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    Maiya Samman Yojana: मंईयां सम्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, 95 आवेदनों में जोड़ दिया एक ही बैंक खाता

    Updated: Wed, 29 Jan 2025 10:49 PM (IST)

    झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। बोकारो जिले में 11200 से अधिक फर्जी आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। पश्चिम बंगाल के युसूफ नाम के व्यक्ति के बैंक खाते का इस्तेमाल 95 बार किया गया है। जांच में पता चला है कि इंडसइंड बैंक में ही ऐसे ज्यादातर बैंक खाते खुले हैं। उपायुक्त ने खाता धारक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, बोकारो। बोकारो जिले में मंईयां सम्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिले में मंईयां सम्मान योजना की वेबसाइट को भेदकर 11,200 डुप्लीकेट आवेदन डाल दिए गए हैं।

    योजना का लाभ लेने के लिए बड़ी साजिश भी रची गई है। एक ही व्यक्ति के बैंक खाते को कई आवेदनों से जोड़ दिया गया है, ताकि लाभुक कोई भी हो, राशि उसी व्यक्ति के खाते में जाए।

    बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के पतागोड़ा, बड़ाखांती निवासी यूसुफ नामक व्यक्ति के बैंक खाता संख्या 100253387047 का इस्तेमाल 95 बार किया गया।

    इन सभी आवेदनों की इंट्री झारखंड राज्य के पलामू जिले के मेदिनीनगर स्थित प्रज्ञा केंद्र के संचालक (सीएससी वीएलई) सुमीत कुमार के आइडी सं. 542316220013 से किया गया।

    युसूफ के खाते का उपयोग अलग-अलग नाम से अलग-अलग प्रखंडों से कुल 95 बार हुआ। इसमें से सबसे अधिक चास प्रखंड – चास नगर निगम क्षेत्र से कुल 67 बार एवं गोमिया प्रखंड से 28 बार आवेदन किया गया है।

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    मामला पकड़ में आने के बाद बोकारो के उपायुक्त ने खाताधारक के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है।

    उपायुक्त विजया जाधव के आदेश पर हुई जांच के क्रम में यह पता चला है कि इंडसइंड बैंक में ही ऐसे ज्यादातर बैंक खाते खुले हैं।

    इस दौरान दर्ज राशन कार्ड संख्या भी गलत अंकित है, जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने जांच के क्रम में इसकी पुष्टि की है।

    वहीं, सभी नामों के उपनाम में किस्कू, हांसदा और मुर्मू शब्द जोड़ा गया है। 21 नवंबर 2024 को एक ही साथ कई बार आवेदन किए गए हैं।

    स्वीकृति के क्रम में कई आवेदनों को बीडीओ और सीओ स्तर से स्वीकृत भी कर दिया गया था। हालांकि खाते में राशि नहीं गई थे।

    जिला प्रशासन का कहना है कि उपायुक्त ने पहले ही निर्देश दे रखा था कि एक खाते पर एक से ज्यादा एंट्री होने की स्थिति में राशि हस्तांतरित नहीं की जाए। इस कारण राशि का हस्तांतरण खातों में नहीं किया गया था।

    जैप आइटी के सॉफ्टवेयर में सेंध

    • मंईयां सम्मान योजना का सॉफ्टवेयर जैप आइटी ने तैयार किया था। सॉफ्टवेयर में पीएच कार्डधारियों का डाटा तो स्वतः राशन कार्ड के साथ अंकित हो जाता था, पर सादा व अन्य कार्ड के मामले में यह इंट्री करने वाले को आगे बढ़ने की अनुमति देता था।
    • सूत्रों का कहना है कि जो राशन कार्ड नंबर युसुफ के लिए प्रयुक्त हुआ है, उसमें 0064 से शुरुआत हुई है, जबकि पीएच कार्ड 20 से तथा सफेद कार्ड 21 से प्रारंभ हुआ है।
    • ऐसे में सॉफ्टवेयर में सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई। और तो और चुनाव पूर्व आवेदन स्वीकृत करने के चक्कर में जिले के सामाजिक सुरक्षा विभाग के सहायक निदेशक ने दो माह में डाटा को देखने की कोशिश भी नहीं की।

    दैनिक जागरण पहले उजागर कर चुका है फर्जीवाड़ा

    बोकारो के कसमार में एक पुरुष द्वारा राशि निकासी के मामले को दैनिक जागरण पहले ही उजागर कर चुका है, जिसमें प्रखंड के एक सीएससी वीएलई ने अपने नाम की एंट्री कर ली थी।

    इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने जांच प्रारंभ कर दी थी। जांच के क्रम में अब तक 11,200 डुप्लीकेट आवेदन सामने आ चुके हैं।

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