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    अगर दांतों में लग गए हैं कीड़े, तो क्या इसे ठीक किया जा सकता है? Tooth Decay रोकने के लिए क्या करें

    Updated: Tue, 03 Jun 2025 12:10 PM (IST)

    खराब ओरल हाइजीन के कारण दांतों में सड़न हो जाती है जिसे आम भाषा में कीड़े लगना कहते हैं। यह बेहम आम समस्या है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के साथ होती है। लेकिन क्या इसे ठीक किया जा सकता है (Tooth Decay Treatment)? मार्केट में तो ऐसे कई प्रोडक्ट्स हैं जो यह दावा करते हैं। आइए जानते हैं इन दावों में कितनी सच्चाई है।

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    क्यों हो जाती हैं दांतों में सड़न? (Picture Courtesy: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। दांतों में सड़न होना, यानी Tooth Decay, एक आम समस्या है, जो खराब ओरल हाइजीन की वजह से होती है। बच्चों ही नहीं, बड़ों के भी दांतों में सड़न हो सकती है। दांतों में कीड़े लगने की वजह से दांत के नर्वस को भी नुकसान पहुंच सकता है, जिसके कारण सेंसिटिविटी की समस्या भी शुरू हो सकती है। ऐसे में मार्केट में कई ऐसे प्रोडक्ट्स (Tooth Decay Treatment) भी मिलते हैं, जो दावा करते हैं कि उनसे टूथ डिके ठीक हो सकता है, यानी दांतों में हुई सड़न रिवर्स हो जाएगी (How to Reverse Tooth Decay)। लेकिन क्या यह सच है? आइए जानते हैं।

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    क्यों होती है दांतों में सड़न?

    दांतों में सड़न की सबसे आम समस्या है, खराब ओरल हाइजीन और ज्यादा शुगर व स्टार्च वाली चीजें खाना। इनके कारण मुंह में बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं, जो दांतों की ऊपरी परत पर चिपक जाते हैं। ये बैक्टीरिया शुगर और स्टार्च खाते हैं और एक तरह का एसिड रिलीज करते हैं। यह एसिड दांतों की ऊपरी परत (इनेमल) को नुकसान पहुंचाता है और धीरे-धीरे कैविटी होने लगती है।

    दरअसल, इस एसिड की वजह से दांतों के मिनरल कैल्शियम और फॉस्फेट निकलने लगते हैं। इसे डिमिनरलाइजेशन कहा जाता है। अगर यह प्रक्रिया ऐसी ही होती रहे, तो इससे दांतों के मिनरल्स काफी कम हो जाते हैं और कैविटी होने लगती है। धीरे-धीरे यह कैविटी बढ़कर दांत की भीतरी परतों को नुकसान पहुंचाने लगती है। इसके कारण दांत में दर्द और इन्फेक्शन का रिस्क भी बढ़ जाता है।

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    क्या दांतों के सड़न को रिवर्स किया जा सकता है?

    दांतों की सड़न को बिल्कुल शुरुआती स्टेज में रिवर्स किया जा सकता है, वह भी रिमनरलाइजेशन की प्रक्रिया से। जब टूथ डिके बिल्कुल शुरुआती स्टेज में होता है, तब दांत में कैविटी बनी नहीं होती है। डेंटिस्ट इन मिनरल्स को दांत में दोबारा जोड़कर टूथ डिके को ठीक कर सकता है।

    टूथ डिके के शुरुआत में दांत पर काला या भूरा स्पॉट नजर आता है। इससे पहचान सकते हैं कि दांत सड़ना शुरू हो सकता है। लेकिन अगर एक बार इनेमल पूरी तरह डैमेज हो जाए और कैविटी बन जाए, तो उसे ठीक नहीं किया जा सकता। ऐसे में डेंटिस्ट फिलिंग या रूट कैनाल ट्रीटमेंट से उस कैविटी को भर सकते हैं, लेकिन ठीक नहीं कर सकते।

    दांतों के सड़न से बचने के लिए क्या करना चाहिए? (Cavity Prevention Tips)

    • फ्लोराइड टूथपेस्ट का इस्तेमाल- फ्लोराइड टूथपेस्ट इनेमल को मजबूत करता है और डिमिनरलाइजेशन की प्रक्रिया को कम करता है।
    • हेल्दी डाइट- शुगर और एसिडिक फूड्स, जैसे- चॉकलेट, सोडा और जूस से परहेज करें। इनकी जगह दूध, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां और नट्स खाएं।
    • अच्छी ओरल हाइजीन- दिन में दो बार ब्रश और फ्लॉस करें। खाने के बाद अच्छे से कुल्ला करें।
    • डेंटल चेकअप- हर 6 महीने पर डेंटल चेकअप कराएं, ताकि किसी भी तरह की डेंटल समस्या का जल्दी पता लगाया जा सके।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।