रोजाना की ये 5 आदतें कर सकती हैं Anxiety को छूमंतर, टेंशन-फ्री रहने के लिए आज ही कर लें सुधार
क्या आप भी हर छोटी बात पर जरूरत से ज्यादा सोचते हैं? क्या बेवजह की घबराहट और बेचैनी ने आपकी जिंदगी में दखल देना शुरू कर दिया है? अगर हां तो आप अकेले नहीं हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में Anxiety एक आम समस्या बन गई है लेकिन अच्छी बात यह है कि इसे पूरी तरह से कंट्रोल किया जा सकता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आप भी हर सुबह एक अजीब-सी बेचैनी के साथ उठते हैं? क्या बेवजह की घबराहट आपकी जिंदगी के हर छोटे-बड़े फैसले पर हावी होने लगी है? अगर हां, तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। दरअसल, आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में Anxiety ने चुपके से हमारे दिमाग में अपनी जगह बना ली है। यह एक ऐसा मेहमान है जो बिन बुलाए आता है और फिर जाने का नाम नहीं लेता।
ऐसे में, क्या हो अगर आपको बताया जाए कि इस बिन बुलाए मेहमान को आप अपनी रोजाना की कुछ आदतों में बदलाव करके हमेशा के लिए बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं? जी हां, सही पढ़ा आपने! आज हम आपको ऐसी 5 आदतों (Anxiety-Reducing Habits) के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप टेंशन-फ्री और एक पीसफुल लाइफ जी सकते हैं।
योग और ध्यान
नियमित रूप से योग और ध्यान करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है। योग के आसन और प्राणायाम, जैसे कि गहरी सांस लेने के व्यायाम, नर्वस सिस्टम को शांत करने में मदद करते हैं। रोजाना 10-15 मिनट का ध्यान भी आपको वर्तमान में रहने और नकारात्मक विचारों को दूर रखने में सहायक होता है।
बैलेंस और पौष्टिक डाइट
आपकी डाइट आपकी मेंटल हेल्थ पर सीधा असर डालती है, इसलिए हर दिन बैलेंस और पौष्टिक डाइट लें। मीठे और प्रोसेस्ड फूड्स से बचें, क्योंकि ये ब्लड शुगर को बिगाड़ सकते हैं और मूड स्विंग्स का कारण बन सकते हैं। ओमेगा-3 फैटी एसिड (अखरोट, मछली), मैग्नीशियम (हरी पत्तेदार सब्जियां) और विटामिन बी से भरपूर चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें।
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रेगुलर एक्सरसाइज
फिजिकल एक्टिविटी स्ट्रेस हार्मोन कार्टिसोल को कम करती है और एंडोर्फिन नामक "फील-गुड" हार्मोन को बढ़ाती है। रोजाना 30 मिनट की हल्की सैर, जॉगिंग, साइकिलिंग या कोई भी ऐसा व्यायाम करें जो आपको पसंद हो। यह आपके मन को भटकाने और चिंता को कम करने का एक शानदार तरीका है।
अच्छी नींद
नींद की कमी एंग्जायटी को बढ़ा सकती है। रोजाना 7-8 घंटे की अच्छी और गहरी नींद लेने की कोशिश करें। सोने से पहले स्क्रीन टाइम (मोबाइल, टीवी) से बचें, सोने का एक रेगुलर टाइम फिक्स करें और अपने बेडरूम को शांत और कम्फर्टेबल रखें।
सोशल कनेक्शन
अकेलेपन से एंग्जायटी बढ़ सकती है। ऐसे में, अपने दोस्तों और परिवार के साथ नियमित रूप से समय बिताएं। अपनी भावनाओं को किसी भरोसेमंद व्यक्ति के साथ शेयर करें। सोशल कनेक्शन आपको इमोशनल सहारा देता है और अकेलापन महसूस नहीं होने देता।
इन आदतों को अपनाकर आप धीरे-धीरे अपनी एंग्जायटी को मैनेज कर सकते हैं और एक खुशहाल, स्ट्रेस-फ्री लाइफ जी सकते हैं।
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