AuDHD में एक साथ नजर आते हैं ऑटिज्म और ADHD के लक्षण, एक्सपर्ट ने बताया पहचान और इलाज का तरीका
AuDHD एक ऐसी ही स्थिति है जब किसी व्यक्ति में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) और अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) दोनों के लक्षण मौजूद होते हैं। आइए वेदा चाइल्ड एंड एडोलेसेंट डेवलपमेंट-बिहेवियरल क्लिनिक नई दिल्ली और फोर्टिस हेल्थकेयर में चाइल्ड एंड एडोलेसेंट और फॉरेंसिक साइकियाट्रिस्ट डॉ. आस्तिक जोशी से इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी AuDHD शब्द के बारे में सुना है? बता दें, यह उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है जिन्हें एक साथ ऑटिज्म (Autism) और अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) दोनों होते हैं। हालांकि, यह किसी आधिकारिक बीमारी का नाम नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिनमें ये दोनों स्थितियां पाई जाती हैं। AuDHD की पहचान करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है क्योंकि इसके लक्षण अक्सर ऑटिज्म और ADHD दोनों से मिलते-जुलते हैं। आइए इस आर्टिकल में एक्सपर्ट की मदद से कुछ खास बातों के बारे में जानते हैं।
दिमाग का विकास हर इंसान में अलग तरह से होता है। कुछ लोग बेहद तेजी से नई चीजें सीखते हैं, कुछ का ध्यान लंबे समय तक एक जगह नहीं टिकता, तो कुछ को सामाजिक रिश्तों को समझने में दिक्कत होती है, लेकिन जब ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD) और अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD), दोनों की विशेषताएं एक ही व्यक्ति में दिखाई देती हैं, तो इसे AuDHD कहा जाता है। यह नाम आपको भी नया लग सकता है, लेकिन शोध बताते हैं कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनमें दोनों स्थितियां एक साथ दिखाई देती हैं।
क्या है AuDHD?
AuDHD दरअसल कोई अलग बीमारी नहीं है, बल्कि एक ऐसी स्थिति है जिसमें इंसान में ऑटिज्म और एडीएचडी दोनों के लक्षण मौजूद होते हैं। माना जाता है कि लगभग 70% ऑटिज्म से जुड़े लोग एडीएचडी के लक्षण भी दिखाते हैं, और दो-तिहाई एडीएचडी वाले व्यक्तियों में ऑटिज्म से जुड़े गुण पाए जाते हैं।
कैसे दिखते हैं AuDHD के लक्षण?
AuDHD वाले व्यक्ति में दोनों स्थितियों के लक्षण एक साथ दिखाई देते हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- एकाग्रता की समस्या: किसी काम पर लंबे समय तक ध्यान न टिक पाना।
- हाइपरएक्टिविटी: बिना सोचे अचानक निर्णय लेना या जरूरत से ज्यादा एक्टिव रहना।
- सेंसरी सेंसिटिविटी: तेज आवाज, रोशनी या कपड़ों की बनावट जैसी चीजों से परेशानी होना।
- सामाजिक कठिनाइयां: दूसरों से बातचीत शुरू करने, भावनाएं समझने या दोस्ती निभाने में दिक्कत।
- मैनेजमेंट में परेशानी: समय प्रबंधन, काम की प्लानिंग या चीजों को व्यवस्थित रखने में कमी।
- भावनात्मक उतार-चढ़ाव: छोटी-छोटी बातों पर तनाव, गुस्सा या चिंता बढ़ जाना।
डायग्नोज और इलाज
AuDHD का पता लगाना आसान नहीं होता क्योंकि इसके लक्षण कई अन्य मानसिक स्थितियों से भी मिलते-जुलते हैं। सही डायग्नोज के लिए मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से विस्तृत मूल्यांकन जरूरी होता है।
इलाज आमतौर पर कई तरीकों का संयोजन होता है:
- बिहेवियरल थेरेपी: ध्यान, आत्म-नियंत्रण और सामाजिक कौशल को मजबूत करने के लिए।
- दवाइयां: एडीएचडी के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए कभी-कभी दवाइयां दी जाती हैं।
- सपोर्ट और रूटीन: ऑटिज्म से जुड़े लोगों के लिए तयशुदा दिनचर्या और सहयोगी माहौल फायदेमंद साबित होता है।
- लाइफस्टाइल में बदलाव: नींद, खानपान, व्यायाम और ध्यान जैसी आदतें मदद करती हैं।
- सपोर्ट ग्रुप्स: ऐसे लोगों से जुड़ना जो समान अनुभव रखते हों, मानसिक सहारा देता है।
AuDHD के साथ जिंदगी
AuDHD वाले लोगों का जीवन अक्सर विरोधाभासों से भरा होता है। वे एक तरफरूटीन पसंद करते हैं, वहीं दूसरी तरफ अचानक कुछ नया करने की चाह भी रखते हैं। इमोशनल सेंसिटिविटी के कारण वे जल्दी थक सकते हैं या मानसिक दबाव महसूस कर सकते हैं।
हालांकि, इसका दूसरा पहलू भी है- इन लोगों में अक्सर रचनात्मकता और नवाचार की गहरी क्षमता होती है। जब इन्हें सही माहौल, समर्थन और स्वीकार्यता मिलती है, तो ये अपने काम और रुचियों में पूरी लगन से जुटकर असाधारण परिणाम दे सकते हैं।
AuDHD को समझना जरूरी है क्योंकि यह हमें बताता है कि हर दिमाग अलग तरह से काम करता है। यह कोई कमी नहीं, बल्कि सोचने-समझने का एक अलग अंदाज है। सही थेरेपी और सपोर्ट इनके लिए रास्ता आसान बना सकते हैं।
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