होली के अनोखे ढंग: कहीं लट्ठमार, तो कहीं जुलूस, देशभर में विविधता से भरा है रंगों का यह त्योहार
देशभर में इन दिनों होली की रौनक देखने को मिल रही है। हर साल देशभर में रंगों का यह त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस मौके पर पूरे देश में होली से जुड़ी अलग-अलग परंपराएं और मान्यताएं देखने को मिलती है। इस पर्व को मनाने का तरीका हर जगह अलग-अलग है। आइए जानते हैं भारत में कितने तरह की होली (Holi Types in India) मनाई जाती है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। रंगों का त्योहार होली बस आ ही गया है। हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा पर इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। यह हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। होली से एक या दो दिन पहले होलिका दहन होता है। होलिका दहन का यह पर्व, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होता है। इस साल 14 मार्च को होली मनाई जाएगी इस त्योहार से जुड़ी कई सारी मान्यताएं ( Holi traditions in India) और परंपराएं प्रचलित हैं।
साथ ही इसे मनाने का तरीका भी काफी अलग होता है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे देश के अलग-अलग राज्यों में होली मनाने की विभिन्न परंपराओं के बारे में। आइए जानते हैं देशभर में कैसे मनाते हैं रंगों का त्योहार (Holi Celebration types in India)-
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उत्तराखंड में कुमाऊंनी होली
उत्तराखंड में होली का अलग रंग देखने को मिलता है। यहां कुमाऊं के आसपास के क्षेत्र में कुमाऊंनी होली मनाई जाती है। आम होली सेलिब्रेशन से अलग यहां रंगों से उत्सव मनाने से ज्यादा एक संगीतमय आयोजन किया जाता है। यह किसानों के लिए बुवाई के मौसम की शुरुआत का संकेत देता है। यहां होलिका दहन होता है, जिसे अक्सर 'चीर' कहा जाता है। साथ ही यहां लोग पारंपरिक कपड़े पहनकर खारी गीत गाते हैं और समूहों में डांस करते हैं।
उत्तर प्रदेश में लट्ठमार होली
उत्तर भारत में खेली जाने वाली लट्ठमार होली देश ही नहीं विदेशों में भी काफी प्रचलित है। खासतौर पर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली राज्यों में, होली को बेहद खास तरीके से मनाया जाता है। यहां लोग होलिका दहन करते हैं और फिर एक साथ नाचते-गाते और एक-दूसरे पर रंग-गुलाल फेंकते हैं। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत और सर्दियों के अंत का प्रतीक है।
महाराष्ट्र- मध्य प्रदेश में रंग पंचमी
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में होली को रंग पंचमी के तौर पर मनाया जाता है। मध्य प्रदेश में होली के दिन लोग गुलाल से सूखी होली खेलते हैं और रंग पंचमी के मौके पर रंगों के साथ गीली होली खेलते हैं। इसी तरह महाराष्ट्र में भी इस दिन लोग अलग-अलग रंगों के गुलाल से खेलते हैं, ढोल पर नाचते-गाते हैं और पारंपरिक मिठाइयों और नमकीन का लुत्फ उठाते हैं।
आंध्र प्रदेश में मेदुरु होली
दक्षिणी भारत में स्थित आंध्र प्रदेश में होली को 'मेदुरु होली' के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर यहां लोग जुलूस में भाग लेते हैं, जिसमें पारंपरिक संगीत और नृत्य करते हुए लोग एक-दूसरे को एक-दूसरे पर रंग-गुलाल फेंकते हैं। एक रिवाज के मुताबिक यहां भगवान कृष्ण के भक्ति भजनों को भी गाया जाता है।
बंगाल में बसंत उत्सव और डोल जात्रा
बंगाल में होली के पर्व को बसंत उत्सव के रूप में मनाया जाता है। दरअसल, उत्सव वसंत की शुरुआत का संकेत होता है। वहीं, मुख्य होली के समारोह में डोल जात्रा का आयोजन होता है। होली वाले दिन यानी पूर्णिमा को राधा और कृष्ण की मूर्तियों को सड़कों पर घुमाया जाता है। इस दौरान पुरुष परेड करते हुए पानी और रंग छिड़कते हैं, ताकि इस पर्व की खुशी दोगुनी हो जाए।
केरल में मंजल कुली
कोंकणी और कुडुम्बी समुदायों द्वारा मनाए जाने वाले इस शांतिपूर्ण त्योहार के दौरान लोग मंदिरों में जाते हैं और लोकगीतों और जलरंगों के साथ जश्न मनाते हैं। ये रंग हल्दी से बनाए जाते हैं।
पंजाब की होला मोहल्ला
पंजाब में होली के दिन होला मोहल्ला मनाया जाता है। होली का यह रूप खास तौर पर निहंग सिखों द्वारा मनाया जाता है। यह असल में एक योद्धा होली की तरह होता है। यह आमतौर पर होली के एक दिन पहले मनाया जाता है और इस दौरान लोग मार्शल आर्ट का प्रदर्शन करते हुए हैं।
बिहार का फगुआ
बिहार में भी होली के त्योहार को काफी धूमधाम से मनाया जाता है। यहां इसे फगुआ कहा जाता है। इस पर्व को मनाने से पहले यहां भी होलिका दहन किया जाता है और फिर लोकगीतों, पानी और रंगों के साथ होली मनाई जाती है।

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