Hemant Soren News: पहली बार सोरेन परिवार से छिनी मुख्यमंत्री की कुर्सी, जानिए अचानक कैसे बदली झारखंड की सियासत
बिहार से अलग होकर झारखंड का गठन 15 नवंबर 2000 को हुआ। झारखंड राज्य के गठन होने के बाद से शिबू सोरेन परिवार के ही सदस्यों को जब मौका मिला मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए लेकिन यह पहला मौका है और परिस्थिति ही कुछ ऐसी बन गई कि सोरेन परिवार के सदस्यों से बाहर शिबू सोरेन के करीबी चम्पाई सोरेन को मुख्यमंत्री बनवाना सोरेन परिवार की मजबूरी बन गई।
जागरण संवाददाता, सरायकेला। बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य का गठन 15 नवंबर 2000 को हुआ था। झारखंड राज्य के गठन होने के बाद से शिबू सोरेन परिवार के ही सदस्यों को जब मौका मिला मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए, लेकिन यह पहला मौका है और परिस्थिति ही कुछ ऐसी बन गई कि सोरेन परिवार के सदस्यों से बाहर शिबू सोरेन के करीबी चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनवाना सोरेन परिवार की मजबूरी बन गई।
जमीन धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से पूर्व हेमंत सोरेन ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया था, जिसके बाद चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता बनाया गया और फिर चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ 2 फरवरी 2024 को ली।
11 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने थे शिबू सोरेन
झारखंड गठन के बाद तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार शिबू सोरेन ने 2 मार्च 2005 को शपथ लिया था। वे 12 मार्च तक 2005 तक 11 दिन के लिए मुख्यमंत्री रहे। फिर दोबारा 27 अगस्त 2008 से 18 जनवरी 2009 तक शिबू सोरेन मुख्यमंत्री रहे। फिर शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन 13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2019 तक मुख्यमंत्री रहे।
फिर दोबारा हेमंत सोरेन 29 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री बने और 31 जनवरी 2024 को उन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया, जिसके बाद हेमंत सोरेन की पत्नी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए चर्चा हो रही थी, लेकिन उसका विरोध हेमंत सोरेन की भाभी सह विधायक सीता सोरेन ने कर दिया। इसके बाद सोरेन परिवार से मुख्यमंत्री की कुर्सी निकल कर चंपई सोरेन के पास पहुंची।
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