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    जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा छीनने की नीति पूरी तरह विफल, महबूबा का आरोप- अनुच्छेद 370 हटने के बाद आंतरिक स्थिति और खराब

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 06:19 PM (IST)

    अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण की छठी वर्षगांठ से पहले पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा छीनने की नीति विफल रही है। उन्होंने आंतरिक स्थिति बिगड़ने और गिरफ्तारियों का आरोप लगाया। मुफ्ती ने भाजपा की नीतियों की आलोचना की जिसके कारण पाकिस्तान से टकराव की स्थिति बनी।

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    महबूबा मुफ्ती ने राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की।

    डिजिटल डेस्क, जम्मू। अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण की छठी वर्षगांठ 5 अगस्त को मनाई जा रही है। उससे पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती श्रीनगर के बाद जम्मू में कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को भाजपा नेतृत्व की खामियां गिनाने में जुटी हुई हैं।

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    शनिवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए कहा कि पीडीपी प्रधान महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से उसका विशेष दर्जा छीनने की नीति "पूरी तरह विफल" रही है।

    जम्मू में पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुफ़्ती ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को पूरे छह साल बीत चुके हैं। उस समय जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा छीन लिया गया था और अनुच्छेद 370 को इस दावे के साथ हटा दिया गया था कि अब जम्मू-कश्मीर में सब कुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन हमने देखा है कि यह नीति पूरी तरह विफल रही है।

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    मुफ्ती ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में आंतरिक स्थिति सुधरने के बजाय और बिगड़ गई है। उन्होंने कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की जारी कार्रवाई की ओर इशारा किया।

    उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आंतरिक स्थिति खराब है। पिछले छह सालों से रोजाना गिरफ्तारियां हो रही हैं। जम्मू-कश्मीर में हालात पहले से भी बदतर हो गए हैं, हालांकि आज लोग चुप हैं। यही वजह है कि हमारा देश पाकिस्तान से टकराव की स्थिति में आ गया है। पाकिस्तान की हैसियत क्या है? उनकी अर्थव्यवस्था हमारी अर्थव्यवस्था का दसवां हिस्सा भी नहीं है, फिर भी आज पूरी दुनिया हमारी तुलना उनसे कर रही है।

    पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा की "आक्रामक नीति" और क्षेत्रीय कूटनीति पर इसके व्यापक प्रभाव की भी आलोचना की। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि दुर्भाग्य से भाजपा ने देश में ऐसा माहौल बना दिया है कि आज सभी समूह कह रहे हैं कि आप युद्धविराम पर क्यों सहमत हुए? यह भाजपा की आक्रामक नीति है।

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    अगस्त 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया। जिससे जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा प्रभावी रूप से समाप्त हो गया। यही नहीं राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया।

    अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करने के बाद से जम्मू-कश्मीर में क्षेत्रीय राजनीतिक दलों की ओर से राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग एक प्रमुख मांग रही है। 

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