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    Tender Commission Scam: आलमगीर के सचिव को किसने पहुंचाए 53 करोड़ रुपये? ED ने कोर्ट में बताया सब कुछ

    Updated: Tue, 20 Aug 2024 02:21 PM (IST)

    टेंडर कमीशन घोटाले में मनी लॉड्रिंग के तहत ईडी की जांच जारी है। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने पीएमएलए कोर्ट में कई अहम जानकारियां दी। ईडी ने कोर्ट में बताया कि आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के निर्देश पर टेंडर कमीशन में 53 करोड़ रुपये की वसूली की गई थी। ठेकेदार मुन्ना सिंह ने ये रुपए अपने छोटे भाई के जरिए संजीव लाल को भिजवाए थे।

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    टेंडर कमीशन घोटाले की पीएएल कोर्ट में हुई सुनवाई (सांकेतिक तस्वीर)

    दिलीप कुमार, रांची। Jharkhand News टेंडर कमीशन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के तहत जांच कर रही ईडी ने पीएमएलए की रांची स्थित विशेष अदालत में इस घोटाले से संबंधित कई अहम जानकारियां दी है।

    ईडी ने कोर्ट को बताया है कि इस घोटाले में ग्रामीण विकास विभाग के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam), उसके निजी सचिव संजीव लाल व संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

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    पूर्व में संजीव लाल व उसके नौकर के ठिकाने पर छापेमारी हुई थी, जहां जहांगीर आलम के आवास से 32 करोड़ 20 लाख रुपये व ठेकेदार मुन्ना सिंह के ठिकाने से 2.93 करोड़ रुपये बरामद किए गए थे। बरामद रुपयों के संबंध में ईडी ने जहांगीर आलम व मुन्ना सिंह का बयान भी लिया था।

    मुन्ना सिंह ने पूछताछ में क्या बताया?

    मुन्ना सिंह ने पूछताछ में यह स्वीकार किया है कि उसने संजीव लाल के निर्देश पर टेंडर कमीशन में 53 करोड़ रुपये की वसूली कर अपने छोटे भाई संतोष कुमार उर्फ रिंकू सिंह के माध्यम से संजीव लाल को भिजवाया था। ये रुपये सात लोगों से वसूले गए थे, जिन्हें ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर मिला था और उक्त राशि कमीशन के थे।

    रिंकू सिंह ने उक्त राशि संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम को अलग-अलग तिथियों में दिया था। जिन सात लोगों से ये 53 करोड़ रुपये वसूले गए थे, उनमें राजीव कुमार, संतोष कुमार, राजकुमार टोप्पो, अजय कुमार, अशोक कुमार गुप्ता, अजय तिर्की व अमित कुमार शामिल हैं।

    रिंकू सिंह ने वसूली की उक्त राशि संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम को दिया था। जहांगीर आलम ने उसे अपने हरमू रोड के सर सैयद रेसिडेंसी स्थित फ्लैट संख्या 1ए में रखा था।

    ईडी की छानबीन में यह भी जानकारी मिली है कि उक्त 53 करोड़ रुपये ग्रामीण कार्य विभाग (आरडब्ल्यूडी), झारखंड राज्य ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकार (जेएसआरआरडीए) व रूरल डेवलपमेंट स्पेशल डिविजन (आरडीएसडी) के सहायक अभियंता, कार्यपालक अभियंता व अन्य ने संजीव कुमार लाल के निर्देश पर विभिन्न ठेकेदारों से वसूले थे।

    60 बार में अलग-अलग बैग-झोले में ढोए 32.20 करोड़ रुपये

    ईडी की पूछताछ में संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम ने यह स्वीकारा है कि उसके फ्लैट से बरामद 32.20 करोड़ रुपये संजीव लाल के ही थे। वहां से जो दस्तावेज मिले थे, वे संजीव लाल, संजीव लाल की पत्नी रीता लाल व बेटे शास्वत लाल के थे।

    ये 32.20 करोड़ रुपये संजीव लाल के निर्देश पर उनके नौकर जहांगीर आलम ने स्कूटी से 60 बार में अलग-अलग बैग-झोले में ढोए थे। ये रुपये अलग-अलग बैग-झोले में उसे ठेकेदार मुन्ना सिंह के भाई रिंकू सिंह उर्फ संतोष कुमार ने उसे अलग-अलग तिथियों में रानी अस्पताल के समीप अभिनंदन मैरेज हाल के सामने दिए थे।

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