Anxiety महसूस होने पर क्या खाया जाए और किनसे बचा जाए, जानकर लिया तो नहीं कोई परेशानी
आजकल की भागदौड़ वाली लाइफस्टाइल में एंग्जायटी होना आम है लेकिन आप रोजमर्रा में जो चीजें खा या पी रहे हैं वो एंग्जायटी को बढ़ाने का काम करते हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि एंग्जायटी से बचने के लिए क्या खाएं और क्या नहीं। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। एंग्जायटी या घबराहट की स्थिति में कुछ फूड आइटम्स ऐसे होते हैं, जो इसे और बढ़ाने का काम करते हैं। आप ये सोचकर कॉफी के कप पर कप खत्म करते जा रहे हैं कि अब थोड़ा आराम महसूस होगा, लेकिन होता इसका उल्टा है।
अमेरिकन साइकेट्रिक एसोसिएशन के अनुसार, ऐसे एडल्ट की संख्या 30% से भी ज्यादा है, जिन्हें जीवन में कभी न कभी एंग्जायटी महसूस होती है। वहीं, काफी सारी स्टडीज बताती हैं कि कुछ फूड आयटम ऐसे होते हैं जोकि इसके लक्षणों को बढ़ाने का काम करते हैं। ऐसे में डाइट में क्या चीजें लेने से आराम मदद मिल सकता है और किनसे बचा जाना चाहिए, आइए जानते हैं।
यह भी पढ़ें- लगभग हर रोज करते हैं OCD शब्द का इस्तेमाल, लेकिन क्या असल में जानते हैं सही मतलब; यहां जानें सबकुछ
इन चीजों से बनाएं दूरी
कैफीन
सुबह के ढेर सारे कॉफी के कप आपकी एंग्जायटी को बढ़ाने का काम कर सकते हैं। चूंकि, कैफीन स्टिम्युलेट करती है, इसलिए इससे अत्यधिक चिंता, धड़कनों का बढ़ना, पसीना आना और रेस्टलेस होने की समस्या होने लगती है। यदि कैफीन लेने के बाद आपको ऐसे लक्षण नजर आते हैं तो कैफीन ना लें या इसकी मात्रा कम कर दें। इसकी जगह आप हर्बल या ब्लैक टी ले सकते हैं, क्योंकि इनमें कॉफी के मुकाबले कम कैफीन होता है।
प्रोसेस्ड फूड
तनाव या एंग्जायटी की स्थिति में लोग प्रोसेस्ड या अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फास्ट फूड और प्रीपैक्ड स्नैक्स जैसे चिप्स या कुकी जैसी चीजों की तरफ खींचते हैं। ऐसे फूड्स से शरीर में सूजन बढ़ती है। साथ ही इनमें फाइबर व माइक्रोन्यूट्रिएंट्स नहीं पाए जाते। रिसर्च बताती है फाइबर और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का पॉजिटिव प्रभाव आपकी ब्रेन और गट हेल्थ पर पड़ता है।
एंग्जायटी में ये फूड आयटम होते हैं फायदेमंद
ब्लूबेरी
ये ना केवल बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, बल्कि इनमें विटामिन सी और फ्लेवेनॉयड्स जैसे पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ब्लूबेरी में एंथोसाइनिन जैसा दमदार फ्लेवेनॉयड्स होता है, जोकि एंग्जायटी की दर को कम करने के लिए जाना जाता है।
कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स
किनुआ, बीन्स, साबुत अनाज, स्टार्ची सब्जियां और ओटीमील काफी फायदेमंद माने जाते हैं। दरअसल, जिन कार्बोहाइड्रेट्स को पचने में लंबा समय लगता है, वो सारे ही अच्छे माने जाते हैं। कार्बोहाइड्रेट्स प्राकृतिक रूप से सेरोटोनिन के निर्माण को प्रेरित करती है, इसलिए कॉम्प्लेक्स कार्ब्स ज्यादा स्थिर तरीके से सेरोटोनिन रिलीज करते हैं। ऐसा होने से मूड को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
दही
फर्मेंट फूड जैसे दही आपके पेट पर पॉजिटिव असर डालता है और इससे हमारी ब्रेन हेल्थ भी अच्छी बनी रहती है। चूंकि, 90-95% सेरोटोनिन का निर्माण हमारे पेट में ही होता और यह हमारे मूड को नियंत्रित रखने में बेहद अहम भूमिका निभाता है।
कद्दू के बीज
पम्पकिन सीड्स या कद्दू के बीज मैग्नीशियम का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है, जोकि स्ट्रेस मैनेजमेंट और नर्वस सिस्टम में अहम भूमिका निभाता है। मैग्नीशियम कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हॉर्मोन को कम करता है और ऐसा माना जाता है कि यह न्यूरोट्रांसमीटर्स को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।