी से एंट्री कर सकते हैं और इन्फेक्शन पैदा कर सकते हैं। हालांकि, यह स्ट्रोक जितना गंभीर नहीं है, मगर फिर भी इससे स्किन पर एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

    बहुत ही दुर्लभ मामलों में, अगर हिक्की बहुत गहरी और जोरदार हो, तो यह गर्दन में मौजूद नसों पर दबाव डाल सकती है, जिससे अस्थायी सुन्नपन या दर्द हो सकता है। इसलिए, इसे पूरी तरह सुरक्षित मान लेना सही नहीं है।

    आपको कब होना चाहिए सतर्क?

    अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को हिक्की के बाद नीचे दिए लक्षणों में से कोई भी एक्सपीरिएंस होता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

    • शरीर के किसी भी हिस्से में अचानक कमजोरी या सुन्नपन
    • बोलने में परेशानी या जुबान का लड़खड़ाना
    • देखने में दिक्कत
    • अचानक गंभीर सिरदर्द
    • संतुलन खोना या चक्कर आना
    • तेज दर्द या रेडनेस जो फैल रही हो
    • बुखार या इन्फेक्शन के अन्य लक्षण

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