Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शरीर और दिमाग दोनों को सुपरचार्ज करती है 'रेट्रो वॉकिंग', आपको हैरान कर देंगे इसके 5 फायदे

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 12:15 PM (IST)

    आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में, हम अक्सर आगे की ओर ही दौड़ते रहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप थोड़ा 'उल्टा' चलना शुरू कर दें, तो आपके शरीर और दिमाग दोनों को जबरदस्त फायदे मिल सकते हैं? जी हां, हम बात कर रहे हैं 'रेट्रो वॉकिंग' या उल्टे चलने की। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश स्टडी में इसके चौंकाने वाले फायदे बताए गए हैं।

    Hero Image

    दिल से लेकर दिमाग तक, 'रेट्रो वॉकिंग' से शरीर को मिलेंगे कई शानदार फायदे (Image Source: Freepik) 

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अगर आपको लगता है कि रोज की वही वॉक अब उतना असर नहीं दिखा रही, तो अब वक्त है कुछ नया ट्राई करने का। दरअसल, हम रेट्रो वॉकिंग, यानी उल्टा चलने की बात कर रहे हैं। यह पढ़ने में भले ही थोड़ा अजीब लगे, लेकिन इसका असर शरीर और दिमाग दोनों पर गहरा पड़ता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, उल्टा चलना कई मायनों में फायदेमंद है और इसे अपनी डेली रूटीन में शामिल करना आपकी फिटनेस को एक नए लेवल पर ले जा सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ratro walking benefits

    (Image Source: Freepik) 

    रेट्रो वॉकिंग क्यों है इतनी फायदेमंद?

    ज्यादा कैलोरी बर्न होती है

    उल्टा चलना शरीर से ज्यादा मेहनत करवाता है। इस दौरान ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ती है और हार्ट रेट भी ऊपर जाता है। यही वजह है कि रेट्रो वॉकिंग साधारण वॉक की तुलना में कैलोरी तेजी से बर्न करती है।

    दिल और फेफड़े मजबूत बनते हैं

    रेट्रो वॉकिंग हार्ट और लंग्स पर थोड़ा अतिरिक्त दबाव डालती है, जिससे धीरे-धीरे उनकी क्षमता बढ़ती है। नियमित अभ्यास से कार्डियो फिटनेस और स्टैमिना में शानदार सुधार देखा गया है।

    मसल्स ज्यादा एक्टिव रहते हैं

    उल्टा चलने से क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग्स और ग्लूट्स जैसे महत्वपूर्ण लोअर बॉडी मसल्स ज्यादा एक्टिव होते हैं। इससे घुटनों पर दबाव कम पड़ता है और पैरों व कमर को बेहतर ताकत मिलती है। यह उन लोगों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है जिन्हें घुटनों या लोअर बैक से जुड़ी परेशानी रहती है।

    बैलेंस और कोऑर्डिनेशन में सुधार

    पीछे की ओर चलना शरीर को लगातार संतुलन बनाए रखने की ट्रेनिंग देता है। इससे बैलेंस और बॉडी कोऑर्डिनेशन बेहतर होता है। बुजुर्गों, चोट से उबर रहे लोगों या उन लोगों के लिए यह काफी फायदेमंद है जिन्हें गिरने का डर रहता है।

    दिमाग को भी मिलता है बूस्ट

    रेट्रो वॉकिंग दिमाग के उन हिस्सों को एक्टिव करती है जो मूड कंट्रोल और सोचने-समझने की क्षमता से जुड़े होते हैं। इससे फोकस, मेमोरी और कॉग्निशन पर पॉजिटिव असर पड़ता है। यानी यह शरीर के साथ-साथ दिमाग की कसरत भी है।

    रेट्रो वॉकिंग करते समय इन बातों का रखें खास ख्याल

    • शुरुआत में धीरे-धीरे और छोटे कदमों के साथ आगे बढ़ें।
    • ट्रेडमिल, दीवार वाले बरामदे या खुले, सुरक्षित स्थान पर ही प्रैक्टिस करें।
    • जिस जगह चल रहे हैं, वह समतल और खाली होनी चाहिए ताकि ठोकर या गिरने का खतरा न हो।
    • अगर आपको जोड़ों, बैलेंस या पुरानी चोट की समस्या है, तो शुरू करने से पहले डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से सलाह जरूर लें।

    रेट्रो वॉकिंग कोई मुश्किल एक्सरसाइज नहीं है, लेकिन इसके फायदे कमाल के हैं। अगर आप अपनी वॉकिंग रूटीन में थोड़ा-सा भी एडवेंचर जोड़ना चाहते हैं, तो रोज कुछ मिनट उल्टा चलना शुरू करें।

    सोर्स: नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन

    यह भी पढ़ें- 4,000 से 12,000 स्टेप्स: पढ़ें हर बढ़ते कदम के साथ आपके शरीर में कैसे बदलाव होते हैं?

    यह भी पढ़ें- तेज या धीमी चाल, कौन-सी वॉकिंग है आपके लिए ज्यादा फायदेमंद, कैसे चुनें अपनी सेहत के लिए सही स्पीड