Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    New Year 2024: भारत में एक नहीं पांच बार मनाया जाता है न्यू ईयर, जानें कब और क्यों मनाया जाता है इन्हें

    By Jagran News Edited By: Swati Sharma
    Updated: Sun, 31 Dec 2023 11:10 AM (IST)

    नया साल शुरू होने में अब बस कुछ ही घंटे बचे हैं। इस दिन लोग नए साल के स्वागत के लिए अपने परिजनों के साथ मिलकर पार्टी करते हैं और खुशियां मनाते हैं। यह दिन किसी त्योहार से कम नहीं होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में कुल पांच बार न्यू ईयर मनाया जाता है। जानें भारत कौन-से पांच नववर्ष मनाए जाते हैं।

    Hero Image
    एक बार नहीं बल्कि पांच बार मनाया जाता है भारत में न्यू ईयर

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। New Year 2024:  सर्वधर्म समभाव की भावना सिवाय भारत के, कहीं और शायद ही देखने को मिलती है। इसकी यही विशेषता इसे पूरे विश्व में सबसे अलग बनाता है।इस भावना की वजह यहां हर जाति और धर्म के रहने वाले लोग हैं, जो सभी तीज त्योहारों को मिलकर एक साथ मनाते हैं और एक दूसरे को शुभकामनाएं भी देते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, हर साल एक जनवरी को न्यू ईयर मनाया जाता है, जिसकी धूम पूरे देश में देखने को मिलती है। इस दिन लोग अपने प्रियजनों को मिलकर बधाई देते हैं और गिफ्ट्स और मिठाइयां आदि देते हैं। लेकिन एक जनवरी का दिन एक लौता न्यू ईयर नहीं है, जो हमारे देश में मनाया जाता है। विविधता में एकता के सूत्र को मानने वाले इस देश में, साल में पांच बार नया साल मनाया जाता है। जी हां, यह सुनने में काफी चौंकाने वाली बात लग सकती है, लेकिन यह बिल्कुल सच है। ये नव वर्ष अलग-अलग धर्म और संप्रदाय की आस्था के मुताबिक मनाए जाते हैं।

    इन नव वर्षों पर भी एक जनवरी जैसी धूम देखने को मिलती है। अलग-अलग संप्रदाय के होने के बावजूद लोग मिलकर इन नववर्षों को मनाते हैं, जो इनकी धूम को और अधिक बढ़ा देते हैं।

    यह भी पढ़ें: नए साल पर भूलकर भी न बनाएं इन्हें अपने रेजोल्यूशन का हिस्सा, नहीं तो हो सकता है नुकसान

    भारत और नववर्ष के अनेक रंग…

    नववर्ष सभी धर्म संप्रदाय के लोग भले ही अलग अलग समय में मनाते हों लेकिन उसका उत्सव पूरा देश एक साथ मिलकर मनाता है। ऐसे में आइए आज हम जानते हैं कि कब किस धर्म संप्रदाय के लोग नवबर्ष मनाते हैं-

    हिंदू नववर्ष

    चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को ही असल हिंदू नववर्ष की शुरुआत हुई थी। इसके पीछे की मान्यता है कि देव युग में ब्रह्मा जी ने इसी दिन से सृष्टि की रचना शुरू की थी । इसीलिए इस दिन को नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। इस दिन से ही विक्रम संवत की भी शुरुआत हुई थी।

    ईसाई नववर्ष

    सबसे पहले रोमन शासक जुलियस सीजर ने एक जनवरी को नववर्ष के रूप में मनाया था। लेकिन बाद में पोप ग्रेगरी ने इसमें भी कुछ संशोधन करते हुए अपने धर्म गुरु, जो कि उस समय के सबसे अच्छे धर्म गुरु थे, से मंत्रणा कर लीप ईयर को जोड़ते हुए नए ग्रेगोरियन कैलेंडर को बनाया। इसमें भी एक जनवरी को ही नववर्ष मनाया गया। तब से लेकर अब तक इसी ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार पूरे विश्व में एक जनवरी को नववर्ष मनाया जाता है।

    पारसी नववर्ष

    पारसी लोग नवरोज के रूप में 19अगस्त को नववर्ष मनाते हैं। माना जाता है कि 3000 वर्ष पूर्व इसे सबसे पहले शाह जमशेदजी ने मनाया था।

    पंजाबी नववर्ष

    सिख नानकशाही कैलेंडर के अनुसार वैशाखी के दिन से सिख धर्म के लोग अपना नववर्ष मनातें है।

    जैन धर्म नववर्ष

    दीपावली के अगले दिन से जैन समाज के लोग नववर्ष मनाते हैं। इसे वीर निर्वाण सम्वत भी कहा जाता है।

    यह भी पढ़ें:  जानें कैसे हुई नया साल मनाने की शुरुआत और क्यों लिया जाता है न्यू ईयर रेजोल्यूशन

    Picture Courtesy: Freepik