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छह साइबर ठगों को 10 साल की सश्रम कारावास

17 सितंबर 2020 को दर्ज की गई थी प्राथमिकी पीएम केयर के नाम पर ठगी ऋचा श्रीवास्तव की कोर्ट न

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 07:54 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 07:54 PM (IST)
छह साइबर ठगों को 10 साल की सश्रम कारावास

17 सितंबर 2020 को दर्ज की गई थी प्राथमिकी, पीएम केयर के नाम पर ठगी

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ऋचा श्रीवास्तव की कोर्ट ने सुनाई सजा, 1.30 लाख का जुर्माना भी

संवाद सहयोगी, हजारीबाग : सीजेएम ऋचा श्रीवास्तव की कोर्ट ने 17 सितंबर 2020 को सदर थाना में दर्ज 125- 20 तथा 125 -20 में सुनवाई पूरी करते हुए पीएम केयर नामक फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी करने वाले सात में से छह ठगों को 10 साल की सश्रम कारावास तथा 1.30 लाख जुर्माना का सजा सुनाई है। करीब दो घंटे की चली लंबी बहस के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। फैसला को लेकर सीजेएम कोर्ट में बडी संख्या में लोग उपस्थित थे और दोषी करार दिए गए सभी छह आरोपितों को भी बुलाया गया था। सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता सुनील कुमार सिंह ने बहस पूरी की। 15 गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए वहीं दो दर्जन से अधिक साक्ष्य दस्तावेज के रूप में पेश किए गए। साइबर ठगों को किसी प्रकार की सजा का यह हजारीबाग में पहला मामला है। रिकार्ड 14 माह के अंदर पुलिस ने जांच और कोर्ट ने कार्यवाही पूरी करते हुए सजा सुनाया है।

कोर्ट ने मास्टरमाइंड और साफ्टवेयर अभियंता बिहार के नालंदा निवासी रौशन कुमार को आइपीसी की धारा 420 के तहत छह साल व 50 हजार तथा आइटी एक्ट की धारा 66 सी के तहत चार साल व 70 हजार का जुर्माना लगाया है। इसके अलावा सह आरोपी मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के लाखे निवासी दो भाई मो. इफ्तेखार तथा नूर हसन को आईपीसी की धारा 420 के तहत पांच साल व 40 हजार तथा आईटी एक्ट की धारा 66 सी के तहत 2.5 साल व 50 हजार का जुर्माना लगाया है। इसी तरह सदर प्रखंड के गुरहेत निवासी सह आरोपी विकास कुमार, बब्लू तथा रोहित को कोर्ट ने आईपीसी की धारा 420 के तहत चार साल व 30 हजार तथा आईटी एक्ट की धारा 66 सी के तहत दो साल व 70 हजार का जुर्माना लगाया है।

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दोनों सजाएं अलग-अलग चलेगी, पहली बार सुनाई गई सजा

दोषी करार दिए गए साइबर अपराधियों पर यह पहला मौका है जब कोर्ट ने सश्रम कारावास की सजा सुनाते हुए इसे अलग अलग पूरा करने का निदेश दिया गया है। ज्ञात हो कि ठगों ने हजारीबाग यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक बैंक में अकाउंट खुलवा कर लोगों से पीएम केयर रिलीफ फंड में दान देने की अपील की थी। इसके बाद लोग इन ठगों के गिरफ्त में आ गए और लगभग 52 लाख 58 हजार रुपये इन दोनों अकाउंट में जमा करा दिया था। दोनों बचत खाता था और लगातार हो रही लाखों रुपये की निशानदेही पर सशंकित पंजाब नेशनल बैंक बड़ी बाजार शाखा के मैनेजर सुजीत कुमार सिंह और यूनियन बैंक शाखा अन्नदा चौक के मैनेजर अमित कुमार ने उक्त खाता को सर्च किया, तो दोनों खाता के खाताधारक सगे भाई नूर हसन और मो. इफ्तेखार निकले। दोनों प्रबंधकों के आवेदन पर सदर थाना में तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नीरज सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की थी।

फरार सरगना की तलाश नहीं कर सकी पुलिस

पूरे मामले में ठगी का सरगना परमेश्वर साव को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी। आज भी वह फरार है। पुलिस ने छापेमारी में परमेश्वर साव के अल्टो कार से लेकर लैपटाप, दो दर्जन विभिन्न बैंकों के चेकबुक, एटीएम, पासबुक सहित अन्य दस्तावेज बरामद किया था।


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