Karwa Chauth 2025: क्या है 'सरगी' का असली महत्व... इस थाली में कौन-सी 5 चीजें हैं सबसे जरूरी?
करवा चौथ (Karwa Chauth 2025) सुहागिन महिलाओं के लिए एक बहुत ही खास त्योहार है। यह सिर्फ एक व्रत नहीं बल्कि पति-पत्नी के अटूट प्रेम और सम्मान का प्रतीक है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छी सेहत के लिए निर्जला व्रत रखती हैं जिसकी शुरुआत करते हुए यानी सूर्योदय से पहले एक विशेष भोजन किया जाता है जिसे सरगी कहा जाता है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का नाम सुनते ही हर विवाहित स्त्री के मन में उत्साह और श्रद्धा की भावना जाग उठती है। यह सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। इस खास दिन का सबसे अहम हिस्सा होती है- सरगी की थाली, जो सास अपनी बहू को व्रत शुरू करने से पहले (सूर्योदय से पहले) देती हैं।
बता दें, सरगी (Karwa Chauth Sargi) सिर्फ एक रिवाज नहीं, बल्कि पूरे दिन बिना भोजन-पानी के उपवास रखने वाली महिलाओं के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत भी होती है। इस बार 10 अक्टूबर को करवा चौथ मनाया जाएगा। ऐसे में, आइए जानते हैं कि एक पारंपरिक सरगी की थाली में क्या-क्या शामिल किया जाना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
सेवइयां
दूध, चीनी और घी में पकी सेवइयां करवा चौथ की सरगी का पारंपरिक हिस्सा हैं। यह हल्का और स्वादिष्ट व्यंजन सुबह-सुबह पेट को आराम देता है और कार्बोहाइड्रेट का संतुलित स्रोत बनता है। इससे शरीर को तुरंत ऊर्जा मिलती है, जिससे व्रत रखना आसान होता है।
ताजे फल
सरगी की थाली फलों के बिना अधूरी मानी जाती है। सेब, केला, अनार जैसे फल शरीर में जल की मात्रा बनाए रखते हैं और दिनभर की ऊर्जा प्रदान करते हैं। इनमें मौजूद नेचुरल शुगर, विटामिन और फाइबर उपवास के दौरान थकान और डिहाइड्रेशन से बचाते हैं।
ड्राई फूड्स
काजू, बादाम, किशमिश, अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट्स पोषण और ताकत से भरपूर होते हैं। इनमें मौजूद हेल्दी फैट्स, प्रोटीन और विटामिन शरीर में ऊर्जा का स्तर लंबे समय तक बनाए रखते हैं। सुबह सरगी में थोड़ी मात्रा में इनका सेवन पूरे दिन की थकान को कम कर सकता है।
मीठी मठरी
मैदा या सूजी से बनी मीठी मठरी को सुनहरा तल कर तैयार किया जाता है। यह हल्की मीठी और कुरकुरी होने के कारण सरगी में स्वाद का नया रंग भर देती है। यह पेट को लंबे समय तक भरा रखती है और भूख लगने से रोकती है।
हल्का संतुलित भोजन
कई घरों में सरगी में हलवा, सब्जी या रोटी जैसी साधारण चीजें भी शामिल की जाती हैं। यह विकल्प स्वाद के साथ-साथ पोषण भी देता है। ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा मसालेदार या तैलीय भोजन न खाएं, क्योंकि यह व्रत के दौरान पेट में जलन या भारीपन पैदा कर सकता है।
पारंपरिक मिठाइयां
लड्डू, बर्फी या पेड़े जैसी मिठाइयां हर त्यौहार की शान होती हैं। सरगी में थोड़ी सी मिठाई ऊर्जा को तुरंत बढ़ाने में मदद करती है और दिन की शुरुआत को उत्साहपूर्ण बनाती है।
दूध या हर्बल टी
एक गिलास दूध जिसमें इलायची, केसर या हल्दी डाली गई हो, पेट को सुकून देता है और पाचन में मदद करता है। कुछ महिलाएं हर्बल चाय या ग्रीन टी का विकल्प भी चुनती हैं, जिससे दिनभर सतर्कता और ताजगी बनी रहती है।
करवा चौथ सिर्फ उपवास का दिन नहीं, बल्कि प्रेम, आस्था और परंपरा का उत्सव है। अगर सरगी थाली पोषण से भरपूर और संतुलित हो, तो पूरा दिन बिना थकान और कमजोरी के बीत सकता है। फलों, मेवों, दूध, सेवइयों और मिठाइयों से सजी थाली न सिर्फ स्वाद बढ़ाती है बल्कि पूरे दिन ऊर्जा का स्रोत बनी रहती है।
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