क्या आपको भी खाना खाते ही महसूस होती है टॉयलेट जाने की जरूरत? डॉक्टर ने बताया कारण और समाधान
क्या आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें कुछ खाते ही कॉल ऑफ नेचर आ जाता है? अगर हां तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। बता दें डॉक्टर इसे Gastrocolic Reflex कहते हैं जिसके कारण आपको खाने के तुरंत बाद टॉयलेट जाने की जरूरत (Urge to Poop After Eating) महसूस होती है। आइए यहां आपको इसे मैनेज करने के एक्सपर्ट-अप्रूव्ड कुछ तरीके भी बताते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है कि खाना खत्म करते ही आपको तुरंत वॉशरूम जाने की जरूरत महसूस हुई हो? अगर हां, तो सबसे पहले जान लीजिए कि आप अकेले नहीं हैं। दरअसल, बहुत से लोगों को इस तरह की परेशानी होती है और ज्यादातर लोग या तो इसे आम बात समझकर नजरअंदाज कर देते हैं या फिर मन ही मन सेहत को लेकर परेशान होते रहते हैं।
ऐसे में, अब आपको जरा भी कन्फ्यूज होने की जरूरत नहीं है (Why Do I Need To Poop After Eating), क्योंकि यहां हम हार्वड के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर सौरभ सेठी के बताए कुछ ऐसे टिप्स आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं, जिन्हें फॉलो करके आप भी अपने डाइजेशन को हेल्दी रख सकते हैं। आइए जानें।
गैस्ट्रोकोलिक रिफ्लेक्स है इस प्रॉब्लम की वजह
डॉक्टर सेठी बताते हैं कि Gastrocolic Reflex एक नेचुरल बॉडी रिएक्शन है जो तब होता है जब खाना हमारे पेट में पहुंचता है। जैसे ही भोजन पेट में आता है, हमारा शरीर कुछ हार्मोन छोड़ता है जो कोलन में संकुचन को उत्तेजित करते हैं। इन संकुचनों से कोलन में मौजूद वेस्ट आगे बढ़ता है और आपको टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस होती है।
यह रिफ्लेक्स हर किसी में होता है, लेकिन कुछ लोगों में यह ज्यादा तेज हो सकता है। बता दें, यह आमतौर पर चिंता का विषय नहीं है, जब तक कि इसके साथ दर्द, दस्त या अन्य गंभीर लक्षण न हों।
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डॉक्टर ने बताया समाधान
अगर आपको यह समस्या अक्सर परेशान करती है, तो डॉक्टर ने इसके कुछ समाधान भी बताए हैं।
एक बार में ज्यादा खाने से बचें
एक बार में बहुत सारा खाना खाने से गैस्ट्रोकोलिक रिफ्लेक्स और तेज हो सकता है। इसकी बजाय, आप चाहें तो दिनभर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कई बार खाना खा सकते हैं, जिससे न सिर्फ पाचन तंत्र पर कम दबाव पड़ेगा, बल्कि आपको गैस और एसिडिटी की प्रॉब्लम भी नहीं होगी।
सॉल्युबल फाइबर करें डाइट में शामिल
सॉल्युबल फाइबर पानी को सोख लेता है और जेल जैसा पदार्थ बनाता है, जिससे मल नरम होता है और आसानी से निकल जाता है। बता दें, यह पाचन को धीमा करने और गैस्ट्रोकोलिक रिफ्लेक्स की पेरशानी को कम करने में मदद कर सकता है। ओट्स, सेब, गाजर और दालें सॉल्युबल फाइबर के अच्छे सोर्स में गिने जाते हैं।
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ट्रिगर करने वाले फूड्स से बचें
कुछ फूड आइटम्स भी गैस्ट्रोकोलिक रिफ्लेक्स को बढ़ाने में जिम्मेदार हो सकती हैं। इनमें मसालेदार खान, फैट रिच फूड, डेयरी प्रोडक्ट्स, कैफीन और आर्टिफिशियल शुगर भी शामिल हो सकती है। आपको ध्यान देना होगा कि कौन से फूड आइटम्स आपको सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं और फिर उनसे बचने की कोशिश जरूर करें।
अपनाएं लो FODMAP Diet
FODMAPs (Fermentable Oligo-, Di-, Mono-saccharides And Polyols) यानी कुछ ऐसे कार्बोहाइड्रेट्स, जो कुछ लोगों में पाचन से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। अगर आपको गैस्ट्रोकोलिक रिफ्लेक्स के साथ पेट फूलना, गैस या पेट दर्द भी होता है, तो डॉक्टर की सलाह पर लो FODMAP डाइट आजमाना फायदेमंद हो सकता है।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। अगर आपको गैस्ट्रोकोलिक रिफ्लेक्स के साथ लगातार गंभीर लक्षण महसूस होते हैं, जैसे कि पेट में तेज दर्द, वजन कम होना, मल में खून आना या लगातार दस्त, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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