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सरकारी अस्पताल में प्रसूता से हो रही पैसे की वसूली

गिरिडीह संस्थागत प्रसव कराने को लेकर सरकार लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करती है। साथ ही

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 08:50 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 11:57 PM (IST)
सरकारी अस्पताल में प्रसूता से हो रही पैसे की वसूली

गिरिडीह : संस्थागत प्रसव कराने को लेकर सरकार लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करती है। साथ ही सरकारी अस्पताल में प्रसव को आने वाली गर्भवती को कई तरह की मुफ्त सेवा प्रदान की जाती है लेकिन, चैताडीह स्थित मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई में प्रसव कराने से लेकर गेट पास तक के लिए अवैध तरीके से अलग अलग रेट निर्धारित कर रखा गया है। उक्त इकाई में प्रसूता से रुपये वसूले जाने का मामला लगभग प्रतिदिन सामने आता है। इसकी शिकायत भी संबंधित पदाधिकारी से की जाती है। शिकायत मिलने के बाद कभी कभार कार्रवाई भी की जाती है इसके बाद भी यहां अवैध वसूली, प्रसूता को बरगला कर प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

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इधर इस बारे में सदर प्रखंड अंतर्गत टीकोडीह गांव निवासी राजू साव ने स्वास्थ्य मंत्री के पत्र भेजकर मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई में की जा रही अवैध वसूली पर रोक लगाने एवं जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्रेषित पत्र में लिखा गया है कि मंगलवार को वह पत्नी का प्रसव कराने मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य इकाई चैताडीह गया था। सरकारी अस्पताल होने के कारण गर्भवती को वहां सभी सुविधाएं मुफ्त में प्रदान की जानी चाहिए थी, लेकिन उससे ओटी में आठ सौ रुपये, बीसीजी टीका के लिए पचास रुपये, जच्चा-बच्चा कार्ड के लिए पचास रुपये, प्रसव के बाद छुट्टी कराने के लिए सौ रुपये, गेट पास के लिए 20 रुपये लिए गए। कहा कि रुपये नहीं देने पर कोई कार्य नहीं होता है।

दूसरी ओर गौर करें तो जुलाई माह में भी पीरटांड़ प्रखंड क्षेत्र के सांसद प्रतिनिधि व कई पंचायत प्रतिनिधियों ने सिविल सर्जन, उपायुक्त समेत संबंधित पदाधिकारियों को आवेदन देकर शिशु देखभाल कक्ष में आउटसोर्सिंग के माध्यम से तैनात दाई पर पीरटांड़ क्षेत्र से आने वाली गर्भवतियों पर कई तरह का दबाव बनाने का आरोप लगाया गया था। इधर एक अन्य मामले में मातृत्व एवं शिशु इकाई चैताडीह से गर्भवतियों को बरगला कर प्राइवेट नर्सिंग होम ले जाने की शिकायत पर सिविल सर्जन ने आरोपित आउटसोर्सिंग कर्मी काउंसिलर यशोदा देवी को काम से हटा दिया है।


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