मिनटों में छू-मंतर होगा कमर दर्द, बुढ़ापे तक रीढ़ की हड्डी सीधी रखने के लिए रोज करें 5 योगासन
कोर की ताकत और मजबूत बैक पाने के लिए योग एक प्रभावशाली उपाय बन सकता है। नियमित रूप से इनका अभ्यास करने से पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और कोर को स्टेबिलिटी मिलती है। ये आसन रीढ़ की फ्लेक्सिबिलिटी भी बढ़ाते हैं, पोस्चर सुधारते हैं और शरीर की एनर्जी को संतुलित रखते हैं। खासकर लंबे समय तक बैठने वाले लोगों के लिए ये योगासन बेहद फायदेमंद हैं।
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कोर और बैक को मजबूत बनाने वाले योगासन (Picture Credit- AI Generated/Freepik)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लगातार घंटों तक बैठना, मोबाइल या लैपटॉप पर झुके रहना और फिजिकल एक्टिविटीज की कमी के कारण आजकल कमर दर्द और कमजोर कोर मसल्स की समस्या आम हो गई है।
कोर मसल्स शरीर का केंद्र होती हैं, जो बैलेंस, पॉस्चर और मूवमेंट को कंट्रोल करती हैं। अगर ये कमजोर हों तो पीठ दर्द, थकान और लो एनर्जी की शिकायतें बढ़ जाती हैं। ऐसे में योग के कुछ विशेष आसनों का नियमित अभ्यास न सिर्फ कोर को मजबूत बनाता है, बल्कि पीठ को भी फ्लेक्सिबल और मजबूती देता है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ असरदार योगासन, जो आपकी कोर स्ट्रेंथ और बैक हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं।
बालासन
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(Picture Credit- AI Generated)
यह आसन रीढ़ की हड्डी को आराम देने के साथ कोर को भी रिलैक्स करता है। इस आसन में वज्रासन में बैठकर शरीर को आगे झुकाकर माथा जमीन से टच करते हैं और हाथों को आगे की ओर फैलाते हैं। यह पोज पीठ के निचले हिस्से में जमी टेंशन को कम करता है और मेंटली भी सुकून देता है। बालासन खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो स्ट्रेस या थकान से जूझ रहे हैं।
भुजंगासन

(Picture Credit- AI Generated)
यह आसन पीठ के ऊपरी हिस्से को मजबूत बनाता है।इससे रीढ़ लचीली होती है और पेट की मांसपेशियां टोन होती हैं। पेट के बल लेटकर, हाथों को कंधों के नीचे रखकर धीरे-धीरे सिर और छाती को ऊपर उठाएं। इस पोज से पीठ की जकड़न कम होती है और शरीर में एनर्जी का संचार होता है।
नौकासन

(Picture Credit- AI Generated)
नौकासन को कोर स्ट्रेंथ बढ़ाने के लिए सबसे असरदार योगासनों में गिना जाता है। इस पोज में शरीर एक नाव के आकार में आता है जिससे पेट, पीठ और जांघों पर एक साथ असर होता है। पीठ के बल लेटकर धीरे-धीरे पैरों, सिर और हाथों को ऊपर उठाएं और बैलेंस बनाए।
शलभासन

(Picture Credit- Freepik)
शलभासन पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और रीढ़ में फ्लेक्सिबिलिटी लाता है। इसे करते समय पेट के बल लेटकर दोनों पैरों और छाती को ऊपर उठाया जाता है। यह आसन स्लिप डिस्क जैसी समस्याओं से राहत देने में भी कारगर माना जाता है।
बिटिलासन

(Picture Credit- Freepik)
इसे अक्सर मार्जरासन (कैट पोज) के साथ किया जाता है। बिटिलासन में घुटनों और हथेलियों के सहारे जमीन पर आकर कमर को नीचे की ओर झुकाया जाता है और सिर को ऊपर उठाया जाता है। यह पोज कोर को हल्का खिंचाव देता है और पीठ की अकड़न को कम करता है।
सेतुबंधासन

(Picture Credit- Freepik)
यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूती देने के साथ-साथ कोर मसल्स को भी टोन करता है। पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें और पैरों को जमीन पर टिकाएं। अब धीरे-धीरे कमर और हिप्स को ऊपर उठाएं, जबकि कंधे जमीन से लगे रहें।

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