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Jharkhand News: डायन कुप्रथा के मामले में प्रताड़ित महिलाओं को वापस मिल रही उनकी गरिमा, झारखंड सरकार चला रही है ये योजना

Jharkhand News डायन कुप्रथा उन्मूलन के लिए झारखंड सरकार जेएसएलपीएस के माध्यम से एक परियोजना चला रही है। डायन बिसाही के शक में कई महिलाओं को तरह-तरह के जुल्म सहना पड़ता है। डायन कुप्रथा के मामले में प्रताड़ित होने वालों की गरिमा फिर से वापस मिलने लगी है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Tue, 15 Mar 2022 07:19 AM (IST)Updated: Tue, 15 Mar 2022 07:21 AM (IST)
Jharkhand News: डायन कुप्रथा के मामले में प्रताड़ित महिलाओं को उनकी गरिमा वापस के लिए झारखंड सरकार चला रही योजना

खूंटी, (दिलीप कुमार)। Jharkhand News डायन कुप्रथा के मामले में प्रताड़ित होने वालों की गरिमा फिर से वापस मिलने लगी है। इस कुप्रथा के शक में कई महिलाओं का जीना मुहाल हो जाता है। डायन बिसाही के शक में कई महिलाओं को तरह-तरह के जुल्म सहना पड़ता है। अंधविश्वास की चपेट में आने वाली महिलाएं समाज उपेक्षा का शिकार होती हैं। ऐसे में समाज में रहकर गुजर-बसर करना उनके लिए परेशानी भरा हो जाता है। ऐसे प्रताड़ित महिलाओं के लिए सरकार आशा की नई किरण लेकर आई है।

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डायन कुप्रथा उन्मूलन के लिए चल रही है गरिमा परियोजन

बता दें कि डायन कुप्रथा उन्मूलन के लिए झारखंड सरकार झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी यानि जेएसएलपीएस के माध्यम से गरिमा परियोजना चला रही है। इस अभियान के तहत डायन बताकर प्रताड़ित की गई महिलाओं को ना सिफ चिह्नित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें सखी मंडल से जोड़कर स्वावलंबी बनाया जा रहा है। इस कुप्रथा से पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता देने के साथ उनका मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग भी कराया जा रहा है। ऐसा कर डायन बिसाही के नाम पर प्रताड़ित होने वाली महिलाओं का सामाजिक गरिमा फिर से दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार की महत्वाकांक्षी गरिमा परियोजना के तहत अभियान चलाए जाने के बाद से महिलाएं इस मामले में जागृत हो रही हैं।

घीरे-धीरे कम होता जा रहा है मामला

आपको बता दें कि डायन बिसाही का मामला गांवों में अब घीरे-धीरे कम होता जा रहा है। डायन बिसाही को बढ़ावा देने वाले ऐसे मामलों को गांव की दीदियों ने सिरे से खारिज कर रही हैं। खूंटी जिले में वर्ष 2020 व 2021 में डायन प्रताड़ना के कुल 24 घटनाएं घटी है, इनमें 17 मामलों में थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। 2020 व 2021 में पुलिस ने डायन बिसाही के शक में प्रताडि़त करने के आरोप में 38 आरोपितों को जेल भेजा है।

झारखंड के सात जिलों में चल रहा परियोजना

डायन कुप्रथा उन्मुलन के लिए झारखंड सरकार जेएसएलपीएस के माध्यम से झारखंड के सात प्रभावित जिलों में गरिमा परियोजना चला रही है। इनमें खूंटी के अलावा सिमडेगा, गुमला, सरायकेला, लोहरदगा, पूर्वी सिंहभूम व पश्चिम सिंहभूम जिला शामिल है। इसके तहत खूंटी जिले के चार प्रखंड खूंटी, तोरपा, रनिया व मुरहू को चिन्हित कर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। चारों प्रखंड के 220 गांवों में बदलाव मंच सह सुरक्षा समिति का गठन किया गया है। इन प्रखंडों में कुल मिला कर 373 ग्राम संगठन और 3891 स्वयं सहायता समूह है। इस अभियान के तहत जिले में अबतक 275 पीडि़ता निकल कर आई है। चारों में प्रखंडों में गरिमा परियोजना के अंतर्गत कुल 329 ग्राम संगठन में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया गया है। इस कुप्रथा को जड़ से मिटाने के लिए जिला व प्रखंड स्तर पर अनुश्रवण समिति का गठन किया गया है। हर महीने अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा सभी विभागों के साथ समन्वय बैठक भी की जाती है। जिसके कारण पांच पीड़िताओं को थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने में सफलता मिला है। जिसमे से कुछ आरोपितों को जेल भी भेजा जा चुका है।

पीड़ितों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास

जिले में डायन कुप्रथा से प्रताड़ित होने वाले पीड़ितों को सरकार के लाभकारी योजनाओं से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। अभियान के बाद प्रखंड स्तर पर जन सुनवाई का आयोजन कर के पीड़ितों को सरकारी योजना का मुहैया कराने और न्याय दिलाने में सहयोग किया जा रहा है। सभी चिह्नित पीड़िताओं को सामाजिक व मनोवैज्ञानिक परामर्श दी जा रही है। इनमें 33 पीड़िताओं को जेएसएलपीएस अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं के तहत कैडर के रूप में जोड़ा गया है। 93 पीड़िताओं को विभिन्न आजीविका गतिविधि से जोड़ा गया है। आठ पीड़िताओं के साथ आर्ट थेरेपी और 180 का ई-श्रम कार्ड बनाया गया है। सभी गांव के ग्राम प्रधान को गरिमा परियोजना के तहत ग्राम सभा में जा कर उन्मुखीकरण करने के साथ-साथ शपथ दिलाया जा रहा है व नियम बनाया जा रहा है। जिले में सखी मंडल की दीदी एवं इच्छुक पीड़ितों को मिला कर पांच नुक्कड नाटक की टीम बनाया गया है।


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