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    Karwa Chauth 2025: करवा चौथ व्रत का कब करें पारण? नोट करें चंद्रोदय समय और नियम

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 10:52 AM (IST)

    करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth 2025) पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक है। यह व्रत कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को होता है। इस साल करवा चौथ 10 अक्टूबर को पड़ रहा है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं तो आइए इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं।

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    Karwa Chauth 2025: करवा चौथ व्रत से जुड़े नियम।

    धर्म डेस्क, नई दिल्ली। करवा चौथ का व्रत बहुत फलदायी माना जाता है। यह पति-पत्नी के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। हर साल यह पावन पर्व कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं। इस साल यह व्रत (Karwa Chauth 2025 Date) 10 अक्टूबर को रखा जाएगा, तो आइए यहां इस दिन से जुड़ी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं -

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    करवा चौथ व्रत कब है 9 या 10 अक्टूबर? (Karwa Chauth 2025 Kab Hai?)

    हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 अक्टूबर को रात 10 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 10 अक्टूबर को रात 07 बजकर 37 मिनट पर होगा। ऐसे में करवा चौथ व्रत 10 अक्टूबर (Kab Hai Karwa Chauth 2025) को रखा जाएगा।

    करवा चौथ पूजन समय

    • शाम 05 बजकर 57 मिनट से शाम 7 बजकर 11 मिनट तक।
    • लाभ-उन्नति मुहूर्त - रात 09 बजकर 02 मिनट से 10 बजकर 35 मिनट तक।

    चंद्रोदय और पारण समय

    करवा चौथ का चांद रात में 08 बजकर 13 मिनट पर निकलेगा। इस समय व्रती चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोल सकती हैं।

    व्रत पारण के नियम

    • चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए जल में दूध, रोली, चावल और चीनी मिलाकर एक लोटे में तैयार रखें।
    • व्रत खोलने से पहले सबसे पहले छन्नी से चंद्रमा के दर्शन करें।
    • इसके बाद लोटे के जल से चंद्रमा को अर्घ्य दें और व्रत की सफलता तथा पति की दीर्घायु के लिए प्रार्थना करें।
    • चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रती महिला को उसी छन्नी से अपने पति का चेहरा देखें।
    • इसके बाद पति अपनी पत्नी को जल पिलाकर निर्जला व्रत का पारण करवाएं।
    • व्रत का पारण करने के बाद सबसे पहले पानी और फिर कोई मीठी चीज जैसे मिठाई या फल ग्रहण करें।
    • व्रत खोलने के तुरंत बाद भारी या तला-भुना भोजन खाने से बचें।
    • व्रत के बाद सात्विक भोजन ही करें।
    • इस दिन तामसिक भोजन करने से बचें।

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    अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।