रेलवे से जुड़ अपने कारोबार बढ़ाएंगे जमशेदपुर के लघु उद्योग
जमशेदपुर, आदित्यपुर व आसपास की औद्योगिक इकाइयों को जल्द अपने कारोबार बढ़ाने के लिए रेलवे से मौका मिलेगा। दक्षिण-पूर्व रेलवे की ओर से इस दिशा में पहल शुरू की गई है।
जमशेदपुर (जमशेदपुर) : जमशेदपुर, आदित्यपुर व आसपास की औद्योगिक इकाइयों को जल्द अपने कारोबार बढ़ाने के लिए व्यापक फलक मिल सकता है। यह व्यापकता उन्हें भारतीय रेल की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। अबतक ज्यादातर सूक्ष्म एवं लघु उद्योग टाटा स्टील व टाटा मोटर्स को ही आपूर्ति करने के लिए उत्पाद तैयार करती रही हैं। रेलवे की जरूरतों को पूरा करने की क्षमता भी उनमें है। साउथ इस्टर्न रेलवे की ओर से नेशनल स्माल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन के साथ बिष्टुपुर स्थित होटल रमाडा में वेंडर डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इसमें शामिल शहर व आसपास के लघु उद्योगों को बताया गया कि रेलवे को अपनी विभिन्न इकाइयों के लिए किस तरह की चीजों की जरूरत है। उन्हें इज ऑफ डूइंग विद रेलवे की प्रक्रिया भी समझाई गई।
मेक इन इंडिया के तहत बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया पॉलिसी को बढ़ावा देते हुए रेलवे ने स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं को प्राथमिकता देने का निर्णय किया है। इसके तहत तय किया गया है कि 50 लाख या इससे कम मूल्य की आपूर्ति के लिए लोकल आपूर्तिकर्ताओं को ही प्राथमिकता दी जाएगी। जमशेदपुर के सैकड़ों उद्योगों के पास वह क्षमता है जो रेलवे के लिए स्पेयर पार्ट्स, कलपुर्जे बनाकर उपलब्ध करा सके। वेंडर्स मीट में दक्षिण-पूर्व रेलवे के प्रिंसिपल चीफ मैटीरियल्स मैनेजर रत्नाकर पांडेय, दक्षिण-पूर्व रेलवे खड़गपुर के डिप्टी चीफ मैटीरियल्स मैनेजर डीएलएन प्रभाकर, नेशनल स्माल इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन के सीनियर ब्रांच मैनेजर बीके मित्रा सहित अन्य वरीय पदाधिकारी शामिल थे।
रेलवे के इन विभागों की जरूरतें होंगी पूरी
रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन (आरडीएसओ)
रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला
चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई
डीजल लोकोमोटिव वर्क्स वाराणसी
समय पर आपूर्ति से मेंटेनेंस की जरूरतें हो सकेंगी पूरी : रत्नाकर पांडेय
हम आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। एलएचबी कोच,्र अत्याधुनिक व अधिक क्षमतावाली रेल इंजनों का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही रेलवे की जरूरतें भी बढ़ रही हैं। कई ऐसे छोटे-मोटे कलपुर्जे और अन्य सामग्रियां हैं जिनकी बड़ी मात्रा में जरूरत है। इस जरूरत को जमशेदपुर की लघु व सूक्ष्म औद्योगिक इकाइयां पूरी कर सकती हैं। यह कहना था कोलकाता गार्डेनरीच से आए दक्षिण-पूर्व रेलवे के प्रिंसिपल चीफ मैटीरियल्स मैनेजर रत्नाकर पांडेय का। उन्होंने कहा कि रेलवे केवल मेंटीनेंस पर ही हर साल 450 करोड़ खर्च करती है। इसका लाभ यहां के उद्योग उठा सकते हैं।