ऑपरेशन महादेव में मारे आतंकी हबीब के परिजनों ने लश्कर कमांडर को पीटा, बोले- हमारे बच्चों को बना रहे मौत का सौदागर
पहलगाम हमले के आतंकियों को लश्कर-ए-तैयबा ने तैयार किया था। ऑपरेशन महादेव में मारे गए आतंकी हबीब ताहिर की नमाज-ए-जनाजा में लश्कर कमांडर के पहुंचने पर स्थानीय लोगों ने विरोध किया और उसे पीटा क्योंकि वे बच्चों को जिहादी एजेंडे के लिए इस्तेमाल कर रहे थे। ग्रामीणों ने कमांडर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को लश्कर-ए-तैयबा ने ही तैयार कर भेजा था। यही कारण है कि जब आपरेशन महादेव में मारे गए तीन आतंकियों में से एक हबीब ताहिर उर्फ छोटू की गायबाना नमाज-ए-जनाजा में जब लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर पहुंचे तो स्थानीय लोगों ने उन्हें पीटा ।
गुलाम जम्मू-कश्मीर के लोगों ने आरोप लगाया कि लश्कर-ए-तैयबा उनके बच्चों को अपने तथाकथित जिहादी एजेंडे के लिए चारा बना रहा है। लोगों ने लश्कर कमांडर को वहां से भागने पर मजबूर कर दिया। यही नहीं उसके खिलाफ स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत भी दर्ज कराई है।
आपको बता दें कि श्रीनगर के साथ सटे दाचीगाम हारवन में 28 जुलाई 2024 को सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन महादेव में तीन पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया। ये तीनों 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में 26 नागरिकों की हत्या में शामिल थे।
इसके अलावा यह बीते वर्ष गगनगीर सोनमर्ग में सात नागरिकों की हत्या के लिए भी जिम्मेदार थे। इन तीन आतंकियों में पहलगाम हमले का मुख्य गुनाहगार अपने दो अन्य साथियों संग मारा गया था। उसके दो अन्य साथियों में एक गुलाम जम्मू कश्मीर का हबीब ताहिर निकला।
हबीब ताहिर गुलाम जम्मू कश्मीर में रावलाकोट के साथ सटे कोइयां खेई गाला का रहने वाला है। वह जम्मू कश्मीर स्टुडेंटस लिबरेशन फ्रंट का कैडर था और बताया जाता है उसे लश्कर-ए-तैयबा के मजहबी गतिविधियों पर केंद्रित संगठन जमातुल दावा के रिकूटर अनीस रिजवान ने जिहादी गतिविधियों के लिए तैयार किया था।
अनीस रिजवान के बारे में कहा जाता है कि वह भी कश्मीर में सक्रिय रह चुका है। बीते कुछ वर्षाें से वह गुलाम जम्मू कश्मीर के विभिन्न इलाकों में घूम-घूम कर स्थानीय युवाओं को विशेषकर कालेज और मदरसा छात्रों को गुमराह कर कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार करता है। उसकी और हबीब ताहिर की तस्वीरें और वीडियो भी हैं।
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हबीब ताहिर की मौत की खबर मिलने के बाद से उसके गांव में लोग गुस्से में थे। उसकी मौत पर गत शुक्रवार को कोईयां में स्थानीय ग्रामीणों ने गायबाना नमाज-ए-जनाजा का आयोजन किया था। उसके परिजनों ने अपने गांव की मस्जिद से एलान कराया था कि हबीब के गायबाना नमाज-ए-जनाजा में कोई भी जिहादी कमांडर या उनका कोई साथी शामिल नहीं होना चाहिए।
एलान के बावजद लश्कर-ए-तैयबा का कमांंडर रिजवान अनीस अपने कुछ साथियों के साथ वहां पहुंच गया। उसने वहां जिहादी भाषण देने का प्रयास किया तो न सिर्फ हबीब ताहिर के परिजन बल्कि अन्य ग्रामीण भी भड़क उठे।
इस पर दोनों पक्षों में बहस हो गई और इसी दौरान रिजवान के भतीजेे ने अपनी एसाल्ट राइफल लोगों पर तान ली। इसके बाद मामला बिगड़ गया और ग्रामीणों ने रिजवान व उसके साथियों पर हमला कर दिया और उन्हें बुरी तरह पीटते हुए गांव से बाहर खदेड़ दिया।
बताया जा रहा है कि इसके बाद ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस स्टेशन और एसडीएम हाडी गेल के समक्ष लिखित में रिजवान अनीस औरर उसके साथियों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराते हुए सवाल किया है कि जब इलाके में हथियारबंद लोगो के किसी जगह जमा होने पर पाबंदी है तो ये लोग कैसे घूम रहे हैं।
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बताया जा रहा है कि कोईयां और उसके आस पास के गांवों के लोगों ने एक जिरगा भी बुलाने का एलान किया है। इसमें उनके इलाके में किसी भी तरह के जिहादी संगठन के लोगों की आवाजाही और स्थानीय लड़कों की कश्मीर के नाम पर जिहादी संगठनों में भर्ती पर पूरी तरह पाबंदी लगाए जाने पर चर्चा होगी।
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