खरीदने जा रही हैं 'जरी' वाली साड़ी, तो जान लें कैसे करें असली-नकली की पहचान; वरना डूब जाएंगे सारे पैसे
भारत में जरी की कढ़ाई वाली साड़ियां खूब पहनीं जातीं हैं। हालांकि आजकल असली और नकली की पहचान करना मुश्किल हो गया है। अगर आप जरी वाली साड़ी खरीदने जा रही हैं तो उसकी पहचान करना जरूरी है। हमने आपको कुछ टिप्स दिए हैं जिससे आप असली-नकली जरी की पहचान कर सकते हैं।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हमारे यहां भारत में कई तरह के ट्रेडिशनल ड्रेस पहने जाते हैं। साड़ी और लहंगा से लेकर कुर्ता पजामा तक, हर पाेशाक का अपना ही महत्व है। हर राज्य में अलग-अलग तरह के ड्रेस पहने जाते हैं। इन्हें खास तरह से डिजाइन किया जाता है। साड़ी भी उन्हीं में से एक है। आजकल तो कई तरह की साड़ियां मिलने लगी हैं। इनका इतिहास भी काफी पुराना है।
साड़ियों पर कई तरह के काम किए जाते हैं। चिकनकारी हो या जरी की कढ़ाई वाली साड़ी, इन्हें पहनने पर रॉयल लुक नजर आता है। भारत में जब भी साड़ी, सूट या हैवी दुपट्टे की बात होती है तो सबसे पहले जहन में चिकनकारी या जरी का ही ख्याल आता है। जिन कपड़ों पर इनकी कढ़ाई हाेती है, वे काफी महंगे भी मिलते हैं। जरी की बात करें तो कपड़ाें पर चमकदार सोने और चांदी के धागों से कढ़ाई की जाती है, जो दिखने में भी काफी सुंदर लगती है।
जरी का काम तो हर किसी को पसंद आता है। हालांकि, आज के समय में बाजारों में असली चीजें बहुत कम देखने को मिलती हैं। जानकारी न होने के चलते दुकानदार ग्राहकों से मोटी रकम लेते हैं और उन्हें नकली कढ़ाई वाले कपड़े पकड़ा देते हैं। अगर आप भी जरी की कढ़ाई वाली साड़ी, सूट या दुपट्टे खरीदने बाजार जा रही हैं तो आपको ये जानना जरूरी है कि असली-नकली की पहचान कैसे करें? हम आपको असली-नकली जरी की कढ़ाई पहचानने का तरीका बताने जा रहे हैं।
चमक पर दें ध्यान
जरी का काम उसकी चमक को दर्शाता है। आप जब सोना-चांदी खरीदते हैं तो जो चमक नजर आती है, ठीक वैसे ही जरी के कामों पर भी होता हे। अगर चमक फीकी है तो इसका साफ मतलब है कि ये नकली है। इसे खरीदने से पहले बाहर आकर रोशनी में इसकी कढ़ाई जरूर चेक करें।
वजन चेक करें
असली जरी वाली कढ़ाई का भार ज्यादा होता है। जब आप जरी वाले कपड़ों को हाथ में उठाएंगे तो आपको ठोसपन महसूस होगा। अगर आपको ऐसा महसूस नहीं हाे रहा है तो ये नकली हो सकता है।
बुनाई पर दें ध्यान
आपको बता दें कि असली जरी वर्क में कोई भी धागा बाहर नहीं निकलता है। इसमें बड़ी बारीकी से काम किया गया होता है। दरअसल, असली जरी में रेशम या कॉटन के धागे का इस्तेमाल किया गया होता है, जिस पर सोने या चांदी की परत चढ़ी होती है। ऐसे में अगर साड़ी या दुपट्टे में कोई भी धागा रगड़ने पर बाहर आ जाए तो आप इसे न खरीदें, वरना आपके पैसे बर्बाद हो सकते हैं।
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सर्टिफिकेट मांगें
जब भी आप कपड़े खरीदें ताे इसका सर्टिफिकेट जरूर मांगें। दरअसल, बड़े ब्रांड्स या दुकानदार ग्राहकों को यह असली जरी का सर्टिफिकेट जरूर देते हैं।
बर्न टेस्ट भी करें
आप एक और तरीके से असली-नकली जरी की पहचान कर सकते हैं। कपड़े से एक छोटा सा धागा लें। उसे जलाकर चेक करें। अगर इसकी कढ़ाई असली होगी तो धागा बिल्कुल भी नहीं जलेगा।
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