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    30 की उम्र में ही घुटने क्यों दे रहे हैं जवाब? इन 2 वजहों को जानकर हैरान रह जाएंगे आप

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 11:03 AM (IST)

    एक समय था जब घुटनों का दर्द बुढ़ापे की निशानी माना जाता था लेकिन अब यह समस्या सिर्फ बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं रही है। जी हां आज 30 से 40 साल के युवा भी घुटनों के दर्द की शिकायत कर रहे हैं। हाल ही में हुआ एक शोध बताता है कि इसके पीछे दो मुख्य कारण हैं। आइए इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं इनके बारे में।

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    घुटनों का दर्द अब सिर्फ बुढ़ापे की निशानी नहीं :स्टडी (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। आज भी कई लोग घुटनों के दर्द (Knee Pain) को बुढ़ापे में होने वाली परेशानी से जोड़कर देखते हैं, लेकिन हाल ही में सामने आई एक स्टडी ने चौंकाने वाला सच सामने रखा है। दरअसल, अब 30 और 40 की उम्र में भी लोग घुटनों की गंभीर परेशानी का शिकार हो रहे हैं।

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    वजहें भी साफ हैं- बढ़ता मोटापा और युवावस्था में खेल-कूद या एक्सरसाइज के दौरान लगी चोटें। ऐसे में, अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह परेशानी आगे चलकर गठिया (Osteoarthritis) या यहां तक कि समय से पहले घुटनों की सर्जरी तक की नौबत ला सकती है।

    क्या कहती है रिसर्च?

    फिनलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ओउलू के शोध में लगभग 300 लोगों पर अध्ययन किया गया। नतीजे बताते हैं कि 30 साल की उम्र तक आते-आते आधे से अधिक प्रतिभागियों के घुटनों में हल्की-फुल्की क्षति (जैसे कार्टिलेज का घिसना) दिखी। कुछ मामलों में हड्डियों के किनारे स्पर (हड्डी का उभार) और जॉइंट डैमेज भी पाया गया।

    इसका सबसे बड़ा कारण शरीर का बढ़ता वजन पाया गया। जब बॉडी का वेट नॉर्मल लिमिट से ज्यादा हो जाता है, तो घुटनों पर एक्स्ट्रा दबाव पड़ता है। यही दबाव धीरे-धीरे कार्टिलेज को घिस देता है। एक बार कार्टिलेज नष्ट हो जाए, तो वह दोबारा नहीं बनता और व्यक्ति को लंबे समय तक दर्द या अकड़न झेलनी पड़ सकती है।

    खेल-कूद से जुड़ी चोटें भी वजह

    एक्सपर्ट मानते हैं कि युवावस्था में खेले गए हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट्स का असर उम्र बढ़ने के साथ सामने आता है। फुटबॉल, बास्केटबॉल या एथलेटिक्स जैसे खेलों में तेज प्रैक्टिस के कारण घुटनों पर बार-बार चोट लगती है। कई बार इलाज के बाद भी ये चोटें पूरी तरह ठीक नहीं हो पातीं और धीरे-धीरे गठिया का रूप ले लेती हैं। अगर इसके साथ बढ़ता वज़न जुड़ जाए तो समस्या और गंभीर हो जाती है।

    कैसे रखें घुटनों का ख्याल?

    डॉक्टरों का मानना है कि बचाव ही इलाज से बेहतर है। समय रहते लाइफ़स्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव करके घुटनों को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।

    • वजन कंट्रोल रखें: मोटापा घुटनों का सबसे बड़ा दुश्मन है। बैलेंस डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज से वजन को काबू में रखें।
    • मांसपेशियों को मजबूत करें: क्वाड्स और हैमस्ट्रिंग जैसी मांसपेशियों की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग घुटनों को एक्स्ट्रा सपोर्ट देती है।
    • लंबे समय तक बैठने से बचें: ऑफिस या घर में लंबे समय तक एक जगह बैठे रहने के बजाय बीच-बीच में उठकर टहलें और स्ट्रेचिंग करें।
    • सही जूते पहनें: आरामदायक और सपोर्टिव फुटवियर घुटनों पर दबाव कम करता है।
    • समय पर इलाज लें: शुरुआती दर्द या सूजन को नजरअंदाज न करें। फिजियोथेरेपी, हल्की एक्सरसाइज और शुरुआती इलाज से बड़ी समस्या से बचा जा सकता है।

    घुटनों का दर्द अब सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं रहा। गलत लाइफस्टाइल, मोटापा और पुरानी खेल-चोटें 30-40 की उम्र में भी इस समस्या को जन्म दे रही हैं। अगर अभी से सावधानी बरती जाए- जैसे बैलेंस डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और सही समय पर इलाज, तो घुटनों को लंबे समय तक हेल्दी और मजबूत रखा जा सकता है।

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    Source: Osteoarthritis and Cartilage